ADVERTISEMENTREMOVE AD

बॉन्ड पर रिटर्न बढ़ने से क्यों मचा है हाहाकार, 5 बातों से समझिए

बॉन्ड रिटर्न क्या है 5 बातें आपको जरूर जानना चाहिए

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
स्नैपशॉट

बॉन्ड बाजार इन दिनों हलचल मचाए हुए है. भारतीय बॉन्ड बाजार में यील्ड या रिटर्न 3 साल के शिखर पर है. ये पौने आठ परसेंट को पार कर गया है. इसकी वजह से शेयर बाजार में दबाव है, बैंक परेशान हैं, उनके शेयर गिर रहे हैं और हमारी आपके जेब पर भी दबाव पड़ रहा है. इसकी वजह है ब्याज दरों में बढ़ोतरी. बॉन्ड पर रिटर्न के बारे में पांच खास बातें जानना बहुत जरूरी हैं.

बॉन्ड रिटर्न क्या है 5 बातें आपको जरूर जानना चाहिए
बॉन्ड यील्ड (रिटर्न) में तेजी की वजह से बाजार में गिरावट
(फोटो: iStock)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बॉन्ड क्या होता है?

बॉन्ड एक फिक्स्ड इनकम की तरह का निवेश है, जिसमें निवेशक किसी कंपनी या सरकार को तय वक्त के लिए लोन देता. इसमें ब्याज दरें फिक्स हो सकती या एक तय फॉर्मूले के मुताबिक बदल सकती हैं.

बॉन्ड के जरिए कंपनियां, म्यूनिसपैलिटी, राज्य सरकारें और केंद्र सरकारें पैसा जुटाती हैं ताकि वो अपने प्रोजेक्ट को फाइनेंस कर सकें.

ये भी पढ़ें - बॉन्ड यील्ड और आपकी जेब का रिश्ता

बॉन्ड कैसे काम करते हैं?

कई बार कंपनियों या सरकार को अपनी जरूरत का पैसा जुटाना होता है तो वो बैंक से लोन लेने के बजाए सीधे निवेशकों से बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाती हैं. बॉन्ड जारी करने वाली कंपनी बॉन्ड जारी करते वक्त ही तय कर देती है कि रकम वापस करते वक्त कितना ब्याज दिया जाएगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बॉन्ड वैल्यु कैसे तय होती है

बॉन्ड वैल्यू कई बातों पर निर्भर करती है जैसे बॉन्ड जारी करने वाला कितना भरोसेमंद है? कौन है? कितने वक्त के लिए है? कितना ब्याज मिलेगा और इस वक्त दर क्या है?

जैसे 10,000 रुपए के बॉन्ड में अगर सालाना 8 परसेंट ब्याज मिल रहा है तो बॉन्ड लेने वाले खाते में सालाना 800 रुपए जमा होंगे.

लेकिन अगर ब्याज दरें गिरकर 7%, रह जाती है तो भी बॉन्ड में 8 परसेंट रिटर्न मिलता रहेगा. इसलिए निवेश के लिए ये आकर्षक हो जाएंगे. जाहिर है निवेशक इन बॉन्ड को खरीदेंगे और इतनी बोली लगाएंगे जो 7 परसेंट के आसपास पहुंच जाए.

अगर ब्याज दरें 8 परसेंट से बढ़कर 9 परसेंट हो जाती हैं तो ये बॉन्ड निवेश के लिए आकर्षक नहीं रह जाएंगे इसलिए बॉन्ड के दाम गिरेंगे

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बॉन्ड रिटर्न क्यों बढ़ रहा है?

बॉन्ड रिटर्न या बॉन्ड पर ब्याज इस वक्त 7.75 के रिकॉर्ड स्तर पर है यानी 3 साल के शिखर पर. बॉन्ड पर रिटर्न बढ़ने की वजह है बजट में सरकार ने साफ कर दिया है कि वो काफी कर्ज लेगी. आमदनी से 6 लाख करोड़ रुपए खर्च होगा जो कर्ज से जुटाया जाएगा.

सरकार जब कर्ज लेती है तो उसके लिए रिजर्व बैंक बॉन्ड जारी करके कर्ज उठाता है. ये सीधा सप्लाई और डिमांड का फंडा है.

दूसरी वजह है महंगाई दर बढ़ने के खतरे को देखते हुए हालात ऐसे हैं कि रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकता है. इसलिए भी बॉन्ड पर ब्याज बढ़ेगा इसलिए बॉन्ड पर बोली बढ़ रही है.

शेयर बाजार में गिरावट के खतरे को देखते हुए भी बड़े निवेशकों को लगता है कि बॉन्ड में निवेश सुरक्षित रहेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बॉन्ड (यील्ड) रिटर्न बढ़ने का असर

मतलब है ब्याज दरें बढ़ेंगी. निवेशकों को फायदा होगा कि उनके डिपॉजिट पर बैंक ज्यादा ब्याज देंगे.

इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि कर्ज महंगा होगा. महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ेगा. इसका एक मतलब और होता कि इकनॉमी में मंदी आ रही है.

अगर बॉन्ड यील्ड बढ़ती तो शेयर बाजार गिरने लगता है. बॉन्ड को सुरक्षित निवेश माना जाता है. जबकि शेयर बाजार में जोखिम ज्यादा होता है. जैसे जैसे बॉन्ड यील्ड बढ़ेगी शेयरों की लागत भी बढ़ेगी इससे कमाई कम होगी.

बॉन्ड यील्ड बढ़ना कंपनियों के लिए भी परेशानी है. इससे कर्ज महंगा हो जाता है. ऐसे होने पर कंपनी की कमाई घटेगी उसके डिफॉल्ट का और दिवालिया होने का खतरा बढ़ता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×