शो- ‘स्वामी रामदेव- एक संघर्ष’
चैनल- डिस्कवरी जीत
प्रसारण- सोमवार से शुक्रवार, रात 8:30 बजे
स्टार कास्ट- क्रांति प्रकाश झा, नमन जैन, तेज सप्रू, महेश बलराज, श्रीस्वरा, दीपल जोशी
टीवी पर इन दिनों एक ट्रेंड चल रहा है, लगभग एक ही तरह के सीरियल और शो का. टीवी पर रीयल स्टोरीज की जगह रिएलिटी शो ने ले ली है. बाकी का रहा-सहा स्पेस कॉमेडी शो, फैमिली सोप और थ्रिलर-सस्पेंस के शो ने घेर रखा है.
ऐसे में टीवी की दुनिया में एक नए चैनल ‘डिस्कवरी जीत’ ने ‘स्वामी रामदेवः एक संघर्ष’ शो के जरिए दमदार दस्तक दी है. चैनल जिस तरह के शो सीरीज को लेकर आ रहा है, उससे ऐसा लगता है कि टीवी की दुनिया में कुछ क्रांतिकारी होने वाला है. चैनल ने अपनी टैग लाइन भी इसी थीम पर ‘है मुमकिन’ रखी है.
इसी कड़ी में डिस्कवरी जीत चैनल योग गुरु बाबा रामदेव की जिंदगी पर बना एक सीरियल 'स्वामी रामदेव: एक संघर्ष' प्रसारित कर रहा है. यह शो स्वामी रामदेव के जीवन में 'है मुमकिन' के महत्व को दिखाता है. शो में हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जन्मे रामकृष्ण यादव के योग गुरु स्वामी रामदेव बनने की कहानी दिखाई जाएगी. सीरियल में रामदेव की जिंदगी के उन संघर्षों की कहानी दिखाई जाएगी, जिनसे लोग अभी अनजान हैं.
कैमरा, प्रोडक्शन और सेट
शो का लुक शानदार है. हरियाणा के गांव दिखाने के लिए जो सेट बनाया गया है, वो काफी हद तक नाटकीय लगता है, यानी नेचुरल वाला फील तो बिल्कुल नहीं आता. हालांकि, शो के कलाकारों का काम काफी हद तक इसे ढंकने की कोशिश करता है. कैमरा और प्रोडक्शन का काम वाकई काबिले तारीफ है. शो के पहले एपिसोड ने इस बात को पूरी तरह से साफ कर दिया है.
किरदारों के कॉस्ट्यूम को लेकर भी निर्माता ने खास खयाल रखा है. कॉस्ट्यूम और किरदार का मेल कहीं से भी बेतुका नहीं लगता. कुल मिलाकर ‘रामदेवः एक संघर्ष’ एक एंटरटेनिंग और एंगेजिंग शो साबित हो सकता है.
जूनियर रामदेव ‘नमन’ का काम काबिल-ए-तारीफ
शो में रामदेव के बचपन का किरदार चिल्लर पार्टी और रांझणा जैसी फिल्मों में काम कर चुके चाइल्ड आर्टिस्ट नमन जैन ने निभाया है. नमन ने इस शो में अपने किरदार को निखार कर साफ कर दिया है कि वह लंबी रेस के घोड़े हैं.
इसके अलावा रामदेव के पिता के किरदार में ‘हैदर’ फेम महेश बलराज ने भी अच्छा काम किया है. जबकि ‘डी-डे’ फेम श्रीस्वरा ने रामदेव की मां का किरदार बखूबी निभाया है. श्रीस्वरा ने अपने रोल में मां की ममता और उसकी भावनाओं को अच्छी तरह से जाहिर करने में कामयाब रही हैं. हालांकि, ठेठ हरियाणवी के नजरिए से देखने पर वह अपने रोल में उतना ठीक नहीं बैठती हैं.
तेज सप्रू बॉलीवुड की कई फिल्मों में विलेन के रूप में नजर आ चुके हैं. लिहाजा, गांव के धूर्त पंडित की भूमिका को उन्होंने अच्छे से निभाया है.
स्टोरी और डायलॉग
जैसा कि यह शो स्वामी रामदेव की जिंदगी पर आधारित है. ऐसे में जाहिर है कि उनके बचपन से लेकर स्वामी रामदेव बनने तक के तमाम पहलुओं को कहानी में शामिल किया गया है. कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए कुछ दूसरे पहलुओं को भी शामिल किया गया है. हालांकि, प्रोडक्शन टीम ने शो को यथार्थ से जुड़ा दिखाने के लिए अच्छी रिसर्च की है. गांव के जीवन को दिखाने की कोशिश की है. यहां तक कि उस दौर की छुआछूत, जातिवाद, जमींदारी और पंचों के प्रपंच को भी कहानी में शामिल किया गया है. लेकिन उस दौर के ग्रामीण जीवन को परदे पर पेश करने में काफी हद तक बनावटीपन लगता है.
शो के एक सीन में जब तेज सप्रू, रामदेव के बचपन का किरदार निभा रहे नमन जैन से कहते हैं कि ‘पढ़ क्या लिखा है इसमें, अनपढ़, अज्ञानी, मूर्ख...लालटेन दिखाने के बाद भी अमावस का आसमान काला ही रहता है...और यही अंधकार तुम्हारी औकात हमेशा रहेगी’ तो उस दौर का एहसास जीवंत हो जाता है, जब धूर्त पंडित मासूम ग्रामीणों को अपनी धूर्तता में फंसाए रखते थे. शो के लिए इस तरह के कई अच्छे डायलॉग लिखे गए हैं.
क्यों देखेंः टीवी पर इन दिनों आने वाले सास-बहू, पारिवारिक साजिशें, सस्पेंस, हॉरर और घिसी-पिटी कॉमेडी वाले शो देखकर अगर आप बोर हो चुके हैं. तो डिस्कवरी जीत पर आने वाला ये शो देख सकते हैं.
इसके अलावा इस शो को देखने की दूसरी वजह आपकी वह जिज्ञासा भी हो सकती है, जिसमें आप जानना चाहते हैं कि आखिर...महेंद्रगढ़ के रामकृष्ण कैसे स्वामी रामदेव बने, कैसे उन्होंने योग और आयुर्वेद को ब्रांड बनाया, और कैसे एक सन्यासी ने स्वदेशी की आवाज बुलंद कर मल्टीनेशनल कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दीं.
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