पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक समेत दस बैंकों के मर्जर के बाद इन बैकों के ग्राहकों को नए बैंकों के साथ डील करना होगा. इन ग्राहकों के मन में कई सवाल होंगे. मसलन क्या अब उनका अकाउंट नंबर बदल जाएगा? क्या मौजूदा डेबिट कार्ड नहीं चलेगा? या फिर उनकी EMI का क्या होगा? इस पर किस बैंक का इंटरेस्ट रेट लागू होगा?
ऐसे तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब जानना जरूरी हैं. हम बता रहे हैं कि बैंकों के मर्जर के बाद इन बैंकों के ग्राहकों के लिए क्या-क्या बदलेगा और क्या नहीं.
क्या आपका मौजूदा चेक बुक और डेबिट कार्ड चलेगा?
आपका मौजूदा चेक बुक और डेबिट चलेगा. इनका इस्तेमाल करने में फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है. बैंक एक साल के भीतर आपको नया चेक बुक और डेबिट कार्ड इश्यू करेंगे.
लोन रेट बढ़ेगा या घटेगा ?
डिपॉजिट और लोन रेट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि, MCLR से जुड़े लोन की ब्याज दरों में बदलाव नई दरों के री-सेट के बाद ही होगा. अमूमन ये दरें या छह महीने या एक साल में दोबारा तय होती है. अगर आप फिक्स्ड डिपोजिट कराते हैं या नया लोन लेते हैं तो मर्जर के बाद जो नया बैंक बना है वही रेट तय करेगा. इसी तरह से सेविंग अकाउंट में मिलने वाला इंटरेस्ट का रेट भी चेंज हो सकता है.
क्या आपका अकाउंट नंबर बदल जाएगा?
यह तुरंत नहीं बदलेगा. लेकिन अगर आपके बैंक का अपने से बड़े बैंक के साथ मर्जर हो गया है तो बाद में आपका अकाउंट नंबर बदल सकता है. आपका कस्टमर आईडी भी बदल सकता है.
टैक्स रिफंड, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड के लिए क्या करना होगा?
अगर आपको नया अकाउंट नंबर और IFSC कोड दिया जाता है तो रिफंड के लिए टैक्स डिपार्टमेंट में यह नंबर अपडेट करना होगा. मेच्योरिटी रकम हासिल करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी में नंबर अपडेट करना होगा. इसी तरह NPS खाते और म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट के लिए नंबर अपडेट करना होगा.
EMI मैन्डेट और ईसीएस का लिए क्या करना होगा?
आपको ईएमआई मैंडेट यानी खाते से यह रकम कटवाने की अनुमति देने और इसके लिए ईसीएस करवाने के लिए नया ऑनलाइन या फिजिकल फॉर्म भरना पड़ सकता है. फिलहाल लोन लेने वालों, लॉकर होल्ड या कार्ड धारकों के लिए तुरंत कुछ नहीं बदलेगा. लेकिन जब विलय हुए बैंकों के आईटी सिस्टम एक हो जाएंगे तब बदलाव हो सकते हैं. इसलिए आपको अपना ई-मेल अकाउंट और फोन नंबर बैंक में अपडेट करा लेना चाहिए ताकि आपको किसी भी नए बदलाव की जानकारी मिल सके.
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