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UAPA में केस दर्ज होने पर मसरत बोलीं-मेरे अधिकार की रक्षा का वक्त

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जम्मू-कश्मीर की फोटो जर्नलिस्ट मसरत जहरा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है. मसरत पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर 'राष्ट्र-विरोधी' पोस्ट अपलोड किया है. ऐसे में 21 अप्रैल को मसरत ने ट्विटर पर अपनी बात रखी है. उनका कहना है कि 'ये बतौर पत्रकार अपने अधिकारों की रक्षा करने का समय है.'

इसलिए, मुझे शुभकामनाएं दीजिए, ये बतौर पत्रकार मेरे अधिकारों की रक्षा का समय है कि यह एक पत्रकार के रूप में मेरे अधिकारों की रक्षा करने का समय है, साइबर पुलिस स्टेशन जा रही हूं’
ट्विटर पर मसरत जहरा
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कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वाले पोस्ट: पुलिस

पुलिस के मुताबिक, मसरत जहरा युवाओं को सार्वजनिक शांति के खिलाफ भड़काने और अपराधों को बढ़ावा देने के आपराधिक इरादे के साथ राष्ट्र विरोधी पोस्ट अपलोड कर रही हैं. इस आरोप में उनपर UAPA के तहत केस दर्ज हुआ है.

“इस फेसबुक यूजर को ऐसी फोटो अपलोड करने के लिए भी जाना जाता है जो जनता को कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए उकसा सकती हैं. यूजर उन पोस्टों को भी अपलोड कर रहा है जो राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देती हैं और देश में कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों की छवि को खराब करती हैं.”
जम्मू-कश्मीर, पुलिस

UAPA एक्ट क्या है?

Unlawful activities (prevention) act 1967 में संशोधन के बाद अब संस्थाओं ही नहीं व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. इतना ही नहीं किसी पर शक होने से ही उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकता है. खास बात ये होगी कि इसके लिए उस व्यक्ति का किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं होगा. आतंकी का टैग हटवाने के लिए भी कोर्ट के बजाय सरकारी की बनाई रिव्यू कमेटी के पास जाना होगा. बाद में कोर्ट में अपील की जा सकती है.

इस बीच एक दूसरे मामले में द हिंदू के लिए काम कर रहे वरिष्ठ पत्रकार पीरजादा आशिक के खिलाफ भी उनकी एक स्टोरी के लिए FIR दर्ज की गई है.दोनों पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद से ही कई पत्रकार संगठन और पत्रकार सोशल मीडिया पर अपना विरोध दर्ज कराने लगे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सरकार के खिलाफ निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मसरत जहरा के खिलाफ FIR आवाज को दबाने के लिए UAPA के इस्तेमाल का एक और उदाहरण है.वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने आरोप लगाया गया है कि पत्रकारों को डराना, धमकाना सामान्य हो गया है.

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