यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक ऐसा ऐप है, जिसके जरिए यूजर दूसरे बैंकों में आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैंऔर पेमेंट भी कर सकते हैं. NPCI का दावा है कि भविष्य में इस ऐप के जरिए ट्रांजेक्शन करना टेक्सट मैसेज भेजने से भी ज्यादा सरल होगा. आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ जरूरी बातें.
यह कैसे काम करता है?
UPI ऐप के जरिए आप एक क्लिक में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. इस ऐप के जरिए पेमेंट करते वक्त आपको इंटनेट बैंकिंग लॉग-इन करने की और ओटीपी कोड जुटाने की जरूरत नहीं होगी. यह ऐप आपसे कोई नंबर नहीं मांगेगा और किसी किस्म का कार्ड नंबर इसमें नहीं देना होगा.
यह एक मोबाइल ऐप है, जो सिर्फ मोबाइल को सपोर्ट करेगा. इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा.
इस ऐप को स्टार्ट कैसे करना है?
इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले चाहिए एक बैंक अकाउंट. साथ में होना चाहिए एक स्मार्टफोन. इसके बाद आपको अपने फोन में प्ले स्टोर में जाकर बैंक का UPI app डाउनलोड करना होगा. इस ऐप को बैंक अकाउंट से कनेक्ट करना होगा, जिसके बाद आपको एक यूनिक आईडी बनानी होगी. आईडी बनाने के बाद आपको मोबाइल पिन जेनरेट करना होगा. इसे आपको आधार नंबर से भी जोड़ना होगा.
NPCI का फैसला है कि जिन बैंकों के पास 1,000 कस्टमर 5,000 ट्रांसक्शन्स और 80% सफल दर रेट होगी उन्ही बैंकों को UPI एप्लीकेशन शुरू करने की परमिशन मिलेगी.
इससे क्या-क्या फायदा होगा?
इस मेगा ऐप को आप अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर पेमेन्ट्स के लिए खर्च और वक्त दोनों बचा सकेंगे. इससे 50 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक पेमेंट किए जा सकेंगे. ऐप का सबसे बड़ा फायदा थर्ड-पार्टी पेमेंट करने में होगा. इसके जरिए आप मल्टीपल बैंक अकाउंट एक साथ हैंडल कर सकते हैं. UPI से मोबाइल वॉलेट कंपनियों भी जुड़ेंगी. मसलन, फ्रीचार्ज, पेटीएम और मोबीक्विक जैसी कंपनियां भी अपनी सर्विस को यूपीआई से जोड़ने वाली हैं.
भविष्य में इसके जरिए क्या-क्या किया जा सकेगा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लिपकार्ट ने हाल ही में यूपीआई बेस्ड पेमेंट कंपनी फोनपे को खरीदा है. वॉलेट कंपनियों का कहना है कि यूपीआई का उनके बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे वॉलेट में पैसा डालना और आसान हो जाएगा.
मोबाइल बैंकिंग से कितना अलग है यह सिस्टम?
यूपीआई का सबसे बड़ा फायदा है कि यह किसी भी प्लेटफॉर्म से इंडिपेंडेंट होगा. मसलन, एसबीआई का कस्टमर आसानी से एचडीएफसी बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकेगा. एक ऑटो ड्राइवर को किराए का भुगतान ऑटो ड्राइवर के मोबाइल और आधार कार्ड नंबर के इस्तेमाल से किया जा सकेगा. अब एक स्पेशल मोबाइल वॉलेट या बैंक अकाउंट पर डिपेंडेंसी खत्म हो जाएगी. यह पूरी तरह से एक नेक्स्ट जेनरेशन का पेमेंट सिस्टम है.
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