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WhatsApp Call Scam: क्या आपको भी इंटरनेशनल नंबर से मिस कॉल आ रहे हैं?

Whatsapp Scam: इंटरनेशनल नंबर से आ रहे मिस कॉल को ब्लॉक और रिपोर्ट करें.

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पिछले कई दिनों से वॉट्सऐप (Whatsapp) यूजर्स को अन-नोन (जिनके नंबर की पहचान न हो सके) नंबरों से वॉइस कॉल (Whatsapp Call) आ रहे हैं, इसके बारे में कई लोग सोशल मीडिया पर भी लिख रहे हैं. इन नंबरों के कोड को जब चेक करेंगे तो पता लगेगा कि ये नंबर भारत के नहीं हैं. ये कॉल विदेशी सिम या नंबर से किए जा रहे हैं.

लेकिन ये सब क्या हो रहा है और कैसे हो रहा है, साथ ही आपको बताएंगे कि इससे किस तरह का जोखिम जुड़ा है. कहा जा रहा है ये नया वॉट्सऐप स्कैम (Whatsapp Scam) है.

WhatsApp Call Scam: क्या आपको भी इंटरनेशनल नंबर से मिस कॉल आ रहे हैं?

  1. 1. WhatsApp स्कैम क्या है?

    कई वॉट्सऐप यूजर्स ने बताया है कि उन्हें अज्ञात (Unknown) इंटरनेशनल नंबरों से कॉल आए हुए हैं. इनमें इथियोपिया (+251), मलेशिया (+60), वियतनाम (+84), इंडोनेशिया (+62), केन्या (+254) और कई अन्य देशों के नंबर शामिल हैं.

    लेकिन ये हो कैसे रहा है?

    सेंटर फॉर इंटरनेट सोसाइटी, इंडिया के सिक्योरिटी टेक्नोलॉजिस्ट करण सैनी ने द क्विंट से बातचीत में कहा कि, ये स्कैमर्स किस तरह के संभावित तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और कैसे वे पूरे भारत में इतने सारे लोगों को कॉल कर पा रहे हैं.

    सैनी ने कहा कि वॉट्सऐप पर आने वाले इन कॉल्स में कोई ज्यादा अंतर नहीं है जैसे बाकी हमारे फोन पर फर्जी कॉल आते हैं. इससे दो बातें सामने आती हैं:

    • जिन नंबरों से कॉल आ रहे हैं वो सारे नंबर कुछ ही देशों से आ रहे हैं, और हो सकता है कि उन देशों में सिम खरीदने को लेकर और नए नंबर खरीदने को लेकर नियम आसान हो.

    • ये भी हो सकता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले ने अलग अलग देशों के नंबर का जुगाड़ किया हो, वो इसलिए क्योंकि वॉट्सऐप का स्पैम डिकेटक्शन सिस्टम उन नंबरों को सस्पेंड कर देता है जिस नंबर को कई यूजर्स ने या तो रिपोर्ट किया हो या ब्लॉक.

    वहीं कुछ एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि हो सकता है कि स्कैमर भारत का ही कोई शख्स हो जिसे अलग अलग देशों का नंबर हासिल हुआ हो या तो वह ये कॉल इंटरनेट के जरिए कर रहा हो.

    सैनी ने आगे कहा कि, "ये भी हो सकता है कि स्कैमर को इन देशों से मोबाइल नंबरों का कैश (Cache) मिल गया हो जिसका वे गलत इस्तेमाल कर रहे हो."
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  2. 2. ये स्कैमर्स क्या चाह रहे हैं, इसमें क्या जोखिम है?

    फिलहाल ये समझना मुश्किल है कि स्कैमर्स क्या चाह रहे हैं, ये हो सकता है कि वे ऐसे मिस कॉल दे कर एक संपर्क स्थापित करना चाह रहे हैं, यूजर्स से बात की शुरुआत करना चाह रहे हो ताकी फिर उन्हें कोई फर्जी नौकरी का झांसा देकर लूटा जा सके.

    सैनी ने कहा, "ये हो सकता है कि मिस कॉल के बाद स्कैमर चाह रहा हो कि यूजर उसे मैसेज करे ये जानने के लिए कि नंबर किसका है और फिर वही किया जाता होगा जैसे फर्जीवाड़े कॉल या ई मेल के जरिए होते हैं."

    हालांकि सैनी ने ऐसे ही एक नंबर को जवाब दिया ये देखने के लिए कि क्या होता है. जैसे ही उन्होंने मैसेज किया, तुरंत ही सामने से जवाब आ गया. हो सकता है कि ये जवाब बॉट (BOT- यानी जो ऑटोमेटिक रिस्पॉन्स देता है) ने दिया हो. जवाब में लिखा था कि, क्या आप पार्टटाइम काम करना चाहेंगे, इसमें आपको केवल गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च करना होगा और हर दिन इसके लिए 2,500 रुपये दिए जाएंगे."

    इस तरीके के मैसेज से ही आपको समझ जाना चाहिए कि ये फर्जी है. इतनी जल्दी जवाब आना, हर दिन का 2,500 रुपये ऑफर करना.

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  3. 3. वॉट्सऐप यूजर्स इन फर्जीवाड़ों से बचने के लिए क्या करें?

    सबसे अच्छा तरीका तो ये होगा कि इन कॉल्स का जवाब न दें, जब कॉल आ रहा है तो उसे कट कर दें, उसे ब्लॉक और रिपोर्ट करें ताकि उस नंबर से बाद में आपको परेशानी ना हो.

    हालांकि, उन कॉल का जवाब देने से या मैसेज करने से कोई नुकसान तो नहीं है, क्योंकि फिलहाल यही लग रहा है कि सामने कोई शख्स नहीं है वो एक बॉट ही है.

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  4. 4. इस तरह के फर्जीवाड़ों की संख्या क्यों बढ़ रही है?

    साइबर अपराध से जुड़े कानूनों के जानकार और सुप्रीम कोर्ट में वकील पवन दुग्गल ने द क्विंट से बातचीत में बताया, "भारत में ऐसे फर्जीवाड़ों की बढ़ती संख्या का कारण ये है कि हमारे यहां साइबर सुरक्षा को लेकर कोई मजबूत कानून नहीं है."

    उन्होंने आगे कहा कि, आईटी एक्ट 2000 और उसमें हुए संशोधन जैसे आईटी नियम 2023 ऐस फर्जीवाड़ों से निपट सकते हैं लेकिन दिक्कत ये हैं कि इन्हें ठीक से लागू नहीं किया गया.

    दुग्गल ने कहा, "कानूनों को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है. वॉट्सऐप जैसे प्लेटफार्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार को काफी कुछ करने की जरूरत है."

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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WhatsApp स्कैम क्या है?

कई वॉट्सऐप यूजर्स ने बताया है कि उन्हें अज्ञात (Unknown) इंटरनेशनल नंबरों से कॉल आए हुए हैं. इनमें इथियोपिया (+251), मलेशिया (+60), वियतनाम (+84), इंडोनेशिया (+62), केन्या (+254) और कई अन्य देशों के नंबर शामिल हैं.

लेकिन ये हो कैसे रहा है?

सेंटर फॉर इंटरनेट सोसाइटी, इंडिया के सिक्योरिटी टेक्नोलॉजिस्ट करण सैनी ने द क्विंट से बातचीत में कहा कि, ये स्कैमर्स किस तरह के संभावित तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और कैसे वे पूरे भारत में इतने सारे लोगों को कॉल कर पा रहे हैं.

सैनी ने कहा कि वॉट्सऐप पर आने वाले इन कॉल्स में कोई ज्यादा अंतर नहीं है जैसे बाकी हमारे फोन पर फर्जी कॉल आते हैं. इससे दो बातें सामने आती हैं:

  • जिन नंबरों से कॉल आ रहे हैं वो सारे नंबर कुछ ही देशों से आ रहे हैं, और हो सकता है कि उन देशों में सिम खरीदने को लेकर और नए नंबर खरीदने को लेकर नियम आसान हो.

  • ये भी हो सकता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले ने अलग अलग देशों के नंबर का जुगाड़ किया हो, वो इसलिए क्योंकि वॉट्सऐप का स्पैम डिकेटक्शन सिस्टम उन नंबरों को सस्पेंड कर देता है जिस नंबर को कई यूजर्स ने या तो रिपोर्ट किया हो या ब्लॉक.

वहीं कुछ एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि हो सकता है कि स्कैमर भारत का ही कोई शख्स हो जिसे अलग अलग देशों का नंबर हासिल हुआ हो या तो वह ये कॉल इंटरनेट के जरिए कर रहा हो.

सैनी ने आगे कहा कि, "ये भी हो सकता है कि स्कैमर को इन देशों से मोबाइल नंबरों का कैश (Cache) मिल गया हो जिसका वे गलत इस्तेमाल कर रहे हो."
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ये स्कैमर्स क्या चाह रहे हैं, इसमें क्या जोखिम है?

फिलहाल ये समझना मुश्किल है कि स्कैमर्स क्या चाह रहे हैं, ये हो सकता है कि वे ऐसे मिस कॉल दे कर एक संपर्क स्थापित करना चाह रहे हैं, यूजर्स से बात की शुरुआत करना चाह रहे हो ताकी फिर उन्हें कोई फर्जी नौकरी का झांसा देकर लूटा जा सके.

सैनी ने कहा, "ये हो सकता है कि मिस कॉल के बाद स्कैमर चाह रहा हो कि यूजर उसे मैसेज करे ये जानने के लिए कि नंबर किसका है और फिर वही किया जाता होगा जैसे फर्जीवाड़े कॉल या ई मेल के जरिए होते हैं."

हालांकि सैनी ने ऐसे ही एक नंबर को जवाब दिया ये देखने के लिए कि क्या होता है. जैसे ही उन्होंने मैसेज किया, तुरंत ही सामने से जवाब आ गया. हो सकता है कि ये जवाब बॉट (BOT- यानी जो ऑटोमेटिक रिस्पॉन्स देता है) ने दिया हो. जवाब में लिखा था कि, क्या आप पार्टटाइम काम करना चाहेंगे, इसमें आपको केवल गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च करना होगा और हर दिन इसके लिए 2,500 रुपये दिए जाएंगे."

इस तरीके के मैसेज से ही आपको समझ जाना चाहिए कि ये फर्जी है. इतनी जल्दी जवाब आना, हर दिन का 2,500 रुपये ऑफर करना.

वॉट्सऐप यूजर्स इन फर्जीवाड़ों से बचने के लिए क्या करें?

सबसे अच्छा तरीका तो ये होगा कि इन कॉल्स का जवाब न दें, जब कॉल आ रहा है तो उसे कट कर दें, उसे ब्लॉक और रिपोर्ट करें ताकि उस नंबर से बाद में आपको परेशानी ना हो.

हालांकि, उन कॉल का जवाब देने से या मैसेज करने से कोई नुकसान तो नहीं है, क्योंकि फिलहाल यही लग रहा है कि सामने कोई शख्स नहीं है वो एक बॉट ही है.

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इस तरह के फर्जीवाड़ों की संख्या क्यों बढ़ रही है?

साइबर अपराध से जुड़े कानूनों के जानकार और सुप्रीम कोर्ट में वकील पवन दुग्गल ने द क्विंट से बातचीत में बताया, "भारत में ऐसे फर्जीवाड़ों की बढ़ती संख्या का कारण ये है कि हमारे यहां साइबर सुरक्षा को लेकर कोई मजबूत कानून नहीं है."

उन्होंने आगे कहा कि, आईटी एक्ट 2000 और उसमें हुए संशोधन जैसे आईटी नियम 2023 ऐस फर्जीवाड़ों से निपट सकते हैं लेकिन दिक्कत ये हैं कि इन्हें ठीक से लागू नहीं किया गया.

दुग्गल ने कहा, "कानूनों को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है. वॉट्सऐप जैसे प्लेटफार्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार को काफी कुछ करने की जरूरत है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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