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रिव्यू: असली लगता है ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज-2’ की लड़कियों का संघर्ष

अमेजन प्राइम की सीरीज ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज!’ का दूसरा सीजन रिलीज

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सिद्धि, दामिनी, उमंग और अंजना... ये 4 जिंदादिल और बिंदास लड़कियां वापस आ गई हैं! 'फोर मोर शॉट्स प्लीज!' का सीजन 2 अमेजन प्राइम पर रिलीज हो गया है. इस दूसरे सीजन की शुरुआत चारों महिलाओं की जिंदगी के चार महीने बाद से होती है.

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पहले एपिसोड की शुरुआत होगी है सिद्धि (मानवी गागरू) के इस्तानबुल से उमंग (बानी जे) को एक फोन कॉल से. तो इन लड़कियों का आपस में कुछ अनबन हो चुकी होती है, लेकिन जल्द ही ऑडियंस के लिए रीयूनियन तैयार रहता है.

इस सीरीज को नुपुर अस्थाना ने डायरेक्ट किया है, देविका भगत ने लिखा है, इशिता मोइत्रा ने डायलॉग लिखे हैं और नेहा पारती मैत्यानी ने शूट किया है. शायद यही कारण है कि क्योंकि सीरीज की कास्ट और क्रू महिलाओं से भरी हुई है, इसमें जेंडर, प्यार, रिश्तों को लेकर संवेदनशीलता है.

महिलाएं यहां देवी नहीं हैं. सबकी अपनी-अपनी कमियां हैं और अपनी-अपनी खूबियां.

सिद्धी इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि उसे जिंदगी में क्या चाहिए, अंजना (कीर्ति कुल्हारी) ये मानती है कि वो अकेली है, दामिनी (सयानी गुप्ता) डरी हुई है और उमंग कभी-कभी अपने आसपास की चीजों से परेशान हो जाती है. फिर भी, ये महिलाएं इंतजार नहीं कर रही हैं कि कोई मर्द आए और इन्हें इस परेशानी से बचाए.

सीरीज में काफी गुड लुकिंग लड़के भी हैं वैसे. पहले सीजन के कई मेल एक्टर्स इस सीजन में भी दिखते हैं. प्रतीक बब्बर, मिलिंद सोमन, राजीव सिद्धार्थ और नील भूपलम अपने पहले वाले किरदार में हैं, लेकिन कुछ नए चेहरे भी इस सीजन में दिखते हैं. समीर कोच्चर और प्रबल पंजाबी की सीजन 2 में एंट्री हुई है. ये लड़के इस मॉडर्न टाइम के रिश्तों और कई चुनौतियों का सामना करते हैं.

तुलना करना हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन ‘फोर मोर शॉट्स प्लीज!’ का दूसरा सीजन, पहले सीजन के मुकाबले में बेहतर है. सीजन में 10 एपिसोड्स एडिक्टिव हैं और इसका क्रेडिट राइटर को जाता है जिन्होंने इतने बढ़िया कैरेक्टर लिखे हैं.

उमंग अभी तक समारा कपूर (लीजा रे) के लिए अपना प्यार भुला नहीं पाई है. दामिनी खुद को किताब की रिसर्च में बिजी कर लेती है. ऑफिस में अंजना का बॉस बदल गया है और चीजें प्लान के मुताबिक नहीं होतीं. वहीं, खुद की तलाश में निकली सिद्धि अपना टैलेंट ढूंढ लेती है.

इनका संघर्ष इसमें ज्यादा असली और रिलेटेबल लगता है. सीरीज में ऐसे मुद्दे दिखाए गए हैं जो हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में देखते हैं- पीरियड्स, भेदभाव, सेल्फ-कंट्रोल, काम को तवज्जो दें या प्राइवेट लाइफ को.

‘फोर मोर शॉट्स प्लीज!’ सीजन 2 को 5 में से 4 क्विंट!

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