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'Jugjugg Jeeyo' Review: शादी और तलाक के बीच डोलती शानदार एक्टिंग वाली फिल्म

Jug Jugg Jeeyo में वरुण धवन, अनिल कपूर, नीतू कपूर और कियारा आडवाणी मुख्य भूमिका में हैं

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कलाकारों का प्रदर्शन शानदार हालांकि फिल्म में कुछ कमियां

धर्मा फिल्म में अंत भला तो सब भला होता है. जुग-जुग जियो(Jug Jugg Jeeyo) बिलकुल इससे अलग है. यह एक तरह की चमक और झिलमिलाहट है जिसकी उम्मीद की जाती है. करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन्स की ये नई पेशकश कमाल की है और सबसे बड़ी बात साफ सुथरी है जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है.

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जुग-जुग जियो भी एक उसी तरह की फिल्म है. हम ज्यादातर मनोरंजन करते हैं, हल्के से खुश होते हैं, और उन हिस्सों में थोड़ा बेचैन होते हैं जहां पेसिंग लड़खड़ाती है. शादी की कहानी का एक बहुत ही धर्म-एस्क रीटेलिंग, यदि आप कह सकते हैं. ये कहानी है कनाडा में रहने वाले कुकू (वरुण धवन) और नैना (कियारा आडवाणी) की जो बचपन के प्रेमी हैं और शादी के पांच साल बाद एक-दूसरे से तलाक लेना चाहते हैं.

नैना के करियर ने उड़ान भरी है और जब वह पेशेवर रूप से फल-फूल रही है, लेकिन अब उसकी खुद की शादी अधर में है. कुकू एक पब में बाउंसर के रूप में काम करता है. और नैना को न्यूयॉर्क से एक नई नौकरी की पेशकश की गई है. लेकिन दोनों पटियाला जाने से पहले एक हैप्पी कपल की तरह खुश रहना चाहते हैं,जिससे उनके परिवार को उनके तलाक के बारे में जानकर सदमा न पहुंचे.

इसलिए, वे दोनों फैसला लेते हैं कि जब तक गिन्नी (प्राजक्ता कोली), कुकू की बहन की शादी नहीं हो जाती, तब तक वे अपने झगड़े को सीक्रेट रखेंगे.

जैसे -जैसे कहानी पटियाला पहुंचती है, तो फिल्म में किसी भी किरदार से कम उम्मीद नहीं की जाती है. निर्देशक राज मेहता और पटकथा लेखक अनुराग सिंह ऋषभ शर्मा सुमित बथेजा और नीरज उधवानी इस मसाला एंटरटेनर में सभी सामान्य तत्वों को जोड़ते हैं जो हमें फिल्म को देखने के लिए मजबूर करती है.

अनिल कपूर वरुण धवन के पापा के किरदार में खूब जमे हैं. वो अपने एक्सप्रेशन से ही हंसा देते हैं. नीतू कपूर काफी खूबसूरत लगती हैं और उन्होंने जो एक्टिंग की है उसे आप देखकर महसूस ही कर सकते हैं. मनीष पॉल कमाल के होस्ट हैं ये बात अब पुरानी हो गई. अब वो कमाल के एक्टर भी हैं. उनकी कॉमिक टाइमिंग गजब की है.

जैसा कि ट्रेलर ने हमें पहले ही सूचित कर दिया है, यह फिल्म जितनी शादियों के बारे में है उतनी ही अलग होने के बारे में है.
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यह दरार और सुलह के बारे में है, खतरनाक डी शब्द पिता और पुत्र दोनों के द्वारा चारों ओर बंधा हुआ है. जहां कुकू अपने तलाक के बारे में अपने पिता को बताना चाहता है वहीं पिता भीम तलाक लेने के अपने इरादे का खुलासा करता है. इसके बाद क्या होता है, कैसे रिश्ते उलझते हैं और सुलझते हैं. यही इस फिल्म में दिखाया गया है. कहानी को बड़े अच्छे तरीके से बताया गया है. फिल्म बहुत जल्दी मुद्दे पर आ जाती है.

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