भावनाएं आहत होने को लेकर कई वेब सीरीज और फिल्में पिछले कुछ समय से लगातार निशाने पर हैं. सैफ अली खान स्टारर वेब सीरीज तांडव को लेकर भी खूब बवाल हुआ, आरोप लगाया गया कि फिल्म में जानबूझकर एक समाज की भावनाओं को आहत किया गया. अब इस पूरे मामले को लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन ने माफी मांगी है. अमेजन प्राइम वीडियो की तरफ से इसे लेकर एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा मकसद नहीं था. जिनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है, उनसे हम माफी मांगते हैं.
अमेजन प्राइम ने क्या कहा?
अमेजन प्राइम की तरफ से कहा गया है कि,
“हमारे व्यूअर्स को हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज तांडव के कुछ सीन आपत्तिजनक लगे, इसके लिए हमें खेद है. हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. उन तमाम सीन को या तो हटा दिया गया या फिर एडिट कर दिया गया है. हम अपने दर्शकों की भावनाओं का सम्मान करते हैं और उन लोगों से माफी मांगते हैं, जिन्हें ठेस पहुंची.”
इसके अलावा अमेजन प्राइम की तरफ से ये भी कहा गया है कि हम भारतीय कानूनों का अनुपालन करते हुए और दर्शकों की आस्था का सम्मान करते हुए आगे बेहतर मनोरंजन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. दर्शकों की सुविधा के लिए कंपनी की पॉलिसी को लगातार अपडेट करने की जरूरत है.
तांडव के मेकर्स ने भी मांगी थी माफी
बता दें कि इससे पहले तांडव के मेकर्स और एक्टर्स ने भी एक माफीनामा जारी किया था. जिसमें उन तमाम लोगों से माफी मांगी गई थी, जिनकी भावनाएं आहत हुईं. मेकर्स ने बताया कि, इस वेब सीरीज का किसी भी व्यक्ति या फिर घटना से कोई लेना-देना नहीं है, ये सिर्फ एक फिक्शन है. इससे किसी भी व्यक्ति, समुदाय, जाति या धर्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं की गई है. लेकिन अगर अनजाने में किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं.
हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
हालांकि वेब सीरीज के मेकर्स और एक्टर्स के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं. साथ ही मेकर्स पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है. इसे लेकर अमेजन प्राइम वीडियो के इंडिया ऑरिजिनल्स की प्रमुख अपर्णा पुरोहित ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
याचिका खारिज करने वाली जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल जज बेंच ने कहा कि, यह तथ्य सामने है कि याचिकाकर्ता ने इस देश के बहुसंख्यक नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ एक फिल्म के प्रसारण की अनुमति देकर गैर-जिम्मेदाराना काम किया है.
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