शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक स्कीम लांच कर दी. यह अपनी तरह का पहला ‘चलता-फिरता’ बैंक होगा. यानी डाकिये आपको घर पर ही बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराएंगे. डाकियों को एक पीओएस मशीन दी जाएगी. उसी के जरिये बैंकिंग सेवा दी जाएगी.
डाक विभाग का पेमेंट्स बैंक डाकघरों के एक नेटवर्क के जरिये काम करेगा. इसमें तीन लाख डाकिये और ग्रामीण डाक सेवक शामिल होंगे. शनिवार से यह सेवा 650 शाखाओं और 3250 एक्सेस प्वाइंट पर उपलब्ध होगी.
क्या सुविधाएं मिलेंगी?
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक स्कीम दूसरे बैंकों की तुलना में छोटे स्तर की होगी. इस सेवा में लोन नहीं दिया जाएगा और न क्रेडिट कार्ड इश्यू किया जाएगा. बाकी सारे बैंकिंग के काम होंगे. इसके तहत आप बैंक में पैसा जमा कर सकते हैं. पैसे भेजे जा सकते हैं या भेजे पैसे लिए जा सकते हैं.
मोबाइल पेमेंट, या मनी ट्रांसफर होगा. ई-कॉमर्स वेबसाइट से खरीदारी हो सकेगी. एटीएम या डेबिट कार्ड मिलेगा. नेट बैंकिंग होगी और थर्ड पार्टी फंड ट्रांसफर भी होगी. लोन और इंश्योरेंस सेवाओं के लिए पीएनबी और बजाज अलायंज लाइफ इंश्योरेंस के साथ करार किया गया है.
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलीवरी भी करेंगे डाकिये
इस योजना के तहत ई-कॉमर्स साइटों से खरीदी गई चीजें भी आपके पास पहुंचाई जाएंगी. इसके लिए डाक विभाग ने अमेजन से करार किया है. इससे दूर-दराज के गांवों में भी लोग अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी साइटों से सामान मंगा सकेंगे.
पैसा जमा करने की क्या सीमा होगी?
इसके जरिये पैसे जमा करने की सीमा एक लाख लाख रुपये होगी. इससे ज्यादा पैसा जमा होने पर यह अपने आप पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में चला जाएगा. इस पर बैंक की तरह चार फीसदी ब्याज मिलेगा.
क्या है सेवा हासिल करने का तरीका?
बैंकिंग सेवाएं आपको डाकघर के काउंटर पर भी मिलंगी माइक्रो एटीएम के जरिये भी. मोबाइल बैंकिंग एप, मैसेज और इंटरएक्टिव वॉयस सर्विस के जरिये भी आप तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी. दिसंबर तक इन सेवाओं के लिए 1.55 लाख एक्सेस प्वाइंट बनाए जाएंगे. इनमें से 1.30 लाख ग्रामीण इलाके में होंगे.
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक अकाउंट खोलने के लिए आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल करेगा. क्यूआर कोड और बायोमैट्रिक्स का इस्तेमाल authentication, transactions और payments के लिए होगा. डाकिये के पास ट्रांजेक्शन के लिए स्मार्टफोन और बायोमैट्रिक डिवाइस होंगे. दिसंबर तक इन सेवाओं के लिए 1.55 लाख एक्सेस प्वाइंट बनाए जाएंगे. इनमें से 1.30 लाख ग्रामीण इलाके में होंगे.
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