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Explainer: MUDRA स्कीम के आंकड़ों को छुपा रही है सरकार?

मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना MUDRA से जुड़े आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं

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मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना MUDRA से जुड़े आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. ये योजना देश में रोजगार को बढ़ाने के लिए लाई गई, जिसमें लोगों या समूहों को छोटे उद्योग धंधे के लिए कर्ज दिए जाने का प्रावधान है. इस योजना से कितने लोगों को रोजगार मिला? कितने लोगों ने मुद्रा लोन चुकाया? इसे जुड़े डाटा पर सवाल उठने लगे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार मुद्रा के तहत जॉब डाटा अभी नहीं जारी करेगी इसे चुनाव पूरे होने तक रोक लिया गया है. वहीं एक रिपोर्ट में मुद्रा के तहत दिए गए कर्ज में NPA बढ़ने की बातों का भी खुलासा हुआ है.

मुद्रा योजना पर जो सवाल उठ रहे हैं उनको इन कार्ड के जरिए समझिए-

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चुनाव के डर से डाटा छुपा रही है सरकार?

मुद्रा योजना से कितने रोजगार पैदा हुए इससे जुड़े लेबर ब्यूरो सर्वे को चुनाव होने तक के लिए रोक लिया गया है. अब इस रिपोर्ट को चुनाव के बाद जारी किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक “मुद्रा स्कीम के तहत रोजगार पैदा होने के आंकड़े अब चुनावों के बाद जारी होंगे. एक्सपर्ट कमिटी को इस सर्वे की मेथडोलॉजी में कुछ विसंगतियां मिली, जिसके बाद ये फैसला लिया गया ”

इसके पहले थिंक टैंक नीति आयोग ने लेबर ब्यूरो से कहा था कि सर्वे को तैयार करके इसे 27 फरवरी तक पेश कर दें, जिससे ये सर्वे लोकसभा चुनाव के पहले आ जाए. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

क्या है मुद्रा लोन स्कीम?

सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) शुरू की थी. इस योजना के तहत लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है. यह योजना अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी. PMMY के दो उद्देश्य हैं.

1. स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन देना.

2. छोटे उद्यमों के जरिए रोजगार पैदा करना.

सरकार की सोचकर चल रही थी कि आसानी से लोन मिलने पर बड़े पैमाने पर लोग स्वरोजगार के लिए प्रेरित होंगे. और इससे बड़ी मात्रा में रोजगार के मौके भी बनेंगे. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

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मुद्रा के तहत लोन कैसे मिलता है?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की सबसे खास बात ये है कि इसके तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है. इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लगता है. PMMY में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है. लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाला खर्च किया जा सकता है. इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए आप मुद्रा की वेबसाइट पर जा सकते हैं.

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मुद्रा योजना के तहत कितने तरह का लोन मिलता है?

छोटे उद्योग-धंधे में भी कई स्तर होते हैं और मुद्रा योजना के तहत भी तीन तरह का लोन मिलता है-

  • शिशु लोन : इसके तहत 50,000 रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं.
  • किशोर लोन: किशोर कर्ज में 50,000 से 5 लाख रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं.
  • तरुण लोन: तरुण कर्ज के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपए तक के कर्ज दिए जाते हैं.
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मुद्रा स्कीम में NPA की बढ़ रहा है!

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत NPA के आंकड़ा बढ़ने की खबरें भी आ रही है. मतलब जिन लोगों को कर्ज दिया गया वो कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं और बैंकों को नुकसान हो रहा है. वित्तीय वर्ष 2018-19 के पहले 9 महीनों में मुद्रा योजना के तहत NPA 53 फीसदी बढ़कर 14,930 करोड़ हो गया, जबकि एक साल पहले ये आंकड़ा 9,770 करोड़ था.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के RTI के जवाब में मिली जानकारी के मुताबिक मुद्रा योजना के तहत NPA वाले खातों की संख्या मार्च, 2018 को 18 लाख थी जो दिसंबर, 2018 में 28.83 लाख हो गई. मतलब NPA खातों की खंख्या में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई.

कैटेगिरी के हिसाब से देखें तो मार्च से दिसंबर 2018 के सिर्फ 9 महीनों में शिशु लोन में 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. किशोर लोन में 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है तो वहीं तरुण लोन में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

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