साल 1969 में राजेश खन्ना की एक फिल्म आई थी ‘इत्तेफाक’. लेकिन 48 साल बाद सोनाक्षी सिन्हा, सिद्धार्थ मल्होत्रा और अक्षय खन्ना की फिल्म ‘इत्तेफाक’ रिलीज हुई है. इसमें इत्तेफाक की बात नहीं है की ये इत्तेफाक उस इत्तेफाक की रीमेक है. कहते हैं इसमें पुरानी वाली फिल्म से ज्यादा कई ट्विस्ट और सस्पेंस हैं. फिल्म को अभय चोपड़ा ने डायरेक्ट किया है.
डबल मर्डर, दो सस्पेक्ट, चालाक इनवेस्टिगेटिव ऑफिसर और जुर्म की सच्चाई जानने की कोशिश. फिल्म की कहानी 107 मिनट में समेटने की गई है.
क्या इस फिल्म में कोई इत्तेफाक है?
फिल्म की कहानी में सिद्धार्थ मल्होत्रा ब्रिटेन के एक लेखक विक्रम सेठी का किरदार निभा रहे हैं. विक्रम अपने बुक को लॉन्च करने के लिए भारत आते हैं. लेकिन इत्तेफाक से एक मर्डर हो जाता है. जिसका मर्डर होता है वो विक्रम की पत्नी थी. वहीं एक और मर्डर होता है उसका नाम भी विक्रम से जुड़ जाता है.
जिस दूसरे शख्स का मर्डर होता है वो एक वकील है. जिनकी पत्नी का किरदार सोनाक्षी सिन्हा निभा रही हैं. फिल्म में सोनाक्षी का नाम माया है. माया एक हाउस वाइफ हैं.
फिल्म में सिद्धार्थ और सोनाक्षी के अलावा एक कड़क पुलिस अफसर भी है. जिसके पास डायलॉग थोक में मिलते हैं. अक्षय खन्ना मतलब देव ही वो अफसर हैं. अक्षय की एक्टिंग और एक्सप्रेशन की मदद से सस्पेंस का अलग ही मजा है.
वहीं फिल्म में सस्पेंस का खेल इस तरह चलता है कि कभी सिद्धार्थ मल्होत्रा निर्दोष लगते हैं तो कभी शक की सुई उनपर जा रुकती है.
फिल्म में कई सवाल हैं कि मर्डर क्यों हुआ? किसने किया? क्या दोनों मर्डर एक ही इंसान ने किया? या फिर दो अलग अलग लोगों ने?
यह एक सस्पेंस थ्रिलर है ऐसे में पूरी कहानी बताना सही नहीं होगा. इसलिए बेहतर है कि मर्डर किसने और क्यों किया इसका पता आप नजदीकी थियेटर में जाकर के ही लगाएं.
इत्तेफाक से इस फिल्म को 5 में से मिलते हैं 3 क्विंट.
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