'केजीएफ चैप्टर 2' (KGF Chapter 2) में सुपरस्टार एक्टर यश (Yash) की एक्टिंग की बदौलत इस साउथ इंडियन फिल्म ने नॉर्थ इंडिया के हिंदी भाषी क्षेत्र में कमाई की जो सुनामी अपनी रिलीज के पहले शो से शुरू की थी, वह उसकी रिलीज के 6 दिन पूरे होने के बावजूद ताबड़तोड़ तरीके से जारी है. साउथ की हाल ही में आई फिल्मों की बंपर कमाई क्या 'सुपरहिट साउथ' की बॉलीवुड को खुली चुनौती है?
इससे पहले भी साउथ सिनेमा की दो अन्य फिल्में अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) स्टारर 'पुष्पा: द राइज़' (Pushpa the rise) और एसएस राजामौली (SS Rajamouli) निर्देशित 'आरआरआर' (RRR) ने हिंदी भाषी दर्शकों को ऐसा लुभाया कि उनके डायलॉग, गाने अभी भी उनकी जुबां से हटने का नाम नहीं ले रहे.
कोरोना के बाद खुले सिनेमाहॉल्स में अब तक सात फिल्में 100 करोड़ कमा सकी हैं. इनमें से तीन फिल्में ‘पुष्पा’, ‘आरआरआर’ ‘केजीएफ चैप्टर 2’ साउथ लैंग्वेंज से हिंदी में डब हुई हैं, जबकि मूल हिंदी की चार फिल्में ही ‘सूर्यवंशी’, ’83’, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ और ‘द कश्मीर फाइल्स’ ही 100 करोड़ के कलेक्शन तक पहुंची हैं.
इस ट्रेंड से पता चलता है कि दक्षिण भारतीय फिल्में न केवल साउथ इंडिया के अपने घरेलू बाजारों में कमाई कर रही हैं, बल्कि देश भर के सिनेमाघरों में भी सफल हो रही हैं. तमिल, तेलुगु, कन्नड़ या मलयालम फिल्में हों, इन सभी को हिंदी पट्टी में भी दर्शक मिले हैं.
किसी भी बॉलीवुड फिल्म की बजाय साउथ की फिल्म को देखने के लिए सिनेमाहॉल्स में दर्शकों की ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है. साउथ सिनेमा का यह क्रेज बॉलीवुड के लिए खतरे की घंटी है, Pushpa, RRR, KGF 2 चीख-चीखकर बोल रही हैं, कि Bollywood अब जाग जाओ, वरना हिंदी दर्शकों पर साउथ सिनेमा का कब्जा होने में देर नहीं लगेगी.
आंकड़ों में देखें: हाल में आई कैसी सुनामी
‘केजीएफ चैप्टर 2’ (KGF Chapter 2) 14 अप्रैल को रिलीज हुई. पहले दिन इसने 134.5 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ बॉक्स ऑफिस के फर्स्ट डे कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले. 5 दिनों के भीतर ही इसने ब्लॉकबस्टर (KGF2 Blockbuster) का दर्जा पा लिया. अब यूएसए में भी 5 मिलियन डॉलर कमाई का रिकॉर्ड बनाते हुए यह वहां सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ मूवी बन गई. ‘केजीएफ 2’ के छठे दिन तक के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (KGF2 Box office collection day 6) को देखें तो इसने 6 दिन में 600 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है. यह अब 1000 करोड़ के क्लब की ओर बढ़ रही है. वीकेंड के अलावा सामान्य दिनों में इसे जबरदस्त बिजनेस मिल रहा है.
अल्लू अर्जुन की 'पुष्पा: द राइज़' ने बिना किसी प्रचार के 108.26 करोड़ रुपये (हिंदी संस्करण में) कमाए, बाद में एसएस राजामौली की 'आरआरआर' ने हिंदी संस्करण में 240.79 करोड़ रुपये और दुनिया भर में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की. पुष्पा के गानों सामी-सामी (Sami Sami), oo antava oo oo antava, और श्रीवल्ली (shrivalli) ने तो हर जुबान पर जगह बना ली.
अभी की इन तीन फिल्मों से पहले भी साउथ फिल्में हिंदी में डब होकर धमाकेदार प्रदर्शन करती रही हैं. इससे पहले की साउथ की फिल्मों की चर्चा करें, तो फर्स्ट पर राजामौली की ‘बाहुबली 2’ (511 करोड़ कलेक्शन) और सेकेंड पर रजनीकांत-अक्षय कुमार की ‘2.0’ (190 करोड़ ) जमी हुई थीं,
बदलाव रातोरात नहीं हुआ
बॉलीवुड लाइफ के साथ एक साक्षात्कार में KGF 2 के अभिनेता यश ने इस मुद्दे पर बताया कि यह बदलाव रातोंरात नहीं हुआ है. दक्षिण के फिल्म निर्माताओं की स्टोरीटेलिंग स्टाइल से सामंजस्य बिठाने में नॉर्थ के यूपी बिहार जैसे राज्यों के दर्शकों ने पर्याप्त वक्त लिया है. आज यह दर्शक वर्ग हमारे कहानी कहने के तरीके, हमारे सिनेमा से परिचित हो गया है. कुछ सालों तक ये दर्शक वेट एंड वॉच की मुद्रा में रहे और अब आखिरकार, उन्होंने हमारे कंटेंट, डायरेक्शन के एक्सप्रेशन और बाकी सब कुछ समझना शुरू कर दिया.
हमें बाहुबली और बाहुबली 2 के करिश्मे, एसएस राजामौली सर और प्रभास की अमरेंद्र बाहुबलि की भूमिका के साथ इस दर्शक वर्ग से एक सीधा डायरेक्ट संपर्क मिल पाया. उस बड़ी पहल का आज की साउथ सिनेमा को मिल रही सक्सेज से कहीं न कहीं कनेक्शन है. उनकी उस पहल के बाद अब केजीएफ 2 ने कमर्शियल एंगल से भी इस दर्शक वर्ग में प्रवेश किया है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श (Taran Adarsh) द इंडियन एक्सप्रेस के एक आर्टिकल में कहते हैं कि साउथ सिनेमा की सफलता का श्रेय उनके 'पर्याप्त इंटरटेनमेंट' के फॉर्मूले को जाता है. उनकी फिल्में संपूर्ण मनोरंजन का पैकेज प्रदान करती हैं और साथ ही, वे इस कॉर्नर को तेजी से पुश कर रही हैं.
बांद्रा से वर्सोवा की भीड़ को छोड़ दें तो शेष भारत के लोग हिंदी फिल्मों के दृश्यों के अलावा भी अन्य तरह के हेल्दी व संपूर्ण मनोरंजन की चाहत रखते हैं. अब समय आ गया है कि बॉलीवुड के लोग नॉर्थ के दर्शक की इस नई भूख को देखते हुए जाग जाएं. इस देश में अभी भी 'लार्जर देन लाइफ' फिल्मों को देखने की चाहत रखने वाले दर्शक हैं, बशर्ते उन्हें सही इमोशन और स्टाेरी से ट्रीट किया जाए.
फिल्म ट्रेड एनालिस्ट अक्षय राठी का मानना है कि वास्तव में हिंदी फिल्म बिरादरी को अपनी कमर कसने की जरूरत है ताकि सबसे बड़ा संभावित दर्शक वर्ग बौद्धिक रूप से उनसे अलग न हो. 'सूर्यवंशी', 'टाइगर जिंदा है', 'बजरंगी भाईजान' और 'दंगल' जैसे मेगा-ब्लॉकबस्टर देने वाले हिंदी फिल्म निर्माता देश भर के दर्शकों के लिए सिनेमा क्रिएट करने की क्षमता रखते हैं.
फिल्म निर्माता और ट्रेड एक्सपर्ट गिरीश जौहर का निष्कर्ष है कि बॉलीवुड वालों को वास्तव में आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है, क्योंकि साउथ की फिल्में न केवल उनके जोन में घुसकर अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, बल्कि वे बिना किसी बड़ी प्रचार रणनीति के ऐसा कर पा रही हैं। यह डिफरेंट लेवल की बात है, इसे हमें वक्त पर समझना ही हेागा.
साउथ सुपरस्टार्स की हिंदी नायकों को चुनौती
साउथ सिनेमा हिंदी फिल्मों तो तेजी से प्रभाव डाल रहा है, साथ ही साउथ के सितारे भी 2022 में बॉलीवुड डेब्यू करके हिंदी सिनेमा पर अपनी पकड़ बनाने आगे उतर आए हैं. पुष्पा फेम रश्मिका मंदाना जल्द ही महानायक अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म 'गुड बाय' में और सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ 'मिशन मजनू' में दिखाई देने वाली हैं.
साउथ सुपरस्टार विजय देवरकोंडा भी जल्द ही फिल्म 'लाइगर' में अनन्या पांडे के साथ दिखकर एक्शन हीरो के तौर पर हिंदी जोन में अपना प्रभाव छोड़ने तैयार हैं. सुपरस्टार नागार्जुन के बेटे नागा चैतन्य आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में नजर आने वाले हैं. साउथ का जाना-माना नाम विजय सेतुपति तमिल फिल्म 'मानागरम' के हिंदी रीमेक मुंबईकर में दिखाई देंगे.
‘बाहुबली’ सीरीज के सुपरस्टार प्रभास तो पहले ही हिंदी सिनेमा में दिख चुके हैं.अब उनकी अगली अखिल भारतीय फिल्म ‘आदिपुरुष’ में पराक्रमी राम के उनके रोल को उनके ‘बाहुबली’ अवतार से भी ज्यादा बड़ा माना जा रहा है. इसके अलावा दक्षिण भारतीय सितारों की धमक हॉलीवुड तक भी सुनाई देने लगी है. सुपरस्टार प्रभास को हॉलीवुड के एक स्टूडियो ने उनकी फिल्म में एक एशियन सुपरहीरो का किरदार करने का प्रस्ताव दिया है.
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