ADVERTISEMENTREMOVE AD
i

Gulmohar Review: आदर्श भारतीय परिवार से कोसों दूर है शर्मिला टैगोर की ये फैमिली

इस फिल्म के साथ OTT पर डेब्यू कर रही शर्मिला टैगोर भी अपने रोल में जमती हैं.

छोटा
मध्यम
बड़ा

Gulmohar

आदर्श भारतीय परिवार से कोसों दूर है शर्मिला टैगोर की ये फैमिली

पिछले एक दशक से, बॉलीवुड 'आदर्श परिवार' की छवि से दूर हट रहा है. भारतीय समाज में, ऐसा दिखाया जाता है कि परिवार परफेक्ट है, और बाहर से आने वाली परेशानियां भी परिवार की एकजुटता के सामने टिक नहीं पातीं. राहुल चित्तेला की फिल्म 'गुलमोहर' इस आदर्श परिवार की छवि में यकीन नहीं रखती.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिल्ममेकर्स एक पार्टी के जरिये ऑडियंस को पूरे परिवार से मिलाते हैं, जो कि दिलचस्प लगता है. जैसे-जैसे पार्टी आगे बढ़ती है और लोग आपस में मिलना-जुलना करते हैं, बत्रा परिवार के रिश्तों की दरारें भी सामने आने लगती हैं.

अरुण बत्रा (मनोज बाजपेयी) को डर है कि उसकी मां कुसुम बत्रा (शर्मिला टैगोर) के उनके पैतृक घर को बेचने के फैसले से उसका घर बिखर जाएगा. वहीं, बत्रा का बेटा आदित्य (सूरज शर्मा) और उसकी पत्नी दिव्या (कावेरी सेठ) अपने खुद के घर में रहना चाहते हैं.

इस फिल्म के साथ OTT पर डेब्यू कर रही शर्मिला टैगोर भी अपने रोल में जमती हैं.
0

पहली नजर में, 'गुलमोहर' सिर्फ एक परिवार के बारे में नहीं लगता, ये एजेंसी के बारे है. और इसके परे, ये दिखता है कि कैसे अलग-अलग पीढ़ियां इस एजेंसी को देखती हैं.

हमेशा की तरह, बाजपेयी जब स्क्रीन पर आते हैं तो अच्छे लगते हैं. इस फिल्म के साथ OTT पर डेब्यू कर रही शर्मिला टैगोर भी अपने रोल में जमती हैं. परिवार के साथ कुछ और यादें बनाने की कोशिश में लगी एक मां के रोल में शर्मिला टैगोर ने इंसाफ किया है.

इस फिल्म के साथ OTT पर डेब्यू कर रही शर्मिला टैगोर भी अपने रोल में जमती हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अरुण की पार्टनर इंदिरा बत्रा के रोल में, सिमरन शानदार हैं, और शायद मेरा फेवरेट कैरेक्टर भी. अपने रोल को उन्होंने इस संजीदगी से निभाया है कि आपका मन करता है उन्हें समझने का.

इसका कुछ क्रेडिट राइटर राहुल चित्तेला और अर्पिता मुखर्जी को भी जाता है, जिन्होंने परिवार में सास-बहू के ड्रामे से हटकर महिला किरदार लिखे.

जिंदगी में सारे ऐश-ओ-आराम होने के बावजूद, देखकर ऐसा नहीं लगता कि बत्रा परिवार में किसी को सुकून है.

'गुलमोहर' में हाउस हेल्प के किरदार के जरिये फिल्ममेकर्स दिखाने की कोशिश करते हैं कि घर कैसे चलता रहता है. शो दिखाता है कि कैसे परिवार के बीच की दरारें स्टाफ को भी प्रभावित करती हैं, भले ही वो इससे सीधे तौर पर न जुड़े हों. इसके साथ ही, फिल्ममेकर्स ने भारतीय परिवार में जातिगत भेदभाव पर भी रोशनी डाली है.

इस फिल्म के साथ OTT पर डेब्यू कर रही शर्मिला टैगोर भी अपने रोल में जमती हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रेश्मा सईद के रोल में सैंथी, जीतेंद्र कुमार के रोल में जतिन गोस्वामी और परम के रोल में चंदन रॉय इस सीरीज की जान हैं. जिस तरह से वो अपनी परेशानियों के बीच बत्रा परिवार की मुश्किलों को हैंडल करते हैं, वो काफी अच्छे से दिखाया गया है.

देखने के लिए 'गुलमोहर' एक अच्छी फिल्म है, जिसमें कास्ट ने कहानी को पकड़े रखा है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×