एक, दो या तीन नहीं- पूरे 67. यहां हम बात किसी समारोह में आए हुए गेस्ट की नहीं बल्कि 2024 NEET-UG की परीक्षा में परफेक्ट नंबर के साथ टॉप करने वाले अभ्यर्थियों की कर रहे हैं. इतना ही नहीं, इनमें से 44 तो टॉपर इसलिए बने क्योंकि उनको गलत जवाब देने पर ग्रेस मार्क्स मिले हैं. अब इस रिजल्ट के सामने आने के बाद मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों में रोष है. उनके साथ-साथ विपक्ष की पार्टियां भी इस एन्ट्रेंस टेस्ट में कथित घोटाले का आरोप लगा रही हैं.
आइए आपको बताते हैं कि आखिर रिजल्ट में ऐसा क्या सामने आया है कि इसमें घोटाले के तमाम आरोप लगने लगे हैं? विपक्ष क्या कह रहा है? और एग्जाम कराने वाली एजेंसी ने स्कैम के आरोपों पर क्या कहा है?
NEET-UG क्या है? एग्जाम कौन लेता है?
NEET-UG यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-अंडर ग्रेजुएट. हर साल मेडिकल की पढ़ाई- एमबीबीएस, बीडीएस या आयुष कोर्सेस के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) इस एग्जाम को आयोजित करती है.
भारत सरकार के अनुसार, भारत और विदेश में मेडिकल से जुड़े कोर्स की पढ़ाई के लिए NEET परीक्षा क्वालिफाई करना अनिवार्य है.
भारत में 542 मेडिकल, 313 डेंटल, 914 आयुष और 47 बीवीएससी और एएच कॉलेजों में एडमिशन के लिए NEET-UG हर साल आयोजित की जाती है.
2024 NEET-UG के रिजल्ट पर क्यों उठ रहे सवाल?
NTA ने जब मंगलवार, 4 जून को 2024 NEET-UG का रिजल्ट जारी किया तो चर्चा हर ओर होने लगी. वजह की इस एग्जाम में कुल 67 अभ्यर्थियों ने परफेक्ट स्कोर यानी 720 में 720 हासिल किया. सारे ही टॉपर घोषित हुए.
एक साथ 67 अभ्यर्थियों के टॉपर बनने पर एक साथ सवाल इसलिए उठे क्योंकि 2019 के बाद से, NEET UG के किसी भी साल में तीन से अधिक टॉपर नहीं हुए हैं.
इसमें भी खास बात यह थी कि इन 67 टॉपर में से 44 ग्रेस मार्क्स लेकर टॉपर बने हैं.
ग्रेस मार्क्स देने की वजह: उन्होंने गलत जवाब दिया था और इस गलत जवाब के पीछे की वजह कक्षा 12 की पुरानी NCERT साइंस की किताब में मौजूद गलती थी.
अब आप पूछ सकते हैं कि वह सवाल कौन सा था जिस पर यह बवाल मचा हुआ है. सवाल दो स्टेटमेंट पर आधारित था.
पहला: "एटम विद्युत रूप से न्यूट्रल होते हैं क्योंकि उनमें पॉजीटिव और नेगेटिव चार्ज समान संख्या में होते हैं."
दूसरा: "प्रत्येक एलिमेंट के एटम स्थिर हैं और वे अपने कैरेक्टरिस्टिक स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं."
इस सवाल में अभ्यर्थियों को चार ऑप्शन में से "सबसे उपयुक्त उत्तर" चुनने के लिए कहा गया था:
एक: पहला सही है लेकिन दूसरा गलत है
दो: पहला गलत है लेकिन दूसरा सही है
तीन: पहला और दूसरा दोनों स्टेटमेंट सही हैं
चार: दोनों स्टेटमेंट गलत हैं
कायदे से सही उत्तर ऑप्शन 1 है क्योंकि स्टेटमेंट सही है और दूसरा नहीं है क्योंकि रेडियोएक्टिव एलिमेंट के एटम स्थिर नहीं होते हैं. जब 29 मई को, NTA ने अपनी आंसर की जारी की और उसमें भी बताया कि ऑप्शन 1 सही है.
हालांकि, इसके बाद 10 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने इस आंसर की को इस आधार पर चुनौती दी कि कक्षा 12 की पुरानी NCERT साइंस किताब में कहा गया है कि "हर एलिमेंट के एटम स्थिर हैं." यानी पुरानी किताब में गलत लिखा है. सही उत्तर यह है कि "अधिकांश" एलिमेंट के एटम स्थिर हैं और ऐसा ही NCERT केमिस्ट्री टेक्सटबुक के नए वर्जन में कहा गया है.
8 टॉपर एक ही सेंटर के, 718 नंबर कैसे आया?
सवाल सिर्फ 67 बच्चों के टॉपर बनने पर नहीं उठ रहा. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने 2024 NEET-UG मेरिट लिस्ट की तस्वीरें पोस्ट कीं हैं जिसे खुद NTA ने सार्वजनिक किया था. इसमें साफ दिख रहा है कि एक ही सेंटर के आठ छात्रों को परफेक्ट स्कोर 720 मिले हैं. यानी 8 टॉपर एक ही सेंटर के हैं.
इतना ही नहीं, कुछ अभ्यर्थियों को 718 और 719 नंबर भी मिले हैं. अब छात्र इस पर भी सवाल उठा रहे हैं क्योंकि इस एग्जाम में सही जवाब पर 4 नंबर मिलते हैं जबकि गलत जवाब देने पर एक नंबर काट लिया जाता है. अब छात्रों का कहना है कि किसी भी हालत में किसी को 718 या 719 मार्क्स नहीं आ सकते क्योंकि यह गणित के हिसाब से संभव ही नहीं है.
NTA ने क्या जवाब दिया?
हर तरफ से उठते सवालों के बीच एग्जाम लेने वाली एजेंसी NTA ने ट्वीट करके जवाब दिया है. 44 अभ्यर्थियों को मिले ग्रेस मार्क्स के पीछे की वजह वहीं बताई गई है जो हमने उपर बताया है.
इसके अलावा 718 या 719 नंबर आने पर उठते सवालों पर एजेंसी ने किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार करते हुए कहा कि परीक्षा सेंटर पर कुछ छात्रों को पूरा समय नहीं मिला था, जिसकी वजह से भी उनको ग्रेस मार्क मिला है.
"नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 13.06.2018 के अपने फैसले के तहत तैयार और अपनाया है, NEET-UG 2024 के उम्मीदवारों को हुई समय की बर्बादी की वजह से इसे लागू किया गया था."NTA
NTA के अनुसार लगभग 1,563 छात्रों को समय के नुकसान के बदले ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.
67 टॉपर तो सबको कैसे मिलेगा टॉप कॉलेज?
सवाल यह भी है कि अगर 67 छात्रों ने टॉप किया है और सबने अपना पहला प्रीफ्रेंस AIIMS दिल्ली दिया है तो सबको कॉलेज कैसे अलॉट होगा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, NTA के अधिकारी ने कहा कि भले ही 67 छात्रों को पहली रैंक दी गई है, इसका मतलब यह नहीं है कि सभी 67 को AIIMS में एडमिशन मिलेगा. हमारे पास टाई-ब्रेकर पॉलिसी है. ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाले हर छात्र को हमारी टाई-ब्रेकर पॉलिसी के अनुसार मेरिट लिस्ट बनेगा और उसमें उनकी वास्तविक स्थिति दिखाई देगी.
विपक्ष क्या मांग कर रहा है?
विपक्ष लगातार इस एग्जाम पर सवाल उठा रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है?
"पहले NEET परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके रिजल्ट में भी स्कैम हुआ है. एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं. दूसरी ओर, रिजल्ट आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं. यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है. सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है? छात्र-छात्राओं को NEET परीक्षा के परिणाम में धांधली से जुड़े वाजिब सवालों के जवाब चाहिए. क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो जांच कराकर इन वाजिब शिकायतों का निस्तारण करे?"प्रियंका गांधी
वहीं तमिलनाडु की सत्तारूढ़ DMK और विपक्षी पार्टी AIADMK ने NTA की NEET-UG परीक्षा पर हमला करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय स्तर की इस परीक्षा को रद्द कर दिया जाना चाहिए.
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