हैदराबाद में 22 साल पहले बम धमाके की साजिश रचने के मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा की किस्मत का फैसला 4 फरवरी को हो सकता है. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के बम एक्सपर्ट टुंडा पर देश के अलग-अलग हिस्सों में कई केस दर्ज हैं. हैदराबाद की नामपल्लि कोर्ट में टुंडा पर 1998 में सलीम जुनैद के साथ मिलकर आतंकी हमले की साजिश रचने का केस चल रहा है. ट्रायल के बाद अब मंगलवार को फैसला आना है.
टुंडा साल 1998 में आतंकी सलीम जुनैद और कई दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर गणेश उत्सव के मौके पर हैदराबाद में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था. इस मामले में टुंडा पर आपराधिक साजिश रचने, हथियार और गोला-बारूद रखने के आरोप हैं.
टुंडा 40 धमाकों का मास्टरमाइंड
अब्दुल करीम टुंडा भारत के सबसे खूंखार आतंकवादियों में से एक है. देश भर में 40 से ज्यादा बम धमाकों का मास्टरमाइंड माना जाता है. टुंडा उन 20 आतंकवादियों में से एक है जिसे भारत ने 26/11 मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान से उसे सौंपने के लिए कहा था.
लश्कर-ए-तैयबा के बम एक्सपर्ट टुंडा को 16 अगस्त 2013 को भारत-नेपाल सीमा पर बनबासा से गिरफ्तार किया गया था. देशभर में कई बम धमाकों के पीछे उसका हाथ होने का संदेह है.
बम विस्फोट के आरोप में उम्र कैट की सजा काट रहा है टुंडा
आतंकी टुंडा फिलहाल हरियाणा के सोनीपत में साल 1996 में हुए दो बम ब्लास्ट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है. ब्लास्ट के 21 साल बाद अक्टूबर 2017 में सोनीपत कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
28 दिसंबर 1996 की शाम पहला ब्लास्ट सोनीपत में बस स्टैंड के पास स्थित तराना सिनेमा पर हुआ था. 10 मिनट बाद दूसरा ब्लास्ट गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के पास हुआ था. इस हादसे एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
नब्बे के दशक में बांग्लादेश से भारत आया था टुंडा
आतंकी टुंडा भारत में ही पला-बढ़ा. बाद में पाकिस्तान के रास्ते बांग्लादेश चला गया. साल 1992 में फिर भारत आया और इसके बाद देश भर में कई सीरियल बम धमाकों के मामले में आरोपी है. अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद पुणे में बम प्लांट का आरोप उस पर है. 1996 से 1998 के बीच दिल्ली में हुए लगभग सभी बम धमाकों में टुंडा शामिल माना जाता है.
इसके अलावा साल उस पर 2010 में भारत में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स से ठीक पहले सीरियल ब्लास्ट प्लांट करने की कोशिश का भी आरोप है.
दिल्ली के नजदीक ही पला-बढ़ा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब्दुल करीम टुंडा दिल्ली के दरियागंज में एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था. दिल्ली के नजदीकी कस्बे पिलखुवा में 8वीं क्लास तक पढ़ा. इसके बाद टुंडा अपने रिश्तेदारों के घर देश के अलग-अलग शहरों में रहा. कुछ समय बाद शादी कर ली. अहमदाबाद में टुंडा ने कुछ दिन कबाड़ी का काम भी किया.
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