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‘संदीप और पिंकी फरार’ सब्जेक्ट बेहतर, लेकिन कहानी में भटकाव

इस फिल्म का निर्देशन दिबाकर बनर्जी ने किया है.

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sandeep aur pinky faraar

‘संदीप और पिंकी फरार’ सब्जेक्ट बेहतर, लेकिन कहानी में भटकाव

अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’ रिलीज हो गई है. वेब सीरीज के इस दौर में यह एक सोशल थ्रिलर फिल्म है. जिसकी कहानी एक ऐसे लड़के और लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जिन्हें हालात एक साथ भागने पर मजबूर कर देते हैं. फिल्म की कहानी की शुरुआत शूटआउट के साथ होती है.

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यह शूटआउट बैंकर संदीप वालिया उर्फ सैंडी (परिणीति चोपड़ा) के लिए प्लान किया जाता है, लेकिन सतिंदर दहिया उर्फ पिंकी (अर्जुन कपूर) की समझदारी से वह बच जाती है.

अनोखे अंदाज में कहानी, बीच में भटकाव

इस फिल्म का निर्देशन दिबाकर बनर्जी और स्क्रीन प्ले वरुण ग्रोवर ने लिखा है. दिबाकर बनर्जी ने एक अच्छी फिल्म बनाई लेकिन कहानी में बीच में भटकाव आ जाता है. फिल्म की कहानी काफी अनोखे अंदाज में कही गई है लेकिन डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी इसे एक सूत्र में नहीं बांध पाए.

फिल्म की खास बात है कि इस फिल्म में पहली बार हीरोइन का नाम हीरो जैसा है और हीरो का नाम हीरोइन जैसा. फिल्म में परिणीति चोपड़ा का नाम संदीप है तो अर्जुन कपूर पिंकी के रोल में नजर आ रहे हैं. इस सोशल थ्रिलर फिल्म की कहानी परिणीति और अर्जुन कपूर के हालात पर फोकस होती है.

फिल्म डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी ने इस फिल्म में ज्यादा नाटकीय प्रस्तुतिकरण से परहेज किया है. बेहद बारीकी और अर्थपूर्ण तरीके से फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है. हालांकि सामान्यतः बॉलीवुड फिल्मों से अलग ‘संदीप और पिंकी फरार’ के निर्देशन में दिबाकर बनर्जी ने काफी मेहनत की है.

कैरेक्टर्स को एक अलग नजरिये से किया पेश

फिल्म के कैरेक्टर्स को एक अलग नजरिये से पेश करने की कोशिश की गई है. जिसमें सामाजिक स्थिति, अधिकार, शहरी और ग्रामीण पृष्ठभूमि को दिखाया गया. पिंकी हरियाणा पुलिस से सस्पेंड है उसे अपनी नौकरी वापस चाहिए. अपने सीनियर त्यागी (जयदीप अहलावत) के कहने पर वह सैंडी को धोखे से उसकी बताई हुई जगह पर लेकर जाने वाला होता है कि अचानक उन पर हमला हो जाता है.

पिंकी समझ जाता है कि यह हमला सैंडी पर होने वाला था. इसके बाद पिंकी, सैंडी को लेकर भारत-नेपाल के पास बसे पिथौरागढ़ पहुंच जाता है, जहां से दोनों नेपाल जाने की योजना बनाते हैं.

परिणीति चोपड़ा का बेहतर अभिनय

इस फिल्म में परिणीति चोपड़ा ने सीरियस एक्टिंग करने की पूरी कोशिश की है और फिल्म के कुछ सीन्स में उन्होंने बेहतर अभिनय किया है. लेकिन इन सबके बावजूद फिल्म अपनी थ्रीलिंग कहानी से दर्शकों को बांध नहीं पाती है.

इस फिल्म में मुख्य भूमिका में परिणीति चोपड़ा और अर्जुन कपूर के अलावा, जयदीप अहलावत, नीना गुप्ता और रघुवीर यादव भी अहम किरदार में हैं. फिल्म में नीना गुप्ता और रघुवीर यादव ने मध्यवर्गीय कपल की शानदार भूमिका निभाई है.

कुछ अलग करने की कोशिश

खोंसला का घोंसला, ओए लक्की-लक्की ओए, जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके दिबाकर बनर्जी ने इस फिल्म में भी कुछ अलग करने की कोशिश की. संदीप और पिंकी फरार में भी दिबाकर बनर्जी ने कुछ अलग करना चाहा, इसमें वे एक हद तक कामयाब भी हुए लेकिन भटकाव की वजह से फिल्म दर्शकों को बांधने में कामयाब नहीं हो पाई.

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