ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमित शाह ने अरुणाचल में लॉन्च किया 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम': ये क्यों अहम है?

Amit Shah's Arunachal Pradesh Visit: चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलने का दावा किया था.

Published
कुंजी
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 10 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के किबिथू गांव में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (VVP) को लॉन्च किया. ये गांव भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थित है.

शाह पूर्वोत्तर राज्य के दो दिवसीय दौरे पर हैं और इस क्षेत्र में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें 'गोल्डन जुबली बॉर्डर इल्युमिनेशन प्रोग्राम' के तहत बने 9 माइक्रो हाईडिल प्लांट शामिल हैं.

इसके अलावा, गृहमंत्री भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की परियोजनाओं का भी अनावरण करेंगे और सैनिकों और स्थानीय निवासियों से बातचीत करेंगे.

अमित शाह ने अरुणाचल में लॉन्च किया 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम': ये क्यों अहम है?

  1. 1. अमित शाह की यात्रा क्यों अहम है?

    शाह की यात्रा चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में पर्वत, आवासीय क्षेत्रों और नदियों सहित 11 स्थानों का नाम बदलने के बीच आई है. चीन ने नाम बदलकर ये दावा किया है कि वो असल में दक्षिण तिब्बत का हिस्सा हैं. चीन ने 11 स्थानों को "जंगनान" कहा है.

    भारत सरकार ने पड़ोसी देश की इस घोषणा को खारिज करते हुए कहा कि चीन का इस क्षेत्र में कोई दावा नहीं है.

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ये पहली बार नहीं है जब चीन इस तरह के दावे कर रहा है, और हमने इन कोशिशों की आलोचना की है."

    बीजिंग ने इससे पहले 2017 में और हाल ही में 2021 में पूर्वोत्तर राज्य में जगहों का नाम बदलने का एकतरफा प्रयास किया था.

    बागची ने आगे कहा, "अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा. नए नामों का आविष्कार कर जगहों के नाम बदलने की कोशिश इस सच्चाई को नहीं बदलेगी."

    इसलिए, अरुणाचल में शाह की यात्रा राज्य के संबंध में चीन की घोषणा के जवाब में शक्ति प्रदर्शन है. ये यात्रा ऐसे समय में भी हो रही है जब दोनों देशों की सरकारों के बीच सीमा वार्ता चल रही है.

    Amit Shah's Arunachal Pradesh Visit: चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलने का दावा किया था.

    अरुणाचल प्रदेश में अमित शाह

    (फोटो: PTI)

    Expand
  2. 2. अमित शाह ने क्या कहा?

    किबिथू में अपने संबोधन में अमित शाह ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई भी भारत से "जमीन का एक टुकड़ा" भी नहीं ले सकता है.

    "2014 से पहले, पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'पूर्व की ओर देखो' नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है, जो देश के विकास में योगदान देता है."
    अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री

    सरकार की 'पूर्व की ओर देखो' नीति पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास पर केंद्रित है. इसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है, जो इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.

    शाह ने आगे कहा कि ITBP और भारतीय सेना के बॉर्डर पर पहरा देते हुए कोई भी भारत की जमीन के "एक कदम भर के हिस्से" का भी अतिक्रमण नहीं कर सकता है.

    Expand
  3. 3. अमित शाह की यात्रा पर चीन की क्या प्रतिक्रिया रही?

    दूसरी ओर, भारत द्वारा आलोचना करने के बाद चीनी सरकार ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि शाह की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा चीन की संप्रभुता का "उल्लंघन" थी.

    न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जंगनान चीन का क्षेत्र है. जंगनान में उनकी यात्रा चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करती है, और सीमा की स्थिति और शांति के लिए अनुकूल नहीं है."

    Amit Shah's Arunachal Pradesh Visit: चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलने का दावा किया था.

    अरुणाचल प्रदेश में अमित शाह ने जवानों के साथ खाया खाना

    (फोटो: PTI)

    Expand
  4. 4. क्या है 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम'?

    वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत भारत की उत्तरी सीमा से सटे राज्यों के 2,967 गांवों का विकास किया जाएगा.

    इस योजना में अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के गांव शामिल हैं. योजना में उन गांवों को चुना गया है, जिनकी "छितरी हुई आबादी है, और कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा सीमित है."

    VVP की घोषणा पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2022 के बजट भाषण के दौरान की गई थी. इसके बाद, केंद्रीय कैबिनेट ने 4,800 करोड़ रुपये के बजट के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए योजना को मंजूरी दी.

    पहले फेज में, प्राथमिकता के आधार पर 662 गांवों की पहचान की गई है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 शामिल हैं.

    योजना के तहत, सड़क संपर्क, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा, बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और कल्याण केंद्र पर फोकस किया जाएगा.

    भारत सरकार के मुताबिक, VVP खासतौर से सीमा से सटे गांवों में लोगों के जीवन को सुधारने में मदद करेगा और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करके उन्हें अपने मूल जगहों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इससे इन गांवों से होने वाले पलायन को रोकने में मदद मिलेगी.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

    Expand

अमित शाह की यात्रा क्यों अहम है?

शाह की यात्रा चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में पर्वत, आवासीय क्षेत्रों और नदियों सहित 11 स्थानों का नाम बदलने के बीच आई है. चीन ने नाम बदलकर ये दावा किया है कि वो असल में दक्षिण तिब्बत का हिस्सा हैं. चीन ने 11 स्थानों को "जंगनान" कहा है.

भारत सरकार ने पड़ोसी देश की इस घोषणा को खारिज करते हुए कहा कि चीन का इस क्षेत्र में कोई दावा नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ये पहली बार नहीं है जब चीन इस तरह के दावे कर रहा है, और हमने इन कोशिशों की आलोचना की है."

बीजिंग ने इससे पहले 2017 में और हाल ही में 2021 में पूर्वोत्तर राज्य में जगहों का नाम बदलने का एकतरफा प्रयास किया था.

बागची ने आगे कहा, "अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा. नए नामों का आविष्कार कर जगहों के नाम बदलने की कोशिश इस सच्चाई को नहीं बदलेगी."

इसलिए, अरुणाचल में शाह की यात्रा राज्य के संबंध में चीन की घोषणा के जवाब में शक्ति प्रदर्शन है. ये यात्रा ऐसे समय में भी हो रही है जब दोनों देशों की सरकारों के बीच सीमा वार्ता चल रही है.

Amit Shah's Arunachal Pradesh Visit: चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलने का दावा किया था.

अरुणाचल प्रदेश में अमित शाह

(फोटो: PTI)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमित शाह ने क्या कहा?

किबिथू में अपने संबोधन में अमित शाह ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई भी भारत से "जमीन का एक टुकड़ा" भी नहीं ले सकता है.

"2014 से पहले, पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले नौ सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'पूर्व की ओर देखो' नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है, जो देश के विकास में योगदान देता है."
अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री

सरकार की 'पूर्व की ओर देखो' नीति पूर्वोत्तर में औद्योगिक विकास पर केंद्रित है. इसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना है, जो इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.

शाह ने आगे कहा कि ITBP और भारतीय सेना के बॉर्डर पर पहरा देते हुए कोई भी भारत की जमीन के "एक कदम भर के हिस्से" का भी अतिक्रमण नहीं कर सकता है.

0

अमित शाह की यात्रा पर चीन की क्या प्रतिक्रिया रही?

दूसरी ओर, भारत द्वारा आलोचना करने के बाद चीनी सरकार ने कड़े शब्दों में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि शाह की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा चीन की संप्रभुता का "उल्लंघन" थी.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जंगनान चीन का क्षेत्र है. जंगनान में उनकी यात्रा चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करती है, और सीमा की स्थिति और शांति के लिए अनुकूल नहीं है."

Amit Shah's Arunachal Pradesh Visit: चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम बदलने का दावा किया था.

अरुणाचल प्रदेश में अमित शाह ने जवानों के साथ खाया खाना

(फोटो: PTI)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम'?

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत भारत की उत्तरी सीमा से सटे राज्यों के 2,967 गांवों का विकास किया जाएगा.

इस योजना में अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के गांव शामिल हैं. योजना में उन गांवों को चुना गया है, जिनकी "छितरी हुई आबादी है, और कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा सीमित है."

VVP की घोषणा पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2022 के बजट भाषण के दौरान की गई थी. इसके बाद, केंद्रीय कैबिनेट ने 4,800 करोड़ रुपये के बजट के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए योजना को मंजूरी दी.

पहले फेज में, प्राथमिकता के आधार पर 662 गांवों की पहचान की गई है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 शामिल हैं.

योजना के तहत, सड़क संपर्क, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा, बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और कल्याण केंद्र पर फोकस किया जाएगा.

भारत सरकार के मुताबिक, VVP खासतौर से सीमा से सटे गांवों में लोगों के जीवन को सुधारने में मदद करेगा और सीमा की सुरक्षा को मजबूत करके उन्हें अपने मूल जगहों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा. इससे इन गांवों से होने वाले पलायन को रोकने में मदद मिलेगी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें