असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) और उनकी पत्नी रिनिकी भुइयां (Riniki Bhuyan) राजनीतिक तूफान में घिर गए हैं. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने आरोप लगाया कि जिस मीडिया कंपनी से वह जुड़ी हैं, उसे प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपये की केंद्रीय सब्सिडी दी गई है.
हालांकि आरोपों से इनकार करते हुए मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने गुरुवार, 14 सितंबर को गोगोई के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा करने की धमकी दी है.
लेकिन आरोप क्या हैं? आइए आपको विस्तार से बताते हैं.
कब, क्या हुआ? - टाइमलाइन
बुधवार, 13 सितंबर को, पार्टी के लोकसभा उपनेता गौरव गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने सीएम सरमा की पत्नी के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी मीडिया कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को क्रेडिट-लिंक्ड केंद्रीय सब्सिडी के माध्यम से 10 करोड़ रुपये मिले हैं. कंपनी के पास दो टेलीविजन समाचार चैनल, एक समाचार पत्र, एक वेबसाइट और साथ ही तीन मनोरंजन चैनल हैं.
क्रेडिट-लिंक्ड केंद्रीय सब्सिडी का मतलब है कि जब कर्ज के लिए ब्याज चुकाने पर सब्सिडी दी जाती है.
"पीएम मोदी ने भारत के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसान सम्पदा योजना शुरू की. लेकिन असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपनी पत्नी की कंपनी को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के हिस्से के रूप में 10 करोड़ रुपये दिलाने में मदद की है. क्या केंद्र सरकार की योजनाएं बीजेपी को समृद्ध करने के लिए है?"गौरव गगोई, कांग्रेस सांसद
गोगोई ने आगे आरोप लगाया कि "प्राइड ईस्ट कंपनी को कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर परियोजना (Agro-Processing Cluster Project) के रूप में पंजीकृत किया गया है. सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) के लिंक को संलग्न करते हुए उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर कथित तौर पर मौजूद है कि रिनिकी की कंपनी मंत्रालय की प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत स्थापित करने वाली 70 प्रोजेक्ट एग्जिक्यूशन एजेंसियों में से एक है.
वेबसाइट के अनुसार, रिनिकी को असम के नागांव जिले के दरिगाजी गांव में एक कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर परियोजना स्थापित करने के लिए परियोजना के प्रमुख प्रमोटर के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
रिकॉर्ड के अनुसार, 25 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के लिए मंत्रालय द्वारा 10 नवंबर 2022 को 10 करोड़ रुपये (जो योजना के तहत उपलब्ध अधिकतम राशि है) को मंजूरी दी गई.
मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर योजना का उद्देश्य "उद्यमियों के समूहों को उत्पादकों/किसानों के समूहों को प्रोसेसर और बाजारों से जोड़कर क्लस्टर के आधार पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना" है. इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे और सामान्य सुविधाओं का विकास करना है.
ये क्लस्टर्स प्रोजेक्ट एग्जिक्यूशन एजेंसी स्थापित करेगी. स्कीम के अनुसार, सामान्य इलाकों प्रोजेक्ट की लागत का 35 फीसदी ग्रांट के रूप में दिया जाएगा और उत्तरपूर्वी राज्यों में प्रोजेक्ट की लागत का 50 फीसदी ग्रांट के रूप में दिया जाएगा. हालांकि अधिकतम ग्रांट 10 करोड़ रुपये तय कर दी गई है.
स्कीम में यह भी कहा गया है कि इस ग्रांट का इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता.
गोगोई के आरोप इस हफ्ते की शुरुआत में असमिया समाचार वेबसाइट - क्रॉस करंट पर प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट पर आधारित है.
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि रिनिकी की कंपनी प्राइड ईस्ट, जिसमें उनकी सबसे ज्यादा (बहुमत) हिस्सेदारी है, ने सरमा के असम के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला के नौ महीने बाद फरवरी 2022 में कलियाबोर मौजा (जो गोगोई के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है) में लगभग 10 एकड़ कृषि भूमि (50 बीघा और 2 कट्ठा) खरीदी थी.
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि, पूरे सौदे के बारे में और भी अजीब बात यह है कि कृषि भूमि को दो महीने (अप्रैल 2022) के अंदर इंडस्ट्रियल जमीन में बदल दिया गया था और प्राइड ईस्ट ने प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया था. फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए सेंट्रल फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने पिछले साल 10 नवंबर को कंपनी को 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी के लिए मंजूरी दे दी थी.
सीएम और उनकी पत्नी ने क्या कहा?
गोगोई के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने कहा कि "न तो उनकी पत्नी और न ही जिस कंपनी से वह जुड़ी हैं, उसे केंद्र से कभी कोई वित्तीय सब्सिडी मिली है." सरमा ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ फिर से दोहराना चाहूंगा कि मेरी पत्नी और जिस कंपनी से वह जुड़ी हैं, उन्होंने भारत सरकार से कोई सब्सिडी नहीं ली है या प्राप्त नहीं की है."
इससे पहले गुरुवार, 14 सितंबर को सरमा ने एक बार फिर दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों की कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने केंद्र सरकार की किसान संपदा योजना के तहत न तो कोई सब्सिडी का दावा किया है और न ही उसे प्राप्त किया है.
कई राजनीतिक नेताओं और समाचार एजेंसियों द्वारा केंद्र सरकार के आधिकारिक दस्तावेज तैयार करने के बावजूद सरमा अपने रुख पर अड़े रहे, जिसमें दिखाया गया था कि कंपनी को नगांव में फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 10 करोड़ रुपये दिए गए थे.
सरमा ने दावा किया कि कंपनी को कोई सब्सिडी नहीं मिली है. हालांकि, गोगोई ने गुरुवार, 15 सितंबर को एक और दस्तावेज पेश किया जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद पल्लभ लोचन दास के लोकसभा प्रश्न के जवाब में प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को किसान सम्पदा योजना के लाभार्थियों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया.
गोगोई द्वारा एक्स पर गोयल की प्रतिक्रिया प्रकाशित करने के तुरंत बाद, सरमा ने दावा किया कि अगर ये आरोप सही साबित हुए तो वह "सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे" - और कहा कि उनके परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को केंद्र सरकार से कोई ग्रांट नहीं मिली है. इस बीच, सरमा की पत्नी रिनिकी ने एक बयान जारी कर मुख्यमंत्री के दावों को दोहराया है.
"यह (प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड) कानून का पालन करने वाली कंपनी है, जिसके सभी वित्तीय रिकॉर्ड सार्वजनिक डोमेन में हैं. एक लंबे और सफल बिजनेस ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, किसी भी अन्य योग्य उद्यम की तरह, सरकार समर्थित कार्यक्रमों/प्रोत्साहन योजनाओं में भाग लेने के लिए पात्र है.
हालांकि, वर्तमान मामले में, पीएम किसान सम्पदा योजना से संबंधित, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स ने सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बावजूद, न तो सरकारी सब्सिडी का एक भी पैसा दावा किया है और न ही प्राप्त किया है."
"यह और कुछ नहीं बल्कि 17 साल पुराने असमिया उद्यम की बदनामी है, जिसने एक महिला उद्यमी की अध्यक्षता में कानून के हर पहलू का पालन किया है. संसद सदस्य गौरव गोगोई के इस निंदनीय अभियान से हमारे मेहनती कर्मचारियों की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए मैं उनके खिलाफ अदालत में 10 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ मानहानि का मामला दायर करने के लिए बाध्य हूं."रिनिकी भुइयां
क्विंट हिंदी ने प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स को टिप्पणी के लिए प्रश्न भेजे हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
विधानसभा में हंगामा
गुरुवार, 14 सितंबर को असम विधानसभा के चल रहे सत्र में नाटकीय दृश्य देखने को मिला, सब्सिडी विवाद पर विपक्ष के सदस्यों ने खूब हंगामा किया.
कांग्रेस ने गुरुवार को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर इस पर विस्तृत चर्चा की मांग की थी. हालांकि, स्पीकर बिस्वजीत दैमारी ने नोटिस को खारिज कर दिया और कहा कि यह "व्यवस्थित नहीं" है.
इसके चलते कांग्रेस विधायक, एक सीपीआई (एम) और एक निर्दलीय विधायक सदन के वेल तक पहुंच गए और नारे लगाने लगे और तख्तियां लहराने लगे.
सदन को दो बार स्थगित करने के बाद स्पीकर द्वारा उनकी मांगें मानने से इनकार करने पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) समेत पूरा विपक्ष वॉकआउट कर गया.
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