क्या हम एक लड़के और लड़की की बीच की लव स्टोरी को हिट्रोसेक्सुअल लव स्टोरी कहते हैं? तो क्यों दो लड़कों के बीच लव स्टोरी को होमोसेक्सुअल लव स्टोरी कहा जाता है? ये समझ में नहीं आता! या जैसा कि ये फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' बड़ी खूबसूरती से कहती है- "शादी का मुहूर्त होता है, प्यार का नहीं."
प्यार का कोई जेंडर नहीं होता, और न ही आप इसे प्लान कर सकते हैं.
इस फिल्म में काफी कुछ है. फिल्म शुरू होती है जब लगता है कि अमन (जीतेंद्र कुमार) और कार्तिक (आयुष्मान खुराना) एक-दूसरे के बिना रह ही नहीं पाएंगे. इस अट्रैक्शन को समझाने के लिए इतना ही दिखाया गया है, जितना एक लड़के और लड़की के बीच अट्रैक्शन को दिखाने के लिए होता.
असल में, ये काफी एंटरटेनिंग है कि कैसे दोनों के एक्शन को दिखाने के लिए डीडीएलजे का रेफरेंस लिया गया है.
ट्रेन में एक-दूसरे का हाथ पकड़ने से लेकर, हीरो के पिता का कहना, ‘जा जी ले अपनी जिंदगी’. एक वक्त पर अमन कार्तिक से कहता है, ‘मैंने कहा था ना ये नहीं समझेंगे’ और ‘प्यार के लिए पिटाई सहना.’
इस फिल्मी दुनिया में (शुम मंगल ज्यादा सावधान में) अभी भी उस ऐतिहासिक फैसले का इंतजार किया जा रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट होमोसेक्सुएलिटी को अपराध की श्रेणी से बाहर करेगा. लेकिन यहां उससे ज्यादा जरूरी बात कही गई है- कोर्ट के आदेश के बाद भी लोगों की सोच नहीं बदलेगी. लोगों को तब भी रोजाना की तकलीफों से गुजरना होगा.
गजराज राव और नीना गुप्ता वो देसी पेरेंट्स हैं, जो बेटे की सेक्सुएलिटी के बारे में जानकर पहले यकीन नहीं करते और फिर इनकार करते हैं. आयुष्मान खुराना और जीतेंद्र कुमार अपने कैरेक्टर्स में इतने अच्छे लग रहे हैं कि आप कार्तिक सिंह और अमन त्रिपाठी की लव स्टोरी के लिए लड़ते हैं.
दोनों की केमिस्ट्री शानदार है... मेलोड्रामा से लेकर दोनों के बीच शांत पलों तक, दोनों एक-दूसरे के साथ जच रहे हैं.
फिल्म की पूरी स्टारकास्ट- गजराज राव, नीना गुप्ता, मानवी गागरू, सुनीता राजवर और मनु ऋषि चड्ढा ने भी बेहतरीन काम किया है.
हालांकि, फिल्म में सबकुछ भी फिट नहीं बैठता. जैसे 'अंतिम संस्कार' और 'जबरन शादी' वाले ट्रैक फिल्म का मजा खराब करते हैं और मुख्य मुद्दा पटरी से हट जाता है. सेल्फ-लव से लेकर किसी दूसरे से प्यार करने तक, 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' फिल्म हर तरह के प्यार के बारे में है.
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