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Major Movie Review: 'मेजर' संदीप उन्नीकृष्णन को एक सच्ची श्रद्धांजलि है यह फिल्म

शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के जीवन पर आधारित है फिल्म

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26/11 मुंबई हमले में शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (Major Sandeep Unnikrishnan) के जीवन पर आधारित फिल्म मेजर (Major) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. तेलुगु युवा स्टार अदिवि शेष (Adivi Sesh) की लिखी और शशि किरन टिक्का (Sashi Kiran Tikka) निर्देशित फिल्म मेजर न केवल मेजर (संदीप उन्नीकृष्णन) की वीरता और बलिदान के बारे में बात करती है, बल्कि उनकी पत्नी और माता-पिता के बलिदानों को भी दिखाती है.

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फिल्म न केवल शहीद मेजर उन्नीकृष्णन का सम्मान करती है, बल्कि संदीप- एक व्यक्ति पर भी ध्यान केंद्रित करती है. यह एक ऐसी फिल्म है जो आप पर एक स्थायी छाप छोड़ेगी.

कहानी, डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी

फिल्म के फर्स्ट हॉफ में मेजर उन्नीकृष्णन की लाइफ के बारे में दिखाया गया है. इसमें मेजर संदीप के बचपन, मां (Revathi) और पिता (Prakash Raj) से रिश्ता, स्कूल में ईशा (साई मांजरेकर) से प्यार, एनडीए में ट्रेनिंग पर जोर है.

इंटरवल के बाद फिल्म में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के मेजर के रूप में उन्नीकृष्णन के जीवन को दिखाया गया है. हम सभी जानते हैं कि 26/11 हमला कैसे हुआ, लेकिन निर्देशक शशि किरण टिक्का और लेखक अदिवि शेष ने सिनेमाई स्वतंत्रता के साथ कहानी को बताया है. फिल्म का स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन अच्छा है.

इस फिल्म में एक्शन दृश्यों को नाबा और सुनील रॉड्रिक्स द्वारा खूबसूरती से निर्देशित और कोरियोग्राफ किया गया है, जो फिल्म के साथ न्याय करते हैं.

पैचीपुलुसु वामसी (Patchipulusu Vamsi) की सिनेमैटोग्राफी आपको हैरत में डाल देगी. फिल्म के अंत में कुछ ऐसे सीन्स हैं जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. सिनेमैटोग्राफर वामसी ने मुंबई हमले के दृश्यों को बहुत ही खूबसूरती से फिल्माया है.

कलाकारों की एक्टिंग

एक्टर अदिवि शेष (Adivi Sesh) ने सहजता के साथ मेजर उन्नीकृष्णन का किरदार निभाया है. एक्शन से लेकर भावनात्मक दृश्यों में उन्होंने अच्छी एक्टिंग की है. अदिवि ने अपनी अदाकारी के रोल में जान डाल दी है.

महेश मांजरेकर की बेटी सई मांजरेकर (Saiee Manjrekar) अदिवि की बचपन की प्रेमिका और पत्नी की भूमिका में हैं. उन्होंने इस किरदार को अच्छे से निभाया है. हालांकि ऐसे किरदारों उनकी अपरिपक्वता झलकती है.

प्रकाश राज (Prakash Raj) और रेवती (Revathi) संदीप के माता-पिता की भूमिका में हैं. दोनों हमेशा की तरह, हर संवाद के साथ अपने किरदारों को जीवंत कर देते हैं. एक दुखी माता-पिता के रूप में दोनों ने एक ऐसा प्रदर्शन दिया है जो आपको उनके साथ रोने पर मजबूर कर देता है. फिल्म में प्रकाश राज का भाषण आपका दिल जीत लेगा और आपके आंसू छलक पड़ेंगे.

फिल्म देखें या न देखें?

यह एक ऐसी फिल्म है जो आपके साथ रहेगी. यह फिल्म आपको देश की सेवा में लगे जवानों और उनके परिवारों को बारे में सोचने पर मजबूर करती है.

फिल्म के एक सीन में उन्नीकृष्णन से प्रशिक्षण के दौरान उनके सीनियर पूछते हैं, "एक सैनिक क्या है?" इस सवाल के जवाब के लिए इस फिल्म को जरूर देखें.

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