बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टरों में शुमार मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) 23 अप्रैल को अपना 55वां जन्मदिन मनाएंगे. अपनी बेहतरीन एक्टिंग और आइकॉनिक डायलॉग्स के लिए एक्टर ने कई फिल्मों और वेब सीरीजों में काम किया है. फिल्म 'सत्या', 'भोंसले', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'शूटआउट एट वडाला' और वेब सीरीज "फैमिली मैन" की एक्टिंग और डायलॉग्स ने मनोज को एक अलग प्रसिद्धि दिलाई है. मनोज नेशनल फिल्म अवार्ड्स के साथ कई अन्य पुरस्कार भी जीत चुके हैं.
आइए मनोज बाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर उनकी कुछ चुनिंदा फिल्मों के बारे में जानते हैं जिनमें उनकी एक्टिंग की खूब सराहना की गई.
मनोज बाजपेयी का जन्म 23 अप्रैल 1969 को बिहार राज्य के वेस्ट चंपारण जिले में हुआ था. उन्होंने बॉलीवुड के साथ-साथ तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है. उनके फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1994 की फिल्म "द्रोह काल" से हुई थी जिसमें उन्हें लगभग एक मिनट का छोटा सा रोल दिया गया था.
भीखू म्हात्रे के किरदार के लिए मिला नेशनल अवॉर्ड
कई फिल्मों में छोटे- छोटे किरदार निभाने के बाद मनोज बाजपेयी ने साल 1998 की फिल्म 'सत्या' में गैंगस्टर भीखू म्हात्रे का किरदार निभाया. जहां उन्हें इस फिल्म में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. साथ ही उन्हें बेस्ट क्रिटिक्स एक्टर के लिए फिल्म फेयर अवार्ड से भी नवाजा गया.
इसके बाद मनोज ने कई फिल्मों में अपने किरदार से लोगों का दिल जीता और कई बड़े- बड़े अवार्ड्स भी जीते. साल 2019 में उन्हें फिल्म 'भोंसले' के लिए एक बार फिर नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ने कांस्टेबल गणपत भोंसले का किरदार निभाया है.
मनोज बाजपेयी अब तक फिल्मफेयर, स्क्रीन, स्पेशल जूरी, जी सिने, स्टारडस्ट सहित कई अवॉर्ड जीत चुके हैं.
टॉप फिल्में और वेबसीरीज
1. सिर्फ एक बंदा काफी है
पिछले साल 2023 में ओटीटी में रिलीज हुई फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' में मनोज ने एक वकील का किरदार निभाया है. इस फिल्म में वह एक पीड़ित लड़की को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ते हैं.
2. अलीगढ़
फिल्म 'अलीगढ़' में मनोज बाजपेयी ने डॉ श्रीनिवास रामचंद्र सिरास नामक एक प्रोफेसर का रोल किया है. यह फिल्म होमोसेक्सुअलिटी पर आधारित है. इस फिल्म में सब्जेक्ट के साथ- साथ मनोज के एक्टिंग की भी खूब सराहना की गई.
3. शूल
फिल्म 'शूल' में मनोज बाजपेयी, समर प्रताप सिंह नामक एक पुलिस इंस्पेक्टर के रोल में हैं. इस किरदार में मनोज ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. यह फिल्म साल 1999 में बनी थी जो नेताओं और अपराधियों के बीच की मिलीभगत, बिहार में राजनीति के बढ़ते अपराधों और इसी बीच एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर के जीवन में बढ़ती परेशानियों को दिखाती है.
4. गैंग्स ऑफ वासेपुर
इस फिल्म में इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था. फिल्म तत्कालीन बिहार के धनबाद में हो रही कोयले का माइनिंग और स्थानीय माफियाओं पर आधारित है. इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ने सरदार खान का किरदार निभाया था जहां लोगों ने उनके डायलॉग्स को खूब पसंद किया था.
6. फैमिली मैन
फैमिली मैन एक फेमस वेब सीरीज हैं. इसमें मनोज वाजपेयी ने श्रीकांत तिवारी का किरदार निभाया है जो इंटेलीजेंस एजेंसी टास्क में काम करते हैं. इस वेब सीरीज में अपने घर के साथ- साथ एक बड़े पोस्ट पर काम करने वाले श्रीकांत की कहानी को बखूबी से पिरोया गया है.
मनोज बाजपेयी के आइकॉनिक डायलॉग्स
फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में मनोज बाजपेयी द्वारा बोले गए डायलॉग्स 'हजरात, हजरात, हजरात' और 'चाभी कहां है' लोगों के जेहन में आज तक हैं.
फिल्म 'शूटआउट एट वडाला' में मनोज बाजपेयी का फेमस डायलॉग 'बादशाह की गली में आके उसका पता नहीं पूछते, गुलामों के झुके हुए सर खुद बा खुद रास्ता बता देते हैं', वहीं फिल्म 'सत्या' में उनका डायलॉग, 'मुंबई का किंग कौन?' आज भी लोगों को तारीफ के लिए मजबूर कर देता है. इनके अलावा भी मनोज बाजपेयी के कई डायलॉग्स हैं जो बहुत फेमस हैं.
मनोज बाजपेयी को साल 2019 में भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा गया.
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