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HIV मरीजों को अब मिलेंगे ये अधिकार, जानिए क्या है HIV/AIDS Act.?

क्या है HIV एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.

Updated
कुंजी
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एचआईवी और एड्स के मरीजों के लिए 10 सितंबर नया सवेरा लेकर आया. एड्स के शिकार मरीज अब शान से अपनी जिंदगी जी सकेंगे और उनक साथ भेदभाव करने वाले लोगों को कड़ी सजा मिलेगी. सजा के साथ-साथ ऐसे लोगों को अब जुर्माना भी देना पड़ेगा. एड्स के शिकार लोग जो खुद अपनी जिंदगी से हारे होते हैं, उनके साथ होने वाले दुर्व्यहार की वजह से उनकी जिंदगी और भी तकलीफदेह हो जाती है, ऐसे में हेल्थ मिनिस्ट्री ने 10 सितंबर से HIV/AIDS (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) एक्ट 2017 को लागू कर दिया है जो ऐसे मरीजों के लिए बड़ी राहत है.

क्या है इस एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं. डालते हैं एक नजर-

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क्या है ये HIV/AIDS Act.?

 क्या है HIV  एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.

पिछले काफी सालों से अक्सर एचआईवी मरीजों के साथ भेदभाव की खबरें आती रहती थीं. इन मरीजों के लिए कानून में कोई कड़ा नियम और कानून नहीं होने की वजह से इन्हें अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता था. एचआईवी कम्यूनिटी के लिए कानून मजबूत करने के मकसद से केंद्र सरकार ने पहल की. और इसके बाद ह्यूमन इम्यूनोडेफिसिएंशी वायरस एंड एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंशी सिंड्रोम (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) बिल, 2017 बनाकर इसे संसद से पास कराया गया.

इस कानून को राज्यसभा ने पिछले साल 21 मार्च को, जबकि लोकसभा ने 11 अप्रैल को मंजूरी दे दी थी. उस समय के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 20 अप्रैल 2018 को इसे अपनी भी मंजूरी दे दी थी. लेकिन ये उस समय लागू नहीं हो सका था. अब 10 सितंबर 2018 से इसे लागू कर दिया गया है. इस एक्ट से एचआईवी पीड़ित लोगों को कई तरह के कानूनी अधिकार मिलेंगे.

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HIV पेशेंट को अब कौन-कौन से अधिकार?

 क्या है HIV  एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.
  • यह कानून HIV और AIDS से पीड़ित लोगों के खिलाफ किसी भी तरह के भेदभाव पर रोक लगाता है.
  • आम सुविधाओं, जैसे- एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, हेल्थ सेंटर, दुकानों, होटल में HIV/AIDS से लड़ रहे लोगों के साथ किसी भी तरह का गलत बरताव नहीं किया जा सकता.
  • अब एचआईवी-एड्स पीड़ितों को प्रॉपर्टी में अधिकार मिलगा. उनके परिवारवाले उन्हें प्रॉपर्टी  से बेदखल नहीं कर सकते हैं.
  • हर मरीज को एचआईवी प्रिवेंशन, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और काउंसलिंग सर्विसेज का अधिकार मिलेगा.
  • कानूनी मामलों में भी इन्हें प्राथमिकता मिलेगी. अब से HIV पॉजिटिव लोगों से संबंधित मामलों को कोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा.
  • एचआईवी मरीजों का मुफ्त इलाज कराया जाएगा और इसका खर्च केंद्र सरकार उठाएगी.
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मरीजों की पहचान का क्या होगा?

 क्या है HIV  एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.

एचआईवी/एड्स मरीजों की प्राइवेसी का खास ख्याल रखा गया है. कोर्ट के मामलों में, इलाज के दौरान और सरकारी रिकॉर्ड में मरीजों के बारे में प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाएगा. इस मामले में कोई भी जानकारी सार्वजनिक कराना अपराध माना जाएगा.

किसी भी इंसान को अपनी HIV स्टेटस जाहिर करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. HIV पीड़ितों की जानकारी रखने वाले संस्थानों को डेटा सिक्योरिटी उपायों को अपनाना जरूरी किया गया है. ताकि किसी तरह से इनकी जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं आ पाए. जरूरत पड़ने पर एचआईवी पॉजिटिव इंसान कोर्ट के ऑर्डर पर ही अपना स्टेटस उजागर करने के लिए मजबूर हो सकता है.

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किसे माना जाएगा HIV/AIDS पेशेंट के साथ भेदभाव?

 क्या है HIV  एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.

इस कानून में एचआईवी/एड्स मरीजों के खिलाफ भेदभाव को परिभाषित किया गया है. कानून में कहा गया है कि इन मरीजों को नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रॉपर्टी, किराए पर मकान जैसी सुविधाएं देने से इनकार करना या इनके साथ किसी दूसरे तरह से गलत करना भेदभाव माना जाएगा. किसी भी इंसान को नौकरी, शिक्षा या स्वास्थ्य सुविधा देने से पहले एचआईवी टेस्ट करवाने के लिए बाध्य करना भी भेदभाव होगा.

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पीड़ित के साथ भेदभाव पर क्या होगी सजा?

 क्या है HIV  एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.

एचआईवी पीड़ित मरीज के साथ सार्वजनिक जगहों पर किसी तरह का भेदभाव करने पर अब सजा मिलेगी और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. पीड़ित को नौकरी नहीं देने या निकालने पर भी सजा का सामना करना पड़ेगा. मरीजों के साथ भेदभाव करने पर तीन महीने से लेकर दो साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा एक लाख रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान है.

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सरकार की क्या होगी भूमिका?

 क्या है HIV  एक्ट की खासियत और अब इन मरीजों को मिलेगी कौन-कौन सी सुविधाएं.

सरकार ऐसे मरीजों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करेगी. केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होगी कि वे HIV/AIDS को फैलने से रोकने के लिए उपाय करें. साथ ही मरीजों को एंटी रिट्रोवायरल थेरेपी (ART) जैसी मेडिकल फैसिलिटी आसानी से उपलब्ध कराए.

साथ ही सभी राज्यों में एक लोकपाल (Ombudsman) को नियुक्त किया जाए. जो इस कानून को सही से लागू करवाने का काम करेगा. और अगर ऐसा नहीं होता है तो इसकी जांच कर कार्रवाई करेगा.

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