क्या आप कभी किसी दूर के रिश्तेदार की शादी में गए हैं? जहां पर आप जाते हैं और वहां अच्छा खाना होता है, अच्छा गाना होता है और खा-पीकर आप बस ये कह देते हैं... हमें क्या?
तो बस राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म मिर्ज्या ऐसी ही फिल्म है. गुलजार ने साहित्यिक राॅयल्टी के साथ इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी है.
पहला दस मिनट आपको लगेगा की आप किसी वाॅर जोन में आ गए हैं. जहां पर बिजलियां चमकती हैं, खूब सारे स्पेशल इफेक्ट्स दिखते हैं. लेकिन अफसोस हम स्क्रीन पर बस टेक्निकल चीजें ही देख पाते हैं. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी ने फिल्म में जान फूंक दी है. सिनेमेटोग्राफर हैं पोलैंड के पॉवेल डाइलस.
घोड़े पर आते लोग, सफेद रेत और सैंयामी खेर का ब्लू आईलाइनर वाला मेकअप आपको अट्रैक्ट करेगा. सैंयामी हाॅलीवुड फिल्म ट्रॉय की हेलेन लग रही हैं.
फिल्म में शंकर एहसान लॉय के तीन गाने पहले ही 10 मिनट में आ जाते हैं.
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