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Delhi Odd-Even Rule: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के साथ लौटी ऑड-ईवन पॉलिसी, नियम क्या हैं?

Delhi Pollution: "ऑड-ईवन नियम को 20 नवंबर से आगे बढ़ाने की जरूरत पर बाद में समीक्षा की जाएगी."

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कुंजी
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Delhi Odd-Even Rule Explained: दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण स्तर के बीच फिर से 'ऑड-ईवन' नियम लाने की तैयारी है. दिवाली (Diwali) के एक दिन बाद. 13 नवंबर से इसे लागू किया जाएगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने सोमवार, 6 नवंबर को इसकी घोषणा की है. यह नियम सबसे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2016 में लागू किया था.

तो 'ऑड-ईवन' नियम क्या हैं? क्या इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट है? फिलहाल इस बारे में हम जो जानते हैं, वह आपको विस्तार से बताते हैं.

Delhi Odd-Even Rule: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के साथ लौटी ऑड-ईवन पॉलिसी, नियम क्या हैं?

  1. 1. क्या है 'ऑड-ईवन' नियम?

    इस 'ओड-ईवन' नियम के तहत, ईवन नंबर वाली तारीखों (2, 4, 6... ) पर केवल उन्हीं गाड़ियों को दिल्ली की सड़कों पर चलने की अनुमति होंगी जिनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आखिर में ईवन नंबर है.

    इसी तरह, ऑड नंबर वाली तारीखों (1, 3, 5... ) पर केवल उन्हीं गाड़ियों को बाहर निकलने की अनुमति होंगी जिनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आखिर में ऑड नंबर है.

    कब तक लागू होगा नियम?

    फिलहाल इसे 13 से 20 नवंबर तक लागू किया जाना है. दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ऑड-ईवन नियम को 20 नवंबर से आगे बढ़ाने की जरूरत पर बाद में समीक्षा की जाएगी.

    क्या इलेक्ट्रिक वाहनों को इस नियम से छूट दी गई है?

    जब यह योजना 2019 में लागू की गई, तो दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को नियम से छूट देने का फैसला किया. हालांकि, इस साल यह स्पष्ट नहीं है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट दी गई है या नहीं.

    यदि मैं नियम का उल्लंघन करूं तो क्या होगा?

    जब यह योजना 2019 में लागू की गई थी, तो ऑड-ईवन नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. हम अभी भी इस बात पर इसके स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं कि इस बार जुर्माना कितना होगा.

    क्या नियम में ओला-ऊपर जैसी कमर्शियल कैब और टैक्सियां भी शामिल हैं?

    अधिकारियों ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या यह नियम वाणिज्यिक वाहनों पर भी लागू होगा.

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  2. 2. वाहनों से वायु प्रदूषण के बारे में डेटा क्या कहता है?

    2018 में एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के अध्ययन से पता चला कि शहर के PM2.5 सांद्रता में दिल्ली के स्वयं के उत्सर्जन का औसत योगदान सर्दियों में 36 प्रतिशत और गर्मियों में 26 प्रतिशत पाया गया था.

    इस अध्ययन ने सर्दियों में पीएम 2.5 प्रदूषण के स्रोत के रूप में थर्मल पावर प्लांट सहित उद्योगों (30 प्रतिशत) की पहचान की, इसके बाद वाहन (28 प्रतिशत) का नंबर आता है.

    2017 में, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के अध्ययन में दिल्ली में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार फैक्टर में शामिल थे:

    • गाड़ियों से निकलने वाला धुआं- 30 प्रतिशत

    • बायोमास जलाना- 20 प्रतिशत

    • बिजली उत्पादन जैसे भारी उद्योग- 15 प्रतिशत

    • सड़कों पर धूल- 20 प्रतिशत

    • इन-सीटू बिजली उत्पादन-10 प्रतिशत

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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क्या है 'ऑड-ईवन' नियम?

इस 'ओड-ईवन' नियम के तहत, ईवन नंबर वाली तारीखों (2, 4, 6... ) पर केवल उन्हीं गाड़ियों को दिल्ली की सड़कों पर चलने की अनुमति होंगी जिनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आखिर में ईवन नंबर है.

इसी तरह, ऑड नंबर वाली तारीखों (1, 3, 5... ) पर केवल उन्हीं गाड़ियों को बाहर निकलने की अनुमति होंगी जिनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आखिर में ऑड नंबर है.

कब तक लागू होगा नियम?

फिलहाल इसे 13 से 20 नवंबर तक लागू किया जाना है. दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ऑड-ईवन नियम को 20 नवंबर से आगे बढ़ाने की जरूरत पर बाद में समीक्षा की जाएगी.

क्या इलेक्ट्रिक वाहनों को इस नियम से छूट दी गई है?

जब यह योजना 2019 में लागू की गई, तो दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को नियम से छूट देने का फैसला किया. हालांकि, इस साल यह स्पष्ट नहीं है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट दी गई है या नहीं.

यदि मैं नियम का उल्लंघन करूं तो क्या होगा?

जब यह योजना 2019 में लागू की गई थी, तो ऑड-ईवन नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. हम अभी भी इस बात पर इसके स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं कि इस बार जुर्माना कितना होगा.

क्या नियम में ओला-ऊपर जैसी कमर्शियल कैब और टैक्सियां भी शामिल हैं?

अधिकारियों ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या यह नियम वाणिज्यिक वाहनों पर भी लागू होगा.

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वाहनों से वायु प्रदूषण के बारे में डेटा क्या कहता है?

2018 में एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के अध्ययन से पता चला कि शहर के PM2.5 सांद्रता में दिल्ली के स्वयं के उत्सर्जन का औसत योगदान सर्दियों में 36 प्रतिशत और गर्मियों में 26 प्रतिशत पाया गया था.

इस अध्ययन ने सर्दियों में पीएम 2.5 प्रदूषण के स्रोत के रूप में थर्मल पावर प्लांट सहित उद्योगों (30 प्रतिशत) की पहचान की, इसके बाद वाहन (28 प्रतिशत) का नंबर आता है.

2017 में, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के अध्ययन में दिल्ली में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार फैक्टर में शामिल थे:

  • गाड़ियों से निकलने वाला धुआं- 30 प्रतिशत

  • बायोमास जलाना- 20 प्रतिशत

  • बिजली उत्पादन जैसे भारी उद्योग- 15 प्रतिशत

  • सड़कों पर धूल- 20 प्रतिशत

  • इन-सीटू बिजली उत्पादन-10 प्रतिशत

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