हिंदू-मुस्लिम की एकता को दिखाता ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क (Tanishq) का विज्ञापन बनाने वालीं ऐड फिल्ममेकर, जोइता पटपटिया (Joyeeta Patpatia) को ऐड रिलीज होने के बाद से सोशल मीडिया पर धमकी और नफरत का सामना करना पड़ रहा है. तनिष्क ने विज्ञापन को वापस ले लिया है, लेकिन जोइता को अभी भी धमकियां मिल रही हैं. इस पूरे मुद्दे पर जोइता पटपटिया ने क्विंट से खास बातचीत की.
एशिया और यूके में ऐड फिल्में बना चुकीं जोइता ने क्विंट को बताया कि नफरत के साथ-साथ, उन्हें सोशल मीडिया पर लोगों का प्यार भी मिल रहा है.
अवॉर्ड विनर फिल्ममेकर जोइता कहती हैं कि जब उन्हें तनिष्क ने 'एकात्वम' कैंपेन की स्क्रिप्ट के साथ संपर्क किया गया, तो ये एकता ही थी, जो उन्हें सबसे अच्छी लगी. जोइता ने कहा कि उन्हें इसमें कुछ गलत नहीं लगा. वो कहती हैं,
“इस कैंपेन का विचार एकता से आया है और इसलिए इसे ‘एकात्वम’ कहा गया है. ये चार फिल्मों का एक कैंपेन था और स्क्रिप्ट अच्छी थी, हमें इसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं लगा. ऐसी कहानी दिखाने में कुछ भी गलत नहीं है जहां दो महिलाएं एक-दूसरे का ख्याल कर रही हैं. हमारे टीवी सीरियल कभी-कभी सास और बहू के रिश्ते को नेगेटिव तरीके से दिखाते हैं. इसलिए, मैंने जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो पहली बात ये नोटिस की कि ये एक महिला की कहानी है, जिसे ढेर सारा प्यार मिल रहा है, और उसकी सास और परिवार उसकी खुशी के लिए सबकुछ कर रहा है.”
'धर्मनिरपेक्ष भारत का था आइडिया'
विज्ञापन की मेकिंग के बारे में बात करते हुए जोइता पटपटिया ने कहा कि इसका आइडिया धर्मनिरपेक्ष भारत पर आधारित था, जहां इंटर-फेथ शादियां नई नहीं हैं. जोइता ने कहा, “अगर आप विज्ञापन देखेंगे, तो वो पुली कुडी बना रहे हैं, जो मलयाली लोगों के लिए गोद भराई के कार्यक्रम में काफी अहम है. हमने रिसर्च की और ये छोटी-छोटी चीजें डालीं ताकि ये दिखा पाएं कि उसका (बहु का) परिवार उस पर कितना प्यार लुटा रहा है.”
“और निश्चित रूप से, ये असामान्य नहीं है, भारत ऐसा ही है, हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हम बच्चों और युवाओं की एक पीढ़ी में हैं, जो इंटर-फेथ शादी से जन्में हैं, जो प्यार दिखाने और बांटने के बारे में दोबारा नहीं सोचते.”जोइता पटपटिया, ऐड फिल्ममेकर
'इतनी नफरत देखकर शॉक्ड हूं'
तनिष्क का विज्ञापन सामने आने के बाद, सोशल मीडिया पर ब्रांड को भारी ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा. जोइता कहती हैं कि इतनी नफरत और आलोचना ने उन्हें शॉक कर दिया. उन्होंने कहा, “आजादी के इतने साल बाद भी, हम यही उम्मीद कर रहे थे कि हम आगे बढ़ रहे हैं. मैं ये नहीं कहूंगी कि हम पीछे गए हैं, हमने बहस की और इसके बारे में बात भी की, लेकिन जितनी नफरत इसे मिली, मैं कहूंगी कि इसने मुझे शॉक कर दिया है. ट्रोल की पूरी आर्मी थी. इतने अनाम चेहरे मुझे, ब्रांड और क्रिएटिव टीम को आपत्तिजनक बातें कह रहे थे.”
'मुस्लिम बहु होने से भी नहीं बदलता कुछ'
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा कि अगर विज्ञापन में दोनों (सास-बहु) का धर्म उल्टा होता, यानी कि मुस्लिम बहू और हिंदू सास होती, तो शायद तनिष्क को इतनी ट्रोलिंग का सामना नहीं करना पड़ता. हालांकि, जोइता मानती हैं कि अगर दोनों का धर्म अलग होता, तब भी कुछ नहीं बदलता.
वो कहती हैं, “दोनों धर्मों को एक फ्रेम में देखना ही ट्रिगर है, तो अगर धर्म उलट भी दिए जाते, तो भी यही प्रतिक्रिया मिलती.”
जब हमने जोइता से पूछा कि राइट-विंग ट्रोल्स से मिली धमकियों के बाद तनिष्क का विज्ञापन हटाना एक ओवर रिएक्शन था, तो उन्होंने कहा, “तनिष्क ने अपने कर्मचारियों और दुकानों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया. हम एक आर्थिक संकट में हैं और उनके पास गोल्ड शोरूम हैं.”
'लोगों से प्यार भी मिला'
जोइता बताती हैं कि लोगों की नफरत के साथ-साथ उन्हें खूब प्यार और समर्थन भी मिला और वो इसी पर फोकस करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर मुझे काफी खराब चीजों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं उसे इंस्टाग्राम पर लगातार शेयर नहीं करना चाहती. मुझे लगता है कि अच्छी आर्ट और हमारे कैंपेन को जो प्यार मिल रहा है, वो शेयर करना बेहतर है.”
“दुनिया में खराब चीजें होती रहेंगी, सिर्फ भारत में नहीं, दुनिया में नस्लवाद है. भारत में इतनी कम्युनिटी हैं और यहां ये एक विवादस्पद मुद्दा है, लेकिन एक देश के तौर पर, क्या हम दुनिया को अपनी अच्छी साइड नहीं दिखाना चाहते? हम हमेशा से एक धर्मनिरपेक्ष देश थे और हमेशा रहेंगे, और मैं उम्मीद करती हूं कि हम जिस जेनरेशन की बात कर रहे हैं, वो चीजों को बदले, क्योंकि मुझे युवा पीढ़ी से जो प्यार और समर्थन मिला है, वो काबिलेतारीफ है.”जोइता पटपटिया, ऐड फिल्ममेकर
जोइता कहती हैं कि वो इस पूरे मुद्दे में केवल अच्छी तरफ देखना चाहती हैं. उन्होंने कहा, “लोगों ने आर्टवर्क और अच्छे स्लोगन बनाए. वो इस कैंपेन को अलग लेवल पर ले गए और इसे इतना प्यार मिला. हम एक सिंपल फिल्म बनाने चले थे, लेकिन अब इसपर बात हो रही है और मैं इसमें केवल अच्छा देखूंगी.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)