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Mahadev App Scam क्या है? रणबीर,कपिल शर्मा-हुमा का नाम क्यों?-CM बघेल पर क्या आरोप?

महादेव ऑनलाइन बुक ऐप भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

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महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप (Mahadev Online Betting App) मामले की जांच अब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल तक पहुंच गई है. ईडी ने दावा किया कि उसने पांच करोड़ रुपये से अधिक नकदी के साथ एक "कैश कूरियर" असीम दास को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया है. इससे पहले महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) को ईडी ने तलब किया था.

PTI ने अधिकारियों के हवाले से बताया था कि कॉमेडियन कपिल शर्मा, एक्ट्रेस हुमा कुरैशी और हिना खान को भी इसी मामले में ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

सवाल है कि ईडी ने रणबीर कपूर और बाकी अभिनेताओं को समन क्यों जारी किया? क्या है महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला? ऐप का मालिक कौन है और यह कैसे संचालित होता है? ED की जांच अब तक कहां पहुंची? सीएम भूपेश बघेल का नाम कैसे आया और उन्होंने क्या कहा? और बीजेपी का क्या कहना है?

Mahadev App Scam क्या है? रणबीर,कपिल शर्मा-हुमा का नाम क्यों?-CM बघेल पर क्या आरोप?

  1. 1. ईडी ने रणबीर कपूर, कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी और हिना खान को क्यों जारी किया समन?

    ईडी ने कथित तौर पर अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के संबंध में रणबीर को तलब किया था:

    • रिपोर्टों के अनुसार, रणबीर कपूर ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ विज्ञापनों में दिखाई दिए हैं और कथित तौर पर ऐप के लिए प्रचार के लिए उन्हें पैसा मिला है.

    • द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी ने पाया कि कई मशहूर हस्तियां इन सट्टेबाजी संस्थाओं का प्रचार कर रही थीं.

    • रिपोर्ट में कहा गया है कि मशहूर हस्तियां अपनी सेवाओं के बदले में कथित तौर पर मोटी फीस लेती थीं, ये लेनदेन भी संदिग्ध माध्यम से ली जाती थी.

    • इंडिया टुडे के अनुसार, जांच एजेंसी ने हुमा कुरेशी और हिना खान को ऐप के कथित प्रचार के लिए और कपिल शर्मा को पिछले सितंबर में दुबई में महादेव बुक ऐप की सक्सेस पार्टी में भाग लेने के लिए तलब किया है.

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  2. 2. महादेव ऑनलाइन बुक ऐप क्या है?

    महादेव ऑनलाइन बुक ऐप भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

    महादेव ऑनलाइन बुक ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

    • एजेंसी के मुताबिक, ऐप कई लाइव गेम्स जैसे क्रिकेट, पोकर, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल, चांस गेम्स और 'तीन पत्ती' और 'ड्रैगन टाइगर' जैसे अन्य कार्ड गेम्स के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करवाती है.

    कंपनी कथित तौर पर भारत में होने वाले चुनावों पर दांव लगाने का अवसर भी देती है.

    • जांच के अनुसार, ऐप को चलाने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप पर भी इन गतिविधियों का संचालन करते हैं.

    • वे कथित तौर पर ऐसे चार से पांच और ऐप भी चला रहे हैं जो कथित तौर पर हर दिन लगभग 200 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रहे थे.

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  3. 3. ऐप कैसे ऑपरेट होता है?

    द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी ने जांच की कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप पर यूजर को आईडी बनाकर एंट्री मिलती है, जहां पैसे की लॉन्ड्रिंग बेनामी बैंक खातों के माध्यम से होती है.

    • जांच के अनुसार, प्लेटफॉर्म लोगों को खेलने और मुनाफा कमाने के लिए लुभाने के लिए वेबसाइटों पर कॉन्टेक्ट नंबरों का विज्ञापन करता है, जिनसे केवल व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है.

    • एक बार जब कोई यूजर संपर्क करता है, तो उन्हें दो अलग-अलग संपर्क नंबर दिए जाते हैं.

    • एक नंबर का इस्तेमाल सट्टा लगाने के लिए डिपॉजिट किए जाने वाले पैसे और यूजर आईडी पर पॉइंट लेने के लिए किया जाता है.

    • दूसरे का इस्तेमाल वेबसाइट से संपर्क करने और अर्जित पॉइंट को कैश करवाने के लिए किया जाता है.

    • ये यूजर आईडी सट्टेबाजों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर वेबसाइटों पर तैयार की जाती हैं.

    एनडीटीवी के अनुसार, यूजर्स को बेनामी अकाउंट में पैसा जमा करना होता है. ये अकाउंट फर्जी कामों या गलत कामों के लिए होते हैं.
    • साथ ही ये पूरी व्यवस्था इस तरह से डीजाइन की गई है कि ऐप चलाने वालों को कभी नुकसान नहीं होता, यूजर्स के मुकाबले वे ही हमेशा फायदे में रहते हैं.

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  4. 4. महादेव ऐप के प्रमोटर कौन हैं?

    यहां प्रमोटर का मतलब - ऐप को चलाने के लिए पैसा लगाने वाले से है.

    महादेव ऑनलाइन बुक ऐप भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

    (बाई ओर) रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर (दाई तरफ)

    (फोटो सौजन्य: ट्विटर/एक्स)

    ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं, जो छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं और कथित तौर पर पिछले दो सालों से दुबई से अपना संचालन चला रहे हैं.

    • ईडी के अनुसार, ऐप कई पैनलों या शाखाओं द्वारा संचालित होता है जो चंद्राकर और उप्पल द्वारा बेची जाने वाली छोटी फ्रेंचाइजी की तरह हैं.

    • ऐप भारत में प्रतिबंधित है यानी बैन है; हालांकि, ये दोनों अभी भी कई अन्य देशों में कारोबार संचालित करते हैं.

    • कथित तौर पर ऐप के नेपाल और श्रीलंका में भी कॉल सेंटर हैं.

    • चंद्राकर और उप्पल का ऐप के संचालन पर पूरा नियंत्रण है और उन्हें वे 80 प्रतिशत प्रॉफिट के हकदार हैं.

    • कथित तौर पर दोनों ने इस ऐप के जरिए 5,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.

    एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल फरवरी में चंद्राकर ने यूएई में अपनी आलीशान शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए थे. कथित तौर पर को प्रमोटर रवि ने शादी के लिए अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को नागपुर से दुबई ले जाने के लिए एक प्राइवेट प्लेन किराए पर लिया था.
    • कथित तौर पर शादी में कई हाई-प्रोफाइल हस्तियां भी शामिल हुईं, जिनमें कई बॉलीवुड और पाकिस्तानी अभिनेता, गायक और हास्य कलाकार शामिल थे, जिन्होंने शादी में परफॉर्म किया और वर्तमान में ईडी की जांच के दायरे में हैं.

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  5. 5. महादेव सट्टेबाजी ऐप में ईडी की जांच

    ईडी के कदम उठाने से पहले, छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2021 में मामले पर कार्रवाई की थी. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अब तक पुलिस ने 75 एफआईआर दर्ज की हैं, और पूरे भारत से 429 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

    • पुलिस ने कुल 191 लैपटॉप, 858 स्मार्ट मोबाइल फोन, लक्जरी कारें और सट्टेबाजी से संबंधित अन्य सामग्री भी जब्त की, जिनकी कुल कीमत 2.50 करोड़ रुपये है.

    • पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट में 3033 से ज्यादा बैंक एकाउंट्स का इस्तेमाल किया गया था, जिनमें से जांच के बाद करीब 1035 बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं.

    एक ईडी अधिकारी ने पहले द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, "मैसर्स महादेव ऑनलाइन बुक संयुक्त अरब अमीरात में एक मुख्य कार्यालय से चलाया जाता है और इसमें प्रॉफिट शेयरिंग का अनुपात 70:30 है. बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी से कमाए गए पैसे को विदेशी खातों में भेजने के लिए हवाला ऑपरेशन किया जाता है. सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन के लिए भारत में नकद में बड़ा खर्च भी किया जा रहा है और नए यूजर्स और फ्रेंचाइजी चाहने वालों को आकर्षित किया जा रहा है."

    ईडी ने रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता में 39 स्थानों पर ऐप्स के प्रमोटरों पर छापेमारी की है और 417 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है.

    रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने की भी तैयारी में है. रायपुर की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने संदिग्धों के खिलाफ आरसीएन जारी करने के लिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है.

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  6. 6. ED ने अब तक की जांच में क्या कहा?

    ईडी ने दावा किया कि उसने पांच करोड़ रुपये से अधिक नकदी के साथ एक "कैश कूरियर" असीम दास को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी का दावा है कि असीम ने अपने बयान में कहा है कि महादेव ऐप प्रमोदरों ने अब तक सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. हालांकि, ये जांच का विषय है.

    NDTV के अनुसार, एक बयान में ED ने आरोप लगाया, “असीम दास ने स्वीकार किया है कि महादेव ऐप के प्रवर्तकों ने जब्त की गई धनराशि छत्तीसगढ़ चुनाव में होने वाले खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी.”

    ED ने कहा, “असीम दास से पूछताछ, उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की पड़ताल से कई चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं. पता चला है कि महादेव ऐप के प्रमोटर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूर्व में नियमित तौर पर भुगतान करते रहे हैं और अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.”

    जांच के दौरान असीम दास के न से खुलासा हुआ है कि वह महादेव ऐप मामले में मोस्ट वॉन्टेड शुभम सोनी (प्रमोटर का करीबी) के संपर्क में था. असीम दास के फोन से दोनों के बीच वॉइस नोट के जरिये बातचीत के सबूत भी मिले हैं, जिसमें भूपेश बघेल को पैसा देने की बात है. पुलिस कांस्टेबल भीम यादव के दुबई जाने का खर्च रैपिड ट्रेवल्स जोकि महादेव ऐप का हवाला का कारोबार संभालती है, इसी ने उठाया था.

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  7. 7. CM बघेल ने आरोपों पर क्या कहा?

    पूरे आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा है कि बीजेपी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है. चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने की सबसे कुत्सित प्रयास किया है. यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है."

    ‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है.
    भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

    बघेल ने आगे कहा, "ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान ज़ाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है. अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी जाहिर करता है."

    "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों मिलकर भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं.

    कांग्रेस तैयार है. कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता तैयार है. ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों के मुक़ाबले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है."

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  8. 8. बीजेपी ने क्या कहा?

    महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये लेने के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला.

    स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

    "कांग्रेस हवाला ऑपरेटरों की मदद से छत्तीसगढ़ चुनाव लड़ रही है. यह चौंकाने वाली बात है कि हमने कांग्रेस के अभियान को वित्तपोषित करने के लिए हवाला ऑपरेशन, अवैध सट्टेबाजी के माध्यम से अवैध धन का उपयोग किया है."

    उन्होंने कहा, "हमारे चुनावी इतिहास में लोगों ने पहले कभी इस तरह के सबूत नहीं देखे हैं. सत्ता में रह कर सट्टेबाजी का खेल खेला है."

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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ईडी ने रणबीर कपूर, कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी और हिना खान को क्यों जारी किया समन?

ईडी ने कथित तौर पर अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के संबंध में रणबीर को तलब किया था:

  • रिपोर्टों के अनुसार, रणबीर कपूर ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ विज्ञापनों में दिखाई दिए हैं और कथित तौर पर ऐप के लिए प्रचार के लिए उन्हें पैसा मिला है.

  • द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी ने पाया कि कई मशहूर हस्तियां इन सट्टेबाजी संस्थाओं का प्रचार कर रही थीं.

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि मशहूर हस्तियां अपनी सेवाओं के बदले में कथित तौर पर मोटी फीस लेती थीं, ये लेनदेन भी संदिग्ध माध्यम से ली जाती थी.

  • इंडिया टुडे के अनुसार, जांच एजेंसी ने हुमा कुरेशी और हिना खान को ऐप के कथित प्रचार के लिए और कपिल शर्मा को पिछले सितंबर में दुबई में महादेव बुक ऐप की सक्सेस पार्टी में भाग लेने के लिए तलब किया है.

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महादेव ऑनलाइन बुक ऐप क्या है?

महादेव ऑनलाइन बुक ऐप भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

महादेव ऑनलाइन बुक ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

  • एजेंसी के मुताबिक, ऐप कई लाइव गेम्स जैसे क्रिकेट, पोकर, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल, चांस गेम्स और 'तीन पत्ती' और 'ड्रैगन टाइगर' जैसे अन्य कार्ड गेम्स के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करवाती है.

कंपनी कथित तौर पर भारत में होने वाले चुनावों पर दांव लगाने का अवसर भी देती है.

  • जांच के अनुसार, ऐप को चलाने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप पर भी इन गतिविधियों का संचालन करते हैं.

  • वे कथित तौर पर ऐसे चार से पांच और ऐप भी चला रहे हैं जो कथित तौर पर हर दिन लगभग 200 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रहे थे.

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ऐप कैसे ऑपरेट होता है?

द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी ने जांच की कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप पर यूजर को आईडी बनाकर एंट्री मिलती है, जहां पैसे की लॉन्ड्रिंग बेनामी बैंक खातों के माध्यम से होती है.

  • जांच के अनुसार, प्लेटफॉर्म लोगों को खेलने और मुनाफा कमाने के लिए लुभाने के लिए वेबसाइटों पर कॉन्टेक्ट नंबरों का विज्ञापन करता है, जिनसे केवल व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है.

  • एक बार जब कोई यूजर संपर्क करता है, तो उन्हें दो अलग-अलग संपर्क नंबर दिए जाते हैं.

  • एक नंबर का इस्तेमाल सट्टा लगाने के लिए डिपॉजिट किए जाने वाले पैसे और यूजर आईडी पर पॉइंट लेने के लिए किया जाता है.

  • दूसरे का इस्तेमाल वेबसाइट से संपर्क करने और अर्जित पॉइंट को कैश करवाने के लिए किया जाता है.

  • ये यूजर आईडी सट्टेबाजों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर वेबसाइटों पर तैयार की जाती हैं.

एनडीटीवी के अनुसार, यूजर्स को बेनामी अकाउंट में पैसा जमा करना होता है. ये अकाउंट फर्जी कामों या गलत कामों के लिए होते हैं.
  • साथ ही ये पूरी व्यवस्था इस तरह से डीजाइन की गई है कि ऐप चलाने वालों को कभी नुकसान नहीं होता, यूजर्स के मुकाबले वे ही हमेशा फायदे में रहते हैं.

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महादेव ऐप के प्रमोटर कौन हैं?

यहां प्रमोटर का मतलब - ऐप को चलाने के लिए पैसा लगाने वाले से है.

महादेव ऑनलाइन बुक ऐप भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ जैसी अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है.

(बाई ओर) रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर (दाई तरफ)

(फोटो सौजन्य: ट्विटर/एक्स)

ऐप के मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं, जो छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं और कथित तौर पर पिछले दो सालों से दुबई से अपना संचालन चला रहे हैं.

  • ईडी के अनुसार, ऐप कई पैनलों या शाखाओं द्वारा संचालित होता है जो चंद्राकर और उप्पल द्वारा बेची जाने वाली छोटी फ्रेंचाइजी की तरह हैं.

  • ऐप भारत में प्रतिबंधित है यानी बैन है; हालांकि, ये दोनों अभी भी कई अन्य देशों में कारोबार संचालित करते हैं.

  • कथित तौर पर ऐप के नेपाल और श्रीलंका में भी कॉल सेंटर हैं.

  • चंद्राकर और उप्पल का ऐप के संचालन पर पूरा नियंत्रण है और उन्हें वे 80 प्रतिशत प्रॉफिट के हकदार हैं.

  • कथित तौर पर दोनों ने इस ऐप के जरिए 5,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल फरवरी में चंद्राकर ने यूएई में अपनी आलीशान शादी पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए थे. कथित तौर पर को प्रमोटर रवि ने शादी के लिए अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को नागपुर से दुबई ले जाने के लिए एक प्राइवेट प्लेन किराए पर लिया था.
  • कथित तौर पर शादी में कई हाई-प्रोफाइल हस्तियां भी शामिल हुईं, जिनमें कई बॉलीवुड और पाकिस्तानी अभिनेता, गायक और हास्य कलाकार शामिल थे, जिन्होंने शादी में परफॉर्म किया और वर्तमान में ईडी की जांच के दायरे में हैं.

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महादेव सट्टेबाजी ऐप में ईडी की जांच

ईडी के कदम उठाने से पहले, छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2021 में मामले पर कार्रवाई की थी. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अब तक पुलिस ने 75 एफआईआर दर्ज की हैं, और पूरे भारत से 429 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

  • पुलिस ने कुल 191 लैपटॉप, 858 स्मार्ट मोबाइल फोन, लक्जरी कारें और सट्टेबाजी से संबंधित अन्य सामग्री भी जब्त की, जिनकी कुल कीमत 2.50 करोड़ रुपये है.

  • पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट में 3033 से ज्यादा बैंक एकाउंट्स का इस्तेमाल किया गया था, जिनमें से जांच के बाद करीब 1035 बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं.

एक ईडी अधिकारी ने पहले द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, "मैसर्स महादेव ऑनलाइन बुक संयुक्त अरब अमीरात में एक मुख्य कार्यालय से चलाया जाता है और इसमें प्रॉफिट शेयरिंग का अनुपात 70:30 है. बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी से कमाए गए पैसे को विदेशी खातों में भेजने के लिए हवाला ऑपरेशन किया जाता है. सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन के लिए भारत में नकद में बड़ा खर्च भी किया जा रहा है और नए यूजर्स और फ्रेंचाइजी चाहने वालों को आकर्षित किया जा रहा है."

ईडी ने रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता में 39 स्थानों पर ऐप्स के प्रमोटरों पर छापेमारी की है और 417 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है.

रिपोर्ट के मुताबिक, एजेंसी चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने की भी तैयारी में है. रायपुर की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने संदिग्धों के खिलाफ आरसीएन जारी करने के लिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है.

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ईडी ने दावा किया कि उसने पांच करोड़ रुपये से अधिक नकदी के साथ एक "कैश कूरियर" असीम दास को 2 नवंबर को गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी का दावा है कि असीम ने अपने बयान में कहा है कि महादेव ऐप प्रमोदरों ने अब तक सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. हालांकि, ये जांच का विषय है.

NDTV के अनुसार, एक बयान में ED ने आरोप लगाया, “असीम दास ने स्वीकार किया है कि महादेव ऐप के प्रवर्तकों ने जब्त की गई धनराशि छत्तीसगढ़ चुनाव में होने वाले खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी.”

ED ने कहा, “असीम दास से पूछताछ, उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की पड़ताल से कई चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं. पता चला है कि महादेव ऐप के प्रमोटर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पूर्व में नियमित तौर पर भुगतान करते रहे हैं और अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.”

जांच के दौरान असीम दास के न से खुलासा हुआ है कि वह महादेव ऐप मामले में मोस्ट वॉन्टेड शुभम सोनी (प्रमोटर का करीबी) के संपर्क में था. असीम दास के फोन से दोनों के बीच वॉइस नोट के जरिये बातचीत के सबूत भी मिले हैं, जिसमें भूपेश बघेल को पैसा देने की बात है. पुलिस कांस्टेबल भीम यादव के दुबई जाने का खर्च रैपिड ट्रेवल्स जोकि महादेव ऐप का हवाला का कारोबार संभालती है, इसी ने उठाया था.

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CM बघेल ने आरोपों पर क्या कहा?

पूरे आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा है कि बीजेपी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है. चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने की सबसे कुत्सित प्रयास किया है. यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है."

‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है.
भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

बघेल ने आगे कहा, "ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान ज़ाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है. अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी जाहिर करता है."

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोनों मिलकर भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं.

कांग्रेस तैयार है. कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता तैयार है. ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों के मुक़ाबले के लिए छत्तीसगढ़ की जनता हमारे साथ है."

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बीजेपी ने क्या कहा?

महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये लेने के आरोपों के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला.

स्मृति ईरानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

"कांग्रेस हवाला ऑपरेटरों की मदद से छत्तीसगढ़ चुनाव लड़ रही है. यह चौंकाने वाली बात है कि हमने कांग्रेस के अभियान को वित्तपोषित करने के लिए हवाला ऑपरेशन, अवैध सट्टेबाजी के माध्यम से अवैध धन का उपयोग किया है."

उन्होंने कहा, "हमारे चुनावी इतिहास में लोगों ने पहले कभी इस तरह के सबूत नहीं देखे हैं. सत्ता में रह कर सट्टेबाजी का खेल खेला है."

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