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लोहड़ी के टॉप गाने: बॉलीवुड से लेकर लोकगीत तक...

13 जनवरी को मनाया जाता है ये त्योहार

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हर साल लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी को पंजाब में धूम धाम ये मनाया जाता है. परंपराओं की मानें तो लोहड़ी का त्योहार फसलों की कटाई के लिए मनाया जाता है. गन्ने की फसल को काटने का सही समय जनवरी को समझा जाता है इसी लिए लोहड़ी का त्योहार फसलों की कटाई से जोड़ा जाता है. और इसलिए पंजाब के किसान लोहड़ी (मागी) को अपने नए साल की शुरुआत मानते हैं.

सुंदर मुंदरिये

सुंदर मुंदरिये तेरा कौन बेचारा,दुल्ला भट्टी वाला, दुल्ले घी व्याही,सेर शक्कर आई, कुड़ी दे बाझे पाई, कुड़ी दा लाल पटारा, कुड़ी दा सालू पाटा सालू कौन समेटे चाचा चुर्री कुट्टी जमींदारा लुट्टी ज़मींदार सुधाये वड़े भोले आयेएक भोला रह गया सिपाई फड़ के ले गया

लोहड़ी के तयोहार पर एक खास गाना सुंदर मुंदरिए गाया जाता है. शायद कुछ ही लोगों को इस फोक सॉग का मतलब पता होगा. तो चलिए आपको इस गाने के पीछे की कहानी बताते हैं.

सुंगर मुंदरिए का इतिहास: ये गाना दरअसल एक पुरानी कहानी बयां करता है. एक आदमी जिसका नाम दुल्हा भट्टिवाला था, वो अकबर के जमाने में पंजाब में रहता था. वो अमीरों से पैसे चुराकर गरीबों की मदद किया करता था. लेकिन जो सबसे अहम बात थी वो ये कि वो लड़कियों की रक्षा करता था जिनको उस जमाने में बाजारों में बेचा जाता था. उन लड़कियों की शादी वो गांव के लड़कों से कराता था और उनके घर बसाता था. दुल्हा भट्टिवाला सभी लड़कियों की जिंदगी में एक पिता की तरह था और वो उनको दहेज देता था और उनकी शादी का पूरा खर्च उठाता था. और इन ही लड़कियों में दो लड़किया थी सुंदरी और मुंदरी जो इस गाने के साथ अमर हो गईं.

तो इस लोहड़ी पर अपने परिवार के साथ खुशियां मनाइए और ये गाने गुनगुनाइए.

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