भारत राष्ट्र समिति (BRS) की एमएलसी के. कविता (K Kavitha) को शुक्रवार, 15 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस (Delhi Excise Policy Case) से संबंधित मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. ED ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी को हैदराबाद में उनके आवास पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया है.
के. कविता को ऐसे वक्त में गिरफ्तार किया गया है, जब उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 19 मार्च को सुनवाई होनी है. याचिका में उन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ रोक की मांग की है. वहीं इससे पहले फरवरी में शीर्ष अदालत ने कविता को ED की कार्रवाई से सुरक्षा 13 मार्च तक बढ़ा दी थी.
ED ने पहले पूर्व सांसद कविता से पूछताछ की थी. हालांकि, वह समन के बावजूद पिछले साल अक्टूबर से जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुई हैं.
फरवरी 2023 में ED ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी (2021-22) मामले में अपनी जांच के संबंध में दूसरी चार्जशीट दायर की थी और उन कानूनी कागजातों में कविता की कथित भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई थी.
Delhi Liquor Policy: तेलंगाना के पूर्व CM की बेटी के कविता ED के निशाने पर कैसे आईं?
1. के कविता पर क्या आरोप है?
के कविता और तीन अन्य - YSR कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और शरथ रेड्डी को ED ने ने 'साउथ ग्रुप' नाम दिया है. इन पर आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के प्रॉक्सी विजय नायर (Vijay Nair) पर प्रॉक्सी माध्यम से 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप है.
चार्जशीट के अनुसार, AAP सरकार की 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी से भारी मुनाफा कमाने के लिए प्रॉक्सी के माध्यम से दिल्ली में थोक शराब कारोबार चलाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दिया गया था. आरोप लगा कि एक्साइज पॉलिसी की जानकारी सरकार की ओर से पारित किए जाने से पहले की ही कुछ चुनिंदा बिजनेसमैन को लीक कर दी गई.
Expand2. ये कथित घोटाला कैसे हुआ?
दिल्ली शराब नीति 2021-22 के जरिए प्रत्येक थोक विक्रेता कम से कम 12 प्रतिशत और प्रत्येक खुदरा विक्रेता 185 प्रतिशत मुनाफा कमा सकता था. ED का आरोप है कि इस नीति की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग, निर्माता-थोक विक्रेता की सांठगांठ, शराब बेचने वाला गिरोह तैयार हुआ. इस नीति में ये नियम अनिवार्य था कि कोई भी शराब निर्माता कंपनी एक वक्त पर केवल एक थोक विक्रेता के साथ व्यापार करेगी.
ED के मुताबिक, दिल्ली के शराब कारोबार में AAP सरकार ने धांधली की थी, जिसने कथित तौर पर रिश्वत के बदले में कुछ शराब व्यापारियों को दूसरों के मुकाबले तरजीह दी थी.
Expand3. के कविता का इस केस से क्या संबंध?
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में दिल्ली स्थित शराब के थोक विक्रेता "इंडो स्पिरिट्स" के मालिक समीर महंदूर आरोपी हैं. ED के मुताबिक, कविता की कथित तौर पर इसमें परोक्ष हिस्सेदारी थी. 'साउथ ग्रुप', जिसमें कविता भी शामिल हैं- इस ग्रुप के पास कथित तौर पर कविता के कथित सहयोगी और हैदराबाद के बिजनेसमैन अरुण पिल्लई सहित प्रॉक्सी के जरिए "इंडो स्पिरिट्स" में लगभग 65 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
इसके बाद इंडो स्पिरिट्स को भारत की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी पेरनोड पिकार्ड इंडिया का कारोबार मिला.
चार्जशीट में दावा किया गया है कि इस सौदे में कथित तौर पर विजय नायर ने मदद की थी, जिसे 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था और जिसे "अवैध तरीके से" AAP नेताओं को दिया गया था. इस निर्माता- थोक विक्रेता के मिलीभगत से हुए मुनाफे का इस्तेमाल साउथ ग्रुप द्वारा AAP को कथित तौर पर दी गई रिश्वत को कवर करने के लिए किया गया था.
ED के मुताबिक, इंडो स्पिरिट्स में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी के अलावा साउथ ग्रुप का नौ शराब खुदरा क्षेत्रों पर भी नियंत्रण था. इसके साथ ही साउथ ग्रुप के हिस्से में दिल्ली की 30 प्रतिशत शराब उद्योग की हिस्सेदारी आई.
Expand4. कविता के खिलाफ सबूत क्या है?
कविता के खिलाफ सबूतों के मामले में ED का मामला थोड़ा कमजोर है, क्योंकि सभी आरोप तीन आरोपियों द्वारा दिए किए गए इकबालिया बयान पर आधारित हैं.
इंडो स्पिरिट्स के मालिक समीर महंदूर ने अपनी कंपनी में 65 फीसदी हिस्सेदारी साउथ ग्रुप को देने का दावा किया है.
दिल्ली के कारोबारी दिनेश अरोड़ा, जिन्होंने खुद को आप नेता सुनील नायर का सहयोगी होने का दावा किया था.
हैदराबाद के बिजनेसमैन अरुण पिल्लई ने कविता के सहयोगी होने का दावा किया था.
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के कविता पर क्या आरोप है?
के कविता और तीन अन्य - YSR कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और शरथ रेड्डी को ED ने ने 'साउथ ग्रुप' नाम दिया है. इन पर आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के प्रॉक्सी विजय नायर (Vijay Nair) पर प्रॉक्सी माध्यम से 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप है.
चार्जशीट के अनुसार, AAP सरकार की 2021-22 की एक्साइज पॉलिसी से भारी मुनाफा कमाने के लिए प्रॉक्सी के माध्यम से दिल्ली में थोक शराब कारोबार चलाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दिया गया था. आरोप लगा कि एक्साइज पॉलिसी की जानकारी सरकार की ओर से पारित किए जाने से पहले की ही कुछ चुनिंदा बिजनेसमैन को लीक कर दी गई.
ये कथित घोटाला कैसे हुआ?
दिल्ली शराब नीति 2021-22 के जरिए प्रत्येक थोक विक्रेता कम से कम 12 प्रतिशत और प्रत्येक खुदरा विक्रेता 185 प्रतिशत मुनाफा कमा सकता था. ED का आरोप है कि इस नीति की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग, निर्माता-थोक विक्रेता की सांठगांठ, शराब बेचने वाला गिरोह तैयार हुआ. इस नीति में ये नियम अनिवार्य था कि कोई भी शराब निर्माता कंपनी एक वक्त पर केवल एक थोक विक्रेता के साथ व्यापार करेगी.
ED के मुताबिक, दिल्ली के शराब कारोबार में AAP सरकार ने धांधली की थी, जिसने कथित तौर पर रिश्वत के बदले में कुछ शराब व्यापारियों को दूसरों के मुकाबले तरजीह दी थी.
के कविता का इस केस से क्या संबंध?
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में दिल्ली स्थित शराब के थोक विक्रेता "इंडो स्पिरिट्स" के मालिक समीर महंदूर आरोपी हैं. ED के मुताबिक, कविता की कथित तौर पर इसमें परोक्ष हिस्सेदारी थी. 'साउथ ग्रुप', जिसमें कविता भी शामिल हैं- इस ग्रुप के पास कथित तौर पर कविता के कथित सहयोगी और हैदराबाद के बिजनेसमैन अरुण पिल्लई सहित प्रॉक्सी के जरिए "इंडो स्पिरिट्स" में लगभग 65 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
इसके बाद इंडो स्पिरिट्स को भारत की सबसे बड़ी शराब निर्माता कंपनी पेरनोड पिकार्ड इंडिया का कारोबार मिला.
चार्जशीट में दावा किया गया है कि इस सौदे में कथित तौर पर विजय नायर ने मदद की थी, जिसे 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था और जिसे "अवैध तरीके से" AAP नेताओं को दिया गया था. इस निर्माता- थोक विक्रेता के मिलीभगत से हुए मुनाफे का इस्तेमाल साउथ ग्रुप द्वारा AAP को कथित तौर पर दी गई रिश्वत को कवर करने के लिए किया गया था.
ED के मुताबिक, इंडो स्पिरिट्स में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी के अलावा साउथ ग्रुप का नौ शराब खुदरा क्षेत्रों पर भी नियंत्रण था. इसके साथ ही साउथ ग्रुप के हिस्से में दिल्ली की 30 प्रतिशत शराब उद्योग की हिस्सेदारी आई.
कविता के खिलाफ सबूत क्या है?
कविता के खिलाफ सबूतों के मामले में ED का मामला थोड़ा कमजोर है, क्योंकि सभी आरोप तीन आरोपियों द्वारा दिए किए गए इकबालिया बयान पर आधारित हैं.
इंडो स्पिरिट्स के मालिक समीर महंदूर ने अपनी कंपनी में 65 फीसदी हिस्सेदारी साउथ ग्रुप को देने का दावा किया है.
दिल्ली के कारोबारी दिनेश अरोड़ा, जिन्होंने खुद को आप नेता सुनील नायर का सहयोगी होने का दावा किया था.
हैदराबाद के बिजनेसमैन अरुण पिल्लई ने कविता के सहयोगी होने का दावा किया था.
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