महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने गायक और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुरेश ईश्वर वाडकर को 2023 के अपने प्रतिष्ठित 'गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर पुरस्कार' के लिए चुना है. सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुंगंतीवार ने इसकी घोषणा की.
एक अधिकारी ने कहा कि संगीत नाटक अकादमी (2018) के विजेता 68 वर्षीय वाडकर को बाद में एक समारोह में पुरस्कार के हिस्से के रूप में नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति और एक स्मृति चिह्न प्रदान किया जाएगा.
पहलवान से गायक बनने तक का सफर
कोल्हापुर के एक साधारण परिवार से आने वाले, वाडकर अपने युवा दिनों में एक पहलवान थे.
1976 में एक गायन प्रतियोगिता जीतने से पहले वाडकर मुंबई में एक संगीत शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे.
उन्हें 1977 में दिवंगत संगीत निर्देशक रवींद्र जैन के साथ पार्श्व गायन का पहला मौका मिला.
हिंदी और मराठी निर्देशकों के लिए गाए कई हिट गाने
इन वर्षों में, वाडकर ने शीर्ष हिंदी और मराठी निर्देशकों के लिए 'क्रोधी', 'हम पांच', 'प्यासा सावन', 'प्रेम रोग', 'मेंहदी', 'प्रेम ग्रंथ', 'राम तेरी गंगा मैली', 'परिंदा', और 'सदमा' सहित अन्य फिल्मों के लिए यादगार हिट गाने गाए.
अगली पीढ़ी को संगीत सिखाने के अलावा, उन्होंने कई भारतीय भाषाओं और विभिन्न शैलियों में गाने गाए.
मुंगंतीवार ने विभिन्न श्रेणियों में अन्य प्रमुख पुरस्कार विजेताओं की भी घोषणा की, जिनमें पंडित उल्हास कशालकर, पंडित शशिकांत एस. मुलये, सुहासिनी देशपांडे, अशोक समेल, नैना आप्टे-जोशी, पंडित मकरंद कुंडले और अन्य कलाकार शामिल हैं.
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