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खिलाड़ियों का खिलाड़ी: वो फिल्म अक्षय कुमार की नहीं, सिर्फ रेखा की थी

Khiladiyon Ka Khiladi:रेखा का जलवा हम फिल्म की शुरुआत में पाते हैं

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साल 1996 में उमेश मेहरा (Umesh Mehra) ने 'खिलाड़ी' सीरीज की अपनी दूसरी फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' बनाई. खिलाड़ी सीरीज की फिल्मों से अक्षय कुमार (Akshay Kumar) बॉलीवुड में एक बड़े एक्शन हीरो के रूप में स्थापित हो रहे थे.

खिलाड़ियों का खिलाड़ी में 'हम हैं सीधे साधे अक्षय-अक्षय' जैसे गीत के बाद, अब वह स्टार थे पर इसी फिल्म में तब उनसे कहीं बड़ी स्टार काम कर रही थी. वह स्टार थी बॉलीवुड का कोहिनूर रेखा.

रेखा  (Rekha) का जलवा हम फिल्म की शुरुआत में कलाकारों के परिचय में देख लेते हैं, जहां फिल्म के कलाकारों की सूची में पहला नाम रेखा  (Rekha) का था.

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बस एक सीधी रेखा

खिलाड़ियों का खिलाड़ी (Khiladiyon Ka Khiladi) उस साल की बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी. रेखा (Rekha) को इस फिल्म के लिए साल 1997 में फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार और उसी साल स्टार स्क्रीन अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ खलनायिका का पुरस्कार मिला. फिल्म के शुरुआती दृश्य में ही मैडम माया बनी रेखा (Rekha) ने अपनी खूबसूरती और फैशन से फिल्म में चार चांद लगा लिए थे. चटक लाल लिपिस्टिक, फैशनेबल चश्में, बूट, इयररिंग्स, चेहरा छोड़ सर से पैर तक को ढकी हुई ड्रेस, इन सब के साथ मैडम माया का पात्र दर्शकों के दिलों दिमाग में छा जाता है.

उमेश मेहरा (Umesh Mehra) द्वारा लिखी गई फिल्म की कहानी भी रेस्लिंग की दुनिया से पैसा कमाने वाली मैडम माया के इर्द गिर्द बुनी गई है. मैडम माया का किरदार निभाने के लिए जिस फैशनेबल और जिद्दी चेहरे की जरूरत निर्देशक को थी, बॉलीवुड में उस चेहरे के लिए रेखा (Rekha) से बेहतर अन्य और कोई चेहरा हो ही नहीं सकता था.

फिल्म में अमेरिका (America) में रहने वाली मैडम माया खुद से गद्दारी करने वाले अजय को सजा देती है. अजय का किरदार इंद्र कुमार (Indra Kumar) द्वारा निभाया गया था, अजय को ढूंढते उसका फौजी भाई अक्षय भारत से अमेरिका (America) पहुंच जाता है. अक्षय बने अक्षय कुमार को अपने भाई की तलाश के लिए मैडम माया के गुट में शामिल होना पड़ता है और इसके लिए अक्षय को अपनी प्रेमिका प्रिया बनी रवीना टण्डन (Raveena Tandon) से दूरी बनानी पड़ती है.

नकारात्मक किरदार में आने के बावजूद छा गई थीं रेखा

रेखा (Rekha) का किरदार इस तरह का था कि उन्हें इस फिल्म में नायक से टकराना था और तब बॉलीवुड में इस तरह की फिल्में बहुत कम बनती थी, जहां कोई स्त्री बुरा किरदार निभाती थी. रेखा (Rekha) ने यह जोखिम लिया और एक नकारात्मक किरदार में होने के बावजूद दर्शकों के दिलों में जगह बना गई.

आज भी जब भारतीय समाज में सिगरेट और शराब को सिर्फ पुरुषों के इस्तेमाल के लिए स्वीकार किया जाता है, तब रेखा ने आज से लगभग पच्चीस साल पहले बड़े पर्दे पर इन्हें लेते इस तरह से दिखाया कि लोग रेखा (Rekha) के दीवाने हो गए. रेखा को चाहने वाली महिलाओं के साथ उनके लिए दीवाने पुरुषों पर रेखा (Rekha) द्वारा ली गई इन नशीली वस्तुओं के सेवन का क्या प्रभाव पड़ा होगा, यह भी अध्ययन का विषय है.

स्त्री के हृदय की कोमलता दिखाती 'मैडम माया'

ऐसा नहीं है कि इस फिल्म से रेखा (Rekha) ने 'हारने वाले की पैरवी नहीं, जीतने वाली की तारीफ सुनना पसंद करती है माया'. जैसे संवाद के जरिए सिर्फ नकारात्मक किरदार के रूप नाम बनाया. अक्षय के साथ उनकी कैमिस्ट्री ने मैडम माया के किरदार का कोमल पक्ष भी हमारे सामने रखा. सख्त होने के बावजूद स्त्री के ह्रदय की कोमलता को हम अक्षय के अंडरटेकर के साथ मैच से पहले मैडम माया की हालत देख समझ सकते हैं.

मैडम माया अक्षय से कहती है 'अक्षय जज्बात में मत जाओ. तुम नहीं जानते अंडरटेकर की ताकत को'. यह शब्द किसी बॉस के नहीं बल्कि एक प्रेमिका के थे, जो अपने प्रेमी को चोट लगते नहीं देख सकती थी.

'इन द नाइट नो कंट्रोल' गाना ,आज भी रेखा के सबसे रोमांटिक गानों में शामिल है. रेखा ने इस गाने में अक्षय कुमार (Akshay Kumar) के साथ इस तरह के अंतरंग दृश्य दिए थे, जो आज की सिनेमा के हिसाब से भी बहुत थे और शायद इसलिए ही कहा जाता है कि रेखा अपने समय की अभिनेत्रियों से कहीं आगे की सोच रखती थी. अक्षय और रेखा द्वारा कीचड़ में किए गए नृत्य को रेखा के चाहने वाले हमेशा याद रखना चाहते हैं.

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अपनी कहानी भी कह गईं रेखा?

इस फिल्म में रेखा (Rekha) ने शराब का गिलास हाथ में पकड़ कर अपनी जिंदगी की कहानी भी बयान कर ली थी. मैडम माया ने कहा था 'जब भी हमारी किस्मत हमें मुस्कुराता हुआ देखती है तो उसे जलन होने लगती है. किस्मत माया को सब कुछ दे सकती है, प्रिया सब कुछ. अगर नहीं दे सकती तो बस एक प्यार नहीं दे सकती. जो थोड़ी देर के लिए आकर हमारे दिल में ठहर जाए. अरे, अगर हमें जरा सी खुशी मिल जाती. तो किसी का क्या बिगड़ जाता? हर बार यही हुआ है'.

रेखा (Rekha) को उनके जीवन की खुशी मिली हो या नहीं, यह तो रेखा (Rekha) से बेहतर शायद ही कोई बता पाए. लेकिन रेखा (Rekha) ने अपनी खूबसूरती, फैशन और अभिनय से बॉलीवुड के चाहने वालों के दिलों में जो जगह बनाई, वह जगह शायद ही कोई और अभिनेत्री कभी लें पाएगी.

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