प्रियंका चोपड़ा और रिचर्ड मैडेन की सीरिज 'सिटाडेल' सही और गलत, दोनों लगती है. मार्वल से फेमस हुए रूसो ब्रदर्स इसके एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर्स हैं, इसलिए उम्मीद थी कि इस स्पाई (जासूसी) फ्रेंचाइजी में काफी जान होगी, लेकिन ये किसी दूसरी स्पाई सीरीज की तरह ही है. शायद इसके पीछे सुपरहीरो फिल्मों की भरमार है.
अभी तक सीरीज के केवल दो ही एपिसोड रिलीज किए गए हैं, और सच कहूं तो इसने इतनी दिलचस्पी तो जगा दी है कि हम तीसरे का इंतजार करेंगे.
सीरीज की शुरुआत होती है नादिया सिन (प्रियंका चोपड़ा) से, जो लाल रंग के लिबास में ऑडियंस के सामने आती है. प्रियंका को एक ट्रेन से ब्रीफकेस लेने का काम सौंपा गया है. इस ट्रेन पर, वो अपने पूर्व पार्टनर मेसन केन (रिचर्ड मैडेन) से टकरा जाती हैं, और फिर ऑपरेशन खराब हो जाता है और कई एक्शन सीक्वेंस के बाद हमारे पास कहने को कुछ ज्यादा नहीं बचता.
हमारे एजेंट्स जिंदा हैं, मर गए, मार दिए गए? किसे मालूम. इसी बीच हम एक एलीट लोगों द्वारा चलाए जा रहे संगठन का भी पता चलता है, मैंटीकोर.
प्लॉट के हिसाब से देखें तो शो में नया कुछ भी नहीं है. शुरुआती दो एपिसोड में कई ऐसी चीजें हैं, जो आप और हम पहले की जासूसी सीरीज में देख चुके हैं. आपको ये देखकर 'द बर्न आइडेंटिटी', 'मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ' 'बुलेट ट्रेन' और तो और, मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (MCU) की भी याद आएगी.
हालांकि, दूसरा एपिसोड पहले से काफी बेहतर है. ज्यादा स्पॉलर न दे दूं, इसलिए इतना ही बताऊंगी कि इस एपिसोड में दो मिशन चल रहे होते हैं, एक प्रोफेशनल और एक पर्सनल, और आपका ध्यान खींचने के लिए निजी मसला काफी है.
(फोटो: प्रियंका चोपड़ा/इंस्टाग्राम) ये भले ही प्रियंका चोपड़ा की बेस्ट एक्टिंग न हो, लेकिन उनके फाइटिंग सीन काफी मजेदार हैं. वहीं, इमोशनल सीन में भी प्रियंका चोपड़ा ने अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ी है. प्रियंका को अलग-अलग एक्सेंट में बात करते देखना भी मजेदार लगता है, खासकर तब जब उनके एक्सेंट पर इतनी चर्चा होती रहती है.
रिचर्ड मैडेन भी अपने रोल में चार्मिंग और फनी (जब जरूरत होती है तो) लगते हैं. हालांकि, इस शो के स्टार स्टैनली टूची हैं, जो टेक-जीनियस बर्नार्ज और्लिक और सिटाडेल हैंडलर के रोल में एकदम फिट बैठते हैं. वो साधारण से डायलॉग को भी अपने अंदाज से बेहतर बना देते हैं.
देखें तो 'सिटाडेल' न ज्यादा अच्छी है और न ज्यादा खराब. ये ठीक है. ये एंटरटेनिंग है और इतना काफी है.
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