दो साल में दूसरी बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को वैश्विक आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी है. इस बार इसका कारण मंकीपॉक्स (Monkeypox) है, जो कुछ ही हफ्तों में 70 से अधिक देशों में फैल चुका है और हजारों लोगों को संक्रमित कर चुका है. Monkeypox को WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. आइए जानते हैं WHO को यह फैसला क्यों लेना पड़ा? किनको संक्रमण का खतरा ज्यादा है और भारत में इसकी क्या स्थिति है?
Monkeypox:WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया-जरूरी सवालों का जवाब जान लीजिए
1. Monkeypox को WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी क्यों घोषित किया?
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने शनिवार को सलाहकारों के एक पैनल को ओवर-रूल कर दिया, जो आम सहमति पर नहीं आ सके, और Monkeypox को ग्लोबलहेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. WHO द्वारा यह टर्म वर्तमान में केवल दो अन्य बीमारियों, कोविड -19 और पोलियो के लिए उपयोग में लाया जाता है.
2009 के बाद से WHO ने सातवीं बार किसी संक्रमण या बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. यह कार्रवाई के लिए सबसे मजबूत कॉल है जो यह एजेंसी ले सकती है. इससे पहले 2020 में WHO ने Covid-19 को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.
मालूम हो कि मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के जानवरों में पाया जाता है, हालांकि यह मनुष्यों में भी तेजी से फैल सकता है. WHO के महानिदेशक ने रिपोर्टरों को बताया कि "हमारे सामने एक आउटब्रेक (तेजी से फैलती बीमारी) है जो दुनिया भर में ट्रांसमिशन के नए तरीकों के रास्ते तेजी से फैल गया है, जिसके बारे में हम बहुत कम समझते हैं, और जो एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) के मानदंडों को पूरा करता है"
Expand2. Monkeypox कितनों देशों में पहुंचा? किनको संक्रमण का ज्यादा खतरा?
अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले हैं, जो जून में सलाहकारों की बैठक के समय की संख्या से लगभग पांच गुना अधिक है. जबकि यूरोप के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, इजराइल, ब्राजील, मैक्सिको और भारत में भी मामले सामने आए हैं. कुल 70 से अधिक देशों में संक्रमण फैल चुका है.
WHO ने कहा कि इसका प्रसार मुख्य रूप से उन पुरुषों में देखा जा रहा है जिन्होंने उन पुरुषों के साथ सेक्स किया है, जिन्होंने हाल ही में नए या कई पार्टनर के साथ यौन संबंध रखने की सूचना दी थी.
हालांकि एक्सपर्ट्स ने जोर देकर कहा है कि किसी को भी मंकीपॉक्स हो सकता है क्योंकि यह निकट या शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है. संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी कि अफ्रीकी लोगों और LGBTQ+ समूह के सदस्यों को लेकर कुछ मीडिया कवरेज ने "समलैंगिक और नस्लवादी रूढ़ियों को मजबूत किया है और उनसे जुड़ी स्टिग्मा को बढ़ाते हैं".
Expand3. भारत में Monkeypox के कितने मामले आये हैं?
केरल में शुक्रवार, 23 जुलाई को राज्य के मलप्पुरम जिले में देश का तीसरा मंकीपॉक्स केस दर्ज किया गया. पिछले दो मामले भी केरल में ही सामने आए थे. राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित दो अन्य व्यक्तियों की हालत स्थिर बनी हुई है. बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे एक 35 वर्षीय व्यक्ति के संक्रमण का पता चलने के बाद केरल ने 14 जुलाई को भारत का पहला मंकीपॉक्स मामला दर्ज किया था.
इसके बाद केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने में राज्य के अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल में एक उच्च-स्तरीय टीम भेजी.
राज्य सरकार ने सभी 14 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और इसके चारों हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क शुरू कर दी गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
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Monkeypox को WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी क्यों घोषित किया?
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने शनिवार को सलाहकारों के एक पैनल को ओवर-रूल कर दिया, जो आम सहमति पर नहीं आ सके, और Monkeypox को ग्लोबलहेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया. WHO द्वारा यह टर्म वर्तमान में केवल दो अन्य बीमारियों, कोविड -19 और पोलियो के लिए उपयोग में लाया जाता है.
2009 के बाद से WHO ने सातवीं बार किसी संक्रमण या बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. यह कार्रवाई के लिए सबसे मजबूत कॉल है जो यह एजेंसी ले सकती है. इससे पहले 2020 में WHO ने Covid-19 को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.
मालूम हो कि मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के जानवरों में पाया जाता है, हालांकि यह मनुष्यों में भी तेजी से फैल सकता है. WHO के महानिदेशक ने रिपोर्टरों को बताया कि "हमारे सामने एक आउटब्रेक (तेजी से फैलती बीमारी) है जो दुनिया भर में ट्रांसमिशन के नए तरीकों के रास्ते तेजी से फैल गया है, जिसके बारे में हम बहुत कम समझते हैं, और जो एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) के मानदंडों को पूरा करता है"
Monkeypox कितनों देशों में पहुंचा? किनको संक्रमण का ज्यादा खतरा?
अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले हैं, जो जून में सलाहकारों की बैठक के समय की संख्या से लगभग पांच गुना अधिक है. जबकि यूरोप के देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नाइजीरिया, इजराइल, ब्राजील, मैक्सिको और भारत में भी मामले सामने आए हैं. कुल 70 से अधिक देशों में संक्रमण फैल चुका है.
WHO ने कहा कि इसका प्रसार मुख्य रूप से उन पुरुषों में देखा जा रहा है जिन्होंने उन पुरुषों के साथ सेक्स किया है, जिन्होंने हाल ही में नए या कई पार्टनर के साथ यौन संबंध रखने की सूचना दी थी.
हालांकि एक्सपर्ट्स ने जोर देकर कहा है कि किसी को भी मंकीपॉक्स हो सकता है क्योंकि यह निकट या शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है. संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी कि अफ्रीकी लोगों और LGBTQ+ समूह के सदस्यों को लेकर कुछ मीडिया कवरेज ने "समलैंगिक और नस्लवादी रूढ़ियों को मजबूत किया है और उनसे जुड़ी स्टिग्मा को बढ़ाते हैं".
भारत में Monkeypox के कितने मामले आये हैं?
केरल में शुक्रवार, 23 जुलाई को राज्य के मलप्पुरम जिले में देश का तीसरा मंकीपॉक्स केस दर्ज किया गया. पिछले दो मामले भी केरल में ही सामने आए थे. राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित दो अन्य व्यक्तियों की हालत स्थिर बनी हुई है. बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे एक 35 वर्षीय व्यक्ति के संक्रमण का पता चलने के बाद केरल ने 14 जुलाई को भारत का पहला मंकीपॉक्स मामला दर्ज किया था.
इसके बाद केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने में राज्य के अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल में एक उच्च-स्तरीय टीम भेजी.
राज्य सरकार ने सभी 14 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है और इसके चारों हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क शुरू कर दी गई है.
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