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‘स्त्री’ फिल्म के पीछे की ये ‘सच्ची कहानी’ और भी ज्यादा डरावनी है

राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘स्त्री’रिलीज हो चुकी है

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राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म ‘स्त्री’ बड़े पर्दे पर उतर चुकी है. राजकुमार और पंकज त्रिपाठी के फनी डायलॉग्स और श्रद्धा का राव संग रोमांस लोगों को पंसद आ रहा है, फिल्म को अच्छे रिव्यू मिल रहे हैं. ये ‘डरावनी’ फिल्म एक लड़की की आत्मा(चुड़ैल) के बारे में है जो हर साल शहर में आती है और मर्दों को मारकर सिर्फ उनके कपड़े छोड़ जाती है. ज्यादा डरावनी बात इस फिल्म की ये है कि ये कहानी सच्ची घटना पर आधारित है.

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कहानी ‘नाले बा’ की

स्त्री का ट्रेलर देखकर समझ में आता है कि ये कहानी साउथ इंडिया में घटित हुई एक सच्ची घटना के आस पास घूमती है.

दरसअल 1990 के आसपास कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में एक अफवाह फैली थी कि एक ‘चुड़ैल’ है जो शहर की गलियों में रात के वक्त घूमती है. वो चुड़ैल मर्दों की तलाश में रहती है

बताते हैं कि वो चुड़ैल लोगों के घरों का दरवाजा खटखटाती थी और बड़ी प्यारी सी आवाज में घर के मर्द को आवाज देती थी. खासकर मर्द की मां या पत्नी की आवाज में वो उन्हें पुकारती थी. अपने जानने वाले की आवाज सुनकर अगर मर्द बाहर जाता था तो फिर वो चुड़ैल अगले 24 घंटे के भीतर-भीतर उसे मार देती थी. ये अफवाह शहर में आग की तरह फैल चुकी थी, लोग डरे हुए रहते थे और रात में घरों से बाहर ही नहीं निकलते थे. उसके बाद लोगों ने इस चुड़ैल से बचने का एक तरीका सोचा- नाले बा

नाले बा को अगर कन्नड़ से ट्रांसलेट करें तो इसका मतलब है कि ‘कल आना’. लोग अपने घरों के सामने नाले बा लिख देते थे ताकि वो बुरी आत्मा उनके घर का दरवाजा न खटखटाए. ऐसा माना जाता था कि नाले बा पढ़ने के बाद वो चुड़ैल वापस लौट जाती थी. 

उस चुड़ैल के बारे में इतनी ज्यादा अफवाहें उड़ी कि लोग आज भी 1 अप्रैल को ‘नाले बा डे’ के तौर पर मनाते हैं. कहते हैं कि उन दिनों कई लोगों ने अपने घर के बाहर किसी के दरवाजा खटखटाने की आवाजें सुनी थी और कई भयंकर मर्डर भी हुए थे.

फिल्म में दिखेंगी पूरे देश की कहानियां

फिल्म के डायरेक्टर अमर कौशिक ने बताया कि फिल्म स्त्री सिर्फ ‘नाले बा’ वाली घटना पर ही आधारित नहीं है. फिल्म में देश की अलग-अलग जगहों पर फैली अफवाहों को लेकर भी कहानी तैयार की गई है.

हमने ‘नाले बा’ वाली स्टोरी को अपनाया है लेकिन हमने नॉर्थ इंडिया से जुड़ी घटनाओं को लेकर भी फिल्म की कहानी तैयार की है. भारत में हर एक राज्य में अंधविश्वास है ही, तो इसमें केवल एक जगह पर हुई घटनाओं का ही जिक्र नहीं है. हमने अपनी फिल्म में देश भर में हुई कई घटनाओं को जोड़ा है. 
अमर कौशिक, स्त्री के डायरेक्टर

जिन कहानियों पर ये फिल्म आधारित है वो काफी दिलचस्प नजर आती हैं. लेकिन क्या वो कहानियां सच हैं या नहीं? आप खुद ही फैसला कीजिए! फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज हो चुकी है.

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