ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिल्म रिव्यू: ‘सरकार-3’ में कमजोर पड़ गया अमिताभ का जादू!

फिल्म सरकार-3 को देखने की अमिताभ बच्चन ही एक वजह हो सकते हैं 

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

वास्तविक शक्ति डर से नहीं, सम्मान से बाहर आती है... हाथों में चाय का प्याला, कलाइयों में लिपटी हुई रुद्राक्ष की माला..अमिताभ बच्चन के तल्ख अंदाज और इस डायलॉग के साथ फिल्म सरकार-3 की शुरुआत होती है. सुभाष नागरे के रोल में एक बार फिर अमिताभ अपने किरदार में खरे उतरे हैं.

फिल्म में चाय के लंबे-लंबे घूंट लेना शायद आपको थोड़ा बेचैन कर दे, लेकिन ऑनस्क्रीन अमिताभ बच्चन को देखना आपको राहत पहुंचा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
सरकार-3 की कहानी हमें फिर एक बार उस माहौल में ले जाती है, जहां अमिताभ और उनके परिवार के बीच सत्ता को लेकर आज भी तकरार बरकार है. फिल्म के कुछ पहलू आपको उलझा देंगे और जबरदस्ती ‘गोविंदा-गोविंदा’ का म्यूजिक ट्रैक आपको परेशान भी कर सकता है. यह रामगोपाल की रेगुलर थीम है, जो वो अपनी फिल्म में इस्तमाल करते हैं. 

अमोल राठौड़ की सिनेमैटोग्राफी फिल्म में देखने लायक है, फिल्म में लाइट और शैडो इस्तेमाल भी ठीक-ठीक है, लेकिन कुछ सीन्स और कैमरे का यूज आप को हसां भी सकता है.

किरदार के हिसाब से खरे नहीं उतरे एक्टर्स

फिल्म में सरकार के साथ उनके पोते शिवाजी नागरे (अमित साध), नजर आ रहे हैं. अमित ने फिल्म में अमिताभ बच्चन के पोते और विष्णु के बेटे का किरदार निभाया है. फिल्म की कहानी सरकार के पोते से ही आगे बढ़ती है. शिवाजी गोकुल को बचाने वापस आया है, उसे उन लोगों के बारे में पता चल जाता है, जो गोकुल और सरकार को बर्बाद करना चाहते हैं.

गोकुल को बचाने के लिए वो रोनित रॉय से दोस्ती करता है. रोनित रॉय जैसा किरदार आपको कभी अपनी परफॉरमेंस से निराश नहीं कर सकता. देखा जाए तो, अमित ने भी अपने रोल के साथ पूरी कोशिश की है, लेकिन ये कहना भी गलत नहीं होगा कि किरदारों को मिसकास्ट तरीके से पेश किया गया है.

'फेयर एंड लवली क्वीन' यामी गौतम कुछ ही समय के लिए पर्दे पर दिखाई देती हैं. मनोज बाजपेई ‘सरकार' के दुश्मनों में से एक हैं, विपक्षी पार्टी के नेता हैं. जब अमिताभ और मनोज आमने-सामने सीन में आते हैं, तो लगता है कि सीन कभी खत्म ना हो. कई जगह मनोज अमिताभ से 20 मालूम पड़ते हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘सरकार-3’ मनोज की बेहतरीन फिल्म है.

फिल्म में बड़े कलाकार जैकी श्रॉफ न तो पूरी तरह से विलेन लगे हैं, न ही मसखरे. सिर्फ खींचे हुए सीन हैं जो पूरी फिल्म को और बोर फीलिंग देते हैं.

देखा जाए तो जिस तरह के ट्वीट राम गोपाल वर्मा करते हैं सरकार-3 फिल्म उन्होंने उससे कहीं ज्यादा बेहतर बनाई है. फिल्म को देखा जा सकता है, अगर आप माफ करने के मूड में हैं... और हां फिल्म को देखने की खास वजह सिर्फ अमिताभ बच्चन हैं.

सरकार-3 को मिल रहे हैं 5 से 2 क्विंट

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×