भारतीय कला के दिग्गज सितारे पंडित बिरजू महाराज भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ गए हैं. दशकों तक फैले अपने लंबे करियर में, बिरजू महाराज ने अपने कई शागिर्दों को ट्रेन किया. इसी में से एक हैं बॉलवुड की मशहूर अदाकारा माधुरी दीक्षित.
बिरजू महाराज ने माधुरी को कई फिल्मों में डांस सीक्वेंस के लिए ट्रेन किया. महाराज ने माधुरी को सबसे पहले यश चोपड़ा की फिल्म 'दिल तो पागल है' के लिए ट्रेन किया था.
इसके लिए वो कैसे राजी हुए थे, ये उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है.
Born Of Web नाम के यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में, पंडित बिरजू महाराज ने बताया कि यश चोपड़ा ने जब उनसे फिल्म को लेकर बात की, तो उन्होंने जवाब दिया, "शब्द क्या हैं, पहले शब्द बताओ. शब्दों से बड़ा घबराता हूं. आधुनिक शब्द होते हैं."
माधुरी के साथ काम करने पर बिरजू महाराज ने इंटरव्यू में कहा,
"माधुरी ने बड़ा सुंदर किया, वहीं से माधुरी के प्रति हमारे मन में ये हुआ कि नहीं अच्छी डांसर है, अच्छे एक्सप्रेशन्स हैं, अच्छी बॉडी मूवमेंट है. सैन फ्रैंसिस्कों में दो वर्कशॉप में ये हमारे साथ रहीं, इन्होंने कुछ चीजें समझीं."
इसके बाद बिरजू महाराज ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'देवदास' के गाने 'काहे छेड़े मोहे' में भी माधुरी को कोरियोग्राफ किया. इतना ही नहीं, उन्होंने इस गाने को अपनी आवाज भी दी.
'डेढ़ इश्किया' के गाने 'जगावे सारी रैना' में भी उन्होंने माधुरी को कोरियोग्राफ किया और इस गाने के लिरिक्स भी लिखे. इस गाने को रेखा भारद्वाज ने अपनी आवाज दी है.
माधुरी ने अपने गुरु को दी श्रद्धांजलि
अपने गुरु के निधन पर माधुरी दीक्षित ने लिखा, "वो एक लेजेंड थे, लेकिन उनमें एक बच्चे जैसी मासूमियत भी थी. वो मेरे गुरु थे, लेकिन मेरे दोस्त भी थे. उन्होंने मुझे डांस और अभिनय की पेचीदगियां सिखाईं, लेकिन अपने मजेदार किस्सों पर मुझे हंसाने में कभी असफल नहीं हुए."
"वो अपने पीछे दुखी प्रशंसकों और छात्रों के अलावा एक विरासत भी छोड़ गए हैं, जिसे हम सभी आगे बढ़ाएंगे. आपने मुझे नम्रता और शालीनता के साथ नृत्य में जो कुछ भी सिखाया, उसके लिए धन्यवाद महाराज जी. कोटी कोटी प्रणाम."माधुरी दीक्षित नेने
कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का 16 जनवरी की देर रात दिल्ली में उनके घर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज ने 83 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा. 4 फरवरी 1938 को ब्रिटिश भारत में जन्में बिरजू महाराज, लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने के वंशज थे.
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