श्री कृष्णा धारावाहिक के पिछले एपिसोड में आपने देखा, राजन को मोक्ष के लिए एक मार्ग सुझाया जाता है भक्ति. भक्ति करो और मोक्ष पाओ. जो फल तपस्या, योग और समाधि से भी नहीं मिलता. वह श्रीकृष्ण कीर्तन भजन से मिल जाता है. कलयुग में मोक्ष ऐसे ही मिलेगा.
मधुरा का राक्षस राजा अपनी प्रजा पर बहुत अत्याचार करता था. ऐसे में कंस आदि असुरों का नाश करने के लिए स्वंय धरती पर श्रीकृष्ण जाते हैं. कंस ये नहीं जानता था कि उसकी बहन की ही कोख से उसकी मृत्यु आएगी. अब इधर देवकी के ब्याह की तैयारी होती है. देवकी के हाथों में मेंहंदी लगती है मधुर मिलन की तैयारी शुरू हो जाती है.
वासुदेव बारातियों के साथ पधारते हैं. कंस अपनी बहन का ब्याह धूमधाम से कराता है. अब विदाई का समय आता है देवकी अपनी मां को बताती है कि मां मन में एक भय सा है, ऐसा लग रहा है कि कोई घटना घटने वाली है. तभी कंस कक्ष में आता है वह भी कहता है कि मुझे भी ऐसा ही भय लग रहा है.
कंस की चाची कहती हैं कि तुम जैसे वीर योद्धा का ऐसा कहना सही नहीं. तभी कंस कहता है चाची आप सही कहती हैं. कंस आशंका जताता है कि अगर ससुराल में किसी ने तुमसे कुछ कहा तो मुझे बताना तुम कंस की बहन हो याद रखना.
कंस के जाने के पर मां देवकी को समझाते हुए कहती है कि भाई ने जो कहा वह भूल जाना. ससुराल जाने के बाद वो ही तेरा घर है, इस बात को ध्यान रखना. जो नारी आदर्श की इस सीढ़ी पर खड़ी होती है वही सबसे ऊंची दिखती है और नारी की पूजा होती है.
कंस को पता चलता है कि वह जिस प्रसन्नता से देवकी को लेकर जा रहा है. तेरी बहन का 8वां गर्भ तेरी मौत लेकर आएगा. तेरा काल तेरे सामने आने वाला है. कंस गुस्से में आ जाता है और वो बौखला जाता है.
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