देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) भीषण गर्मी से जूझ रही है. चिलचिलाती धूप के साथ ही हीटवेव से लोगों हाल बेहाल है. अधिकतम तापमान के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. इस बीच जल संकट ने दिल्लीवासियों की परेशानी और बढ़ा दी है. दिल्ली के कई इलाके इस समय पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहे हैं. पानी लेने के लिए लोगों को खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. वहीं पानी की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार SC पहुंच गई है, याचिका में पड़ोसी राज्यों से पानी की मांग की गई है.
चलिए आपको बताते हैं कि दिल्ली में जलसंकट क्यों है? यहां किन-किन राज्यों से पानी आता है, कितने की जरूरत है और कितनी सप्लाई हो रही है? दिल्ली की AAP सरकार ने हरियाणा पर क्या-क्या आरोप लगाए हैं?
दिल्ली जल संकट: कैसे हुई पानी की कमी, कहां से होती है सप्लाई, जनता को कितनी जरूरत?
1. दिल्ली में जल संकट क्यों है?
प्रचंड गर्मी के बीच दिल्लीवासियों का गला सूख रहा है! जल संकट के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि राष्ट्रीय राजधानी में पानी की समस्या क्यों और कैसे उत्पन्न हो गई है?
दरअसल, दिल्ली को पानी के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब पर निर्भर होना पड़ता है. इसमें भी सबसे बड़ा हिस्सा हरियाणा का है.
इस साल भीषण गर्मी के बीच यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट को दिल्ली में पानी की कमी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. इसके लिए दिल्ली सरकार हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रही है. दिल्ली की जल संसाधन मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है हरियाणा सरकार की तरफ से दिल्ली के लिए यमुना में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है.
आतिशी ने कहा कि वजीराबाद तालाब पर पानी का स्तर 674 फीट होना चाहिए, जो कि घटकर 670 फीट पर पहुंच गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो यमुना में पानी आता है, वो वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है. जब पानी की सप्लाई ही कम हो जाएगी तब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी कहां से प्रोड्यूस करेंगे.
हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा अपने यहां से बहने वाली दो नहरों- CLC (कैरियर लाइन्ड चैनल) और DSB (दिल्ली सब ब्रांच) के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी को पानी की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन समस्या इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि नदी का चैनल सूखा है.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हरियाणा नियमों के अनुसार पानी की आपूर्ति कर रहा है... लेकिन हमारी आवश्यकता अधिक है और हम यमुना से सीधे कुछ पानी उठाते हैं. नदी में पानी का यह स्तर अब कम है क्योंकि बहुत कम बारिश हुई है. "
"हम इसके लिए सीधे हरियाणा को दोष नहीं दे सकते क्योंकि वे CLC और DSB के माध्यम से पानी उपलब्ध करा रहे हैं. हमें मांग को पूरा करने के लिए 60 से 100 MGD (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी की आवश्यकता है."
Expand2. दिल्ली के किन इलाकों में पानी की किल्लत?
प्रभावित इलाकों में NDMC क्षेत्र से लेकर पटेल नगर और उत्तर से लेकर दक्षिण दिल्ली तक शामिल हैं. चाणक्यपुरी के संजय कैंप क्षेत्र और पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी सहित कई इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से हैं. शहर में भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच जल संकट ने महरौली और छतरपुर में रहने वाले लोगों को भी प्रभावित किया है.
चिलचिलाती गर्मी में लोग पानी के लिए लाइनों में खड़े नजर आ रहे हैं. टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही है.
Expand3. दिल्ली में कहां से कितना पानी आता है?
दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड को हरियाणा से CLC, DSB नहर और यमुना नदी के बहाव से 1133 क्यूसेक पानी (612.5 MGD) पानी मिलता है, जो कि इस प्रकार है:
CLC: मुनक से 719 क्यूसेक जारी/ दिल्ली में 683 क्यूसेक प्राप्त
DSB: दिल्ली में 330 क्यूसेक
यमुना नदी: 120 क्यूसेक
इसके अलावा गंगा नदी से 470 क्यूसेक (254.08 MGD) और दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में लगे ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 117 MGD पानी आता है.
Expand4. दिल्ली में कितने पानी की जरूरत और कितनी हो रही सप्लाई?
दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 60 गैलन पानी उपलब्ध कराने के मानदंड के आधार पर दिल्ली में मौजूदा समय में 2.15 करोड़ आबादी के लिए जल की कुल आवश्यकता 1290 MGD (मिलियन गैलन प्रति दिन) है.
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से 31 मई को जारी बुलेटिन के मुताबिक, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और ट्यूबवेलों से 993.76 MGD पानी का उत्पादन हुआ, जो 956 MGD की उत्पादन क्षमता से अधिक है, लेकिन शहर की अनुमानित आवश्यकता 1,290 MGD से काफी कम है.
वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में उत्पादन में कमी दर्ज की गई है. 131 MGD क्षमता के मुकाबले यहां 125.49 MGD उत्पादन हुआ.
Expand5. पानी की समस्या से निपटने के लिए क्या कर रही दिल्ली सरकार?
जल संकट के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने वाटर टैंकर वॉर रूम बनाने का ऐलान किया है. जिस भी क्षेत्र में पानी की समस्या है, लोग 1916 पर कॉल कर पानी का टैंकर मंगा सकते हैं.
जल मंत्री अतिशी ने कहा, "हम एक सेंट्रल वॉटर टैंकर का 'वॉर रूम' दिल्ली जल बोर्ड में स्थापित कर रहे हैं. इस वॉर रूम का नेतृत्व एक वरिष्ठ IAS अधिकारी द्वारा किया जाएगा. जो भी दिल्लीवासी पानी का टैंकर चाहते हैं वे 1916 पर कॉल कर सकते हैं."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "5 तारीख से दिल्ली के हर वॉटर जोन में एक ADM स्तर और एक SDM स्तर के अफसर को तैनात किया जाएगा. वे त्वरित प्रतिक्रिया टीम बनाएंगे जो पानी की कमी वाले इलाकों में ग्राउंड पर उपलब्ध होगी. हम दिल्ली जल बोर्ड की 200 प्रवर्तन टीमें बना रहे हैं जो पानी की बर्बादी की जांच करेगी."
Expand6. पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाये गए?
दिल्ली में पानी की बर्बादी रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है. पानी बर्बाद करते हुए पकड़े जाने पर दो हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. इस पर नजर रखने के लिए जल बोर्ड के सीईओ को पूरी दिल्ली में 200 टीमें तैनात करने को कहा गया है.
ये कदम उठाए जा रहे:
दिल्ली जल बोर्ड के पेयजल से कार धोने पर रोक
कारों को धोने के लिए पाइप के इस्तेमाल पर रोक
जल बोर्ड के पानी का इस्तेमाल निर्माण स्थलों या किसी भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता
टीम ओवरफ्लो होने वाले पानी के टैंकों की निगरानी करेगी और उनकी समस्या का समाधान करेगी
निर्माण स्थलों या व्यावसायिक संपत्तियों पर अवैध जल कनेक्शन काटे जाएंगे
जिन क्षेत्रों में वर्तमान में दिन में दो बार पानी मिलता है, उनकी आपूर्ति घटाकर हर 24 घंटे में एक बार की जाएगी
Expand7. दिल्ली-हरियाणा के बीच क्या समझौता है?
29 फरवरी 1996 को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह दिल्ली को प्रतिदिन 330 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराए. इससे पहले दिल्ली को प्रतिदिन 719 क्यूसेक पानी मिलता था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के यमुना जल सेवा (दक्षिण) के मुख्य अभियंता संदीप तनेजा ने कहा कि राज्य दिल्ली के हिस्से का पानी दे रहा है.
उन्होंने कहा, "CLC के माध्यम से 719 क्यूसेक और DSB के माध्यम से 330 क्यूसेक की आपूर्ति की जा रही है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से करीब 352 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो गर्मियों में सामान्य निर्वहन है.
बहरहाल, दिल्ली सरकार एक बार फिर हरियाणा सरकार पर कम पानी देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. वहीं इससे पहले आतिशी ने केंद्र जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को भी पत्र लिखा था.
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दिल्ली में जल संकट क्यों है?
प्रचंड गर्मी के बीच दिल्लीवासियों का गला सूख रहा है! जल संकट के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि राष्ट्रीय राजधानी में पानी की समस्या क्यों और कैसे उत्पन्न हो गई है?
दरअसल, दिल्ली को पानी के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब पर निर्भर होना पड़ता है. इसमें भी सबसे बड़ा हिस्सा हरियाणा का है.
इस साल भीषण गर्मी के बीच यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट को दिल्ली में पानी की कमी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. इसके लिए दिल्ली सरकार हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रही है. दिल्ली की जल संसाधन मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है हरियाणा सरकार की तरफ से दिल्ली के लिए यमुना में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है.
आतिशी ने कहा कि वजीराबाद तालाब पर पानी का स्तर 674 फीट होना चाहिए, जो कि घटकर 670 फीट पर पहुंच गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो यमुना में पानी आता है, वो वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है. जब पानी की सप्लाई ही कम हो जाएगी तब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी कहां से प्रोड्यूस करेंगे.
हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा अपने यहां से बहने वाली दो नहरों- CLC (कैरियर लाइन्ड चैनल) और DSB (दिल्ली सब ब्रांच) के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी को पानी की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन समस्या इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि नदी का चैनल सूखा है.
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हरियाणा नियमों के अनुसार पानी की आपूर्ति कर रहा है... लेकिन हमारी आवश्यकता अधिक है और हम यमुना से सीधे कुछ पानी उठाते हैं. नदी में पानी का यह स्तर अब कम है क्योंकि बहुत कम बारिश हुई है. "
"हम इसके लिए सीधे हरियाणा को दोष नहीं दे सकते क्योंकि वे CLC और DSB के माध्यम से पानी उपलब्ध करा रहे हैं. हमें मांग को पूरा करने के लिए 60 से 100 MGD (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी की आवश्यकता है."
दिल्ली के किन इलाकों में पानी की किल्लत?
प्रभावित इलाकों में NDMC क्षेत्र से लेकर पटेल नगर और उत्तर से लेकर दक्षिण दिल्ली तक शामिल हैं. चाणक्यपुरी के संजय कैंप क्षेत्र और पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी सहित कई इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से हैं. शहर में भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच जल संकट ने महरौली और छतरपुर में रहने वाले लोगों को भी प्रभावित किया है.
चिलचिलाती गर्मी में लोग पानी के लिए लाइनों में खड़े नजर आ रहे हैं. टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई की जा रही है, लेकिन वो नाकाफी साबित हो रही है.
दिल्ली में कहां से कितना पानी आता है?
दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड को हरियाणा से CLC, DSB नहर और यमुना नदी के बहाव से 1133 क्यूसेक पानी (612.5 MGD) पानी मिलता है, जो कि इस प्रकार है:
CLC: मुनक से 719 क्यूसेक जारी/ दिल्ली में 683 क्यूसेक प्राप्त
DSB: दिल्ली में 330 क्यूसेक
यमुना नदी: 120 क्यूसेक
इसके अलावा गंगा नदी से 470 क्यूसेक (254.08 MGD) और दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में लगे ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 117 MGD पानी आता है.
दिल्ली में कितने पानी की जरूरत और कितनी हो रही सप्लाई?
दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 60 गैलन पानी उपलब्ध कराने के मानदंड के आधार पर दिल्ली में मौजूदा समय में 2.15 करोड़ आबादी के लिए जल की कुल आवश्यकता 1290 MGD (मिलियन गैलन प्रति दिन) है.
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से 31 मई को जारी बुलेटिन के मुताबिक, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और ट्यूबवेलों से 993.76 MGD पानी का उत्पादन हुआ, जो 956 MGD की उत्पादन क्षमता से अधिक है, लेकिन शहर की अनुमानित आवश्यकता 1,290 MGD से काफी कम है.
वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में उत्पादन में कमी दर्ज की गई है. 131 MGD क्षमता के मुकाबले यहां 125.49 MGD उत्पादन हुआ.
पानी की समस्या से निपटने के लिए क्या कर रही दिल्ली सरकार?
जल संकट के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने वाटर टैंकर वॉर रूम बनाने का ऐलान किया है. जिस भी क्षेत्र में पानी की समस्या है, लोग 1916 पर कॉल कर पानी का टैंकर मंगा सकते हैं.
जल मंत्री अतिशी ने कहा, "हम एक सेंट्रल वॉटर टैंकर का 'वॉर रूम' दिल्ली जल बोर्ड में स्थापित कर रहे हैं. इस वॉर रूम का नेतृत्व एक वरिष्ठ IAS अधिकारी द्वारा किया जाएगा. जो भी दिल्लीवासी पानी का टैंकर चाहते हैं वे 1916 पर कॉल कर सकते हैं."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "5 तारीख से दिल्ली के हर वॉटर जोन में एक ADM स्तर और एक SDM स्तर के अफसर को तैनात किया जाएगा. वे त्वरित प्रतिक्रिया टीम बनाएंगे जो पानी की कमी वाले इलाकों में ग्राउंड पर उपलब्ध होगी. हम दिल्ली जल बोर्ड की 200 प्रवर्तन टीमें बना रहे हैं जो पानी की बर्बादी की जांच करेगी."
पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाये गए?
दिल्ली में पानी की बर्बादी रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है. पानी बर्बाद करते हुए पकड़े जाने पर दो हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. इस पर नजर रखने के लिए जल बोर्ड के सीईओ को पूरी दिल्ली में 200 टीमें तैनात करने को कहा गया है.
ये कदम उठाए जा रहे:
दिल्ली जल बोर्ड के पेयजल से कार धोने पर रोक
कारों को धोने के लिए पाइप के इस्तेमाल पर रोक
जल बोर्ड के पानी का इस्तेमाल निर्माण स्थलों या किसी भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता
टीम ओवरफ्लो होने वाले पानी के टैंकों की निगरानी करेगी और उनकी समस्या का समाधान करेगी
निर्माण स्थलों या व्यावसायिक संपत्तियों पर अवैध जल कनेक्शन काटे जाएंगे
जिन क्षेत्रों में वर्तमान में दिन में दो बार पानी मिलता है, उनकी आपूर्ति घटाकर हर 24 घंटे में एक बार की जाएगी
दिल्ली-हरियाणा के बीच क्या समझौता है?
29 फरवरी 1996 को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह दिल्ली को प्रतिदिन 330 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराए. इससे पहले दिल्ली को प्रतिदिन 719 क्यूसेक पानी मिलता था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के यमुना जल सेवा (दक्षिण) के मुख्य अभियंता संदीप तनेजा ने कहा कि राज्य दिल्ली के हिस्से का पानी दे रहा है.
उन्होंने कहा, "CLC के माध्यम से 719 क्यूसेक और DSB के माध्यम से 330 क्यूसेक की आपूर्ति की जा रही है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हथिनीकुंड बैराज से करीब 352 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो गर्मियों में सामान्य निर्वहन है.
बहरहाल, दिल्ली सरकार एक बार फिर हरियाणा सरकार पर कम पानी देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. वहीं इससे पहले आतिशी ने केंद्र जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को भी पत्र लिखा था.
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