महाभारत धारावाहिक में अब तक के एपिसोड में आपने देखा, पांचाली बर्तनों में देखती हैं तो खाने के लिए कुछ भी नहीं होता. ऐसे में वह पांडव और पांचाली परेशान हो जाते हैं. वह श्रीकृष्ण को याद करते हैं. तभी वहां श्रीकृष्ण प्रकट होते हैं. पांचाली से श्रीकृष्ण कहते हैं कि बड़ी भूख लग रही है कुछ खिलाओ. ऐसे में पांचाली अपनी परेशानी बताती हैं. इसके बाद श्रीकृष्ण पांडवों और पांचाली की कठिनाई का हल करते हैं.
इन्द्र ने उर्वशी को समझाया
देवराज इन्द्र उर्वशी को समझाते हुए कहते हैं कि तुम किसी को ऐसा श्राप नही दे सकती अप्सरा होने के नाते क्रोध तुम्हें शोभा नही देता. जिसके बाद देवराज उर्वशी से कहते हैं कि तुम अपने श्राप की अवधि घटाकर 1 साल कर दो. देवराज इन्द्र की बातों से उर्वशी सहमत होती हैं. वहीं इन्द्र अर्जुन को बताते हैं कि तुम्हें पूरा जीवन नही बल्कि केवल एक वर्ष नपुंसकता का जीवन जीना होगा और ये वर्ष तुम खुद चुन सकते हो.
अभिमन्यु को देख कृष्ण ने कहा बड़ी बात
अभिमन्यु को देख कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा से कहते हैं कि ये पुत्र तुम्हारे नाम से नही बल्कि तुम इसके नाम से जानी जाओगी. ये महारथी जब युद्ध करेगा तो सब इसके कायल हो जाएंगे. सुभद्रा कृष्ण से पूछती है कि आप किस युद्ध की बात कर रहे हैं जिसपर कृष्ण कहते हैं कि तुम्हारा पुत्र ऐसा रण जीतेगा कि बड़े से बड़ा महारथी इसे प्रणाम करेंगे.
भीष्म पिता को ये चिंता हो रही है कि अगर युद्ध हुआ तो उन्हें न चाहते हुए भी दुर्योधन का साथ देना होगा जोकि बिल्कुल अधर्म है. वहीं महामंत्री विदुर भीष्म से कहते हैं कि आप चाहकर भी ऐसा अन्याय नही कर सकते जिसपर भीष्म विदुर से कहते हैं कि वो अपनी माता और पिता को दिए हुए वचन से बंधे हैं. युद्ध में उनके शस्त्र तो दुर्योधन के साथ होंगे लेकिन उनका आशिर्वाद पांडवों के साथ होगा.
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