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ये ILU-lLU नहीं,नीरव मोदी के घोटाले का LOU-LOU है,जानिए पूरी बातें

नीरव मोदी और उनके सहयोगी देश छोड़कर फरार हो चुके हैं, इस पूरे घोटाले के ब्योरे से लेकर आरोपियो तक की बता जानिए

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पंजाब नेशनल बैंक में हुआ 11,300 करोड़ रुपये का घोटाला 2018 का सबसे बड़ा घोटाला है. साथ ही बैंकिंग सेक्टर का अबतक का सबसे बड़ा घोटाला. साफ शब्दों में कहें तो एक प्रभावशाली और देश के 100 सबसे अमीर लोगों में शुमार डायमंड कारोबारी ने बैंक के कुछ कर्मचारियों से मिलकर देश के दूसरे सबसे बड़े पब्लिक बैंक को करोड़ों का चूना लगाया है. इस पूरे घोटाले और घोटाले के बाद उठते सवालों को आइए समझते हैं.

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कितना बड़ा है घोटाला?

अबतक की जानकारी के हिसाब से ये घोटाला 11,300 करोड़ रुपए का है. ये पंजाब नेशनल बैंक के 2016-17 के कुल मुनाफे से 8.5 गुना ज्यादा है. खबर आने के बाद पीएनबी के शेयर की वैल्यू में करीब 3,900 करोड़ की कमी आई. बता दें कि पीएनबी बड़े एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) संकट से जूझ रहा है, उसके कुल दिए गए लोन का 12 फीसदी खराब (एनपीए) हो चुका है.

इसका मतलब ये है कि पीएनबी ने जितने लोन बांटे हैं उसके 12 फीसदी से ज्यादा रकम के लौटने की संभावना बेहद कम है. ऐसे में नए घोटाले के बाद बैंक की माली हालत और बिगड़ सकती है.

कैसे हुआ घोटाला?

डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगी पीएनबी के मुंबई में स्थित एक ब्रांच से एलओयू (LoU) लेते थे. इसी आधार पर उन्हें विदेशों में दूसरे बैंकों से आसान शर्तों पर ऊधार मिल जाता था. ऐसे में कर्ज लेकर विदेश में माल खरीदकर उसे भारत भेजा जाता था. यहां प्रोसेसिंग होती थी और फिर सामानों को आखिर में एक्सपोर्ट कर दिया जाता था. अब आरोप ये है कि एलओयू फर्जी थे और इस तरह उसके आधार पर लिया गया कर्ज भी फर्जी.

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एलओयू (LoU) क्या होता है?

एलओयू यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग. ये एक बैंक का किसी ग्राहक को दी गई गारंटी है, अब ग्राहक अगर किसी लेनदेन को पूरा नहीं कर पाता है तो बैंक अपने ग्राहक के बदले पूरी रकम चुकाने की गारंटी देता है. मतलब ये है कि अगर नीरव मोदी ने किसी दूसरे बैंक के कर्ज लिया और नहीं चुकाया तो पीएनबी को वो रकम चुकाना होगा.

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क्या ये नुकसान सिर्फ पीएनबी भुगतेगा?

अभी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हैं. दूसरे बैंकों का कहना है कि नीरव मोदी को दिया गया ऊधार पीएनबी के एलओयू के आधार पर दिया गया है. इसलिए सारी भरपाई पीएनबी को ही करनी होगी. ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे मामले में दूसरे बैंको के कुछ कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी. ऐसे में सारे नुकसान की भरपाई अकेले पीएनबी क्यों करे?

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कौन है ये नीरव मोदी?

  • 47 साल के नीरव मोदी मुंबई के रहने वाले हैं.
  • बेल्जियम में पले-बढ़े नीरव ने भारत आकर अपने अंकल के साथ डायमंड ज्वेलरी का कारोबार सीखा.
  • नीरव ने नीरव मोदी ब्रांड नाम से अपना डायमंड ज्वेलरी का कारोबार शुरु किया और 16 स्टोर खोलें.
  • कारोबार दिल्ली, मुंबई, न्यूयॉर्क, हाॅन्गकाॅन्ग, लंदन और मकाउ तक फैला.
  • नीरव का स्टोर ‘अर्गायल’ गुलाबी हीरे के लिए भारत का इकलौता डिस्ट्रीब्यूटर है.
  • प्रियंका चोपड़ा इनकी ज्वेलरी की ब्रांड अंबेसडर रह चुकी हैं.
  • साल 2017 में भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में फोर्ब्स ने इनका नाम 85वें नंबर पर रखा था.
  • नीरव की कुल 1.73 अरब डाॅलर की संपत्ति है.
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आखिर में कुछ अनसुलझे सवाल

  • कैसे अमीर कारोबारियों को अपने खिलाफ कार्रवाई की खबर लग जाती है और वो फरार हो जाते हैं?
  • 2011 से बैंक में घोटाला चल रहा है. 11000 करोड़ सिस्टम से गायब हो जाते हैं और बैंक को कोई खबर नहीं लगती? तो फिर हम किस भरोसे बैंकों में अपनी पसीने की कमाई रखें?
  • क्या बैंकों में सालों साल चलने वाले घोटाले बैंक अधिकारियों की मदद के बिना मुमकिन है? अगर नहीं तो फिर उन अधिकारियों का गला भी पकड़ा जाना चाहिए.
  • आखिर बैंकों का पैसा असल में हमारा और आपका पैसा है जिसे अमीर कारोबारी डकार जाते हैं. इसका जिम्मेदार कौन है?

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