नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म को रेगुलेट करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है. कोर्ट में एक एनजीओ जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन ने ऑनलाइन मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स के कामकाज को रेगुलेट करने के लिए दिशा निर्देशों का निर्धारण करने की मांग करने की याचिका डाली थी. CJI रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने इस याचिका पर सुनवाई की.
इस याचिका में एनजीओ ने कहा है कि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म न केवल बिना लाइसेंस के कंटेंट डिलीवर कर रहे थे, बल्कि उसे नियंत्रित करने के लिए कोई दिशा निर्देश भी नहीं हैं.
एनजीओ ने इस मामले में पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डाली थी. कोर्ट के याचिका खारिज करने के बाद एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कोर्ट को बताया था कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को उनसे लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होती, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
कर्नाटक में ऐसा ही मामला
मार्च में, कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक ऐसी ही याचिका में नोटिस जारी किया था. पद्मनाभ शंकर नाम के शख्स ने अपनी याचिका में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को कानून के अंदर लाने की मांग की थी.
उनका दावा था कि ये प्लेटफॉर्म अक्सर अश्लील और अनियमित कंटेंट दिखाते हैं. उन्होंने प्लेटफॉर्म को भारतीय सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 के तहत लाने की अपील की थी. ये मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में पेंडिंग है.
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