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पांच मेडिकल टेस्ट जो 30 साल से अधिक हर पुरुष के लिए हैं जरूरी

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जाएगा.

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जून, साल का वो महीना है जिसमें हम अपने जीवन में शामिल मर्दों को लेकर खुशियां मनाते हैं. इस महीने में हम फादर्स डे तो मनाते ही हैं, लेकिन अमेरिका में हेल्थ एजुकेशन के एक कार्यक्रम के तहत जून को मेंस हेल्थ मंथ के तौर पर भी मनाया जाता है.

हर साल जून में फादर्स डे से पहले के हफ्ते को इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक के तौर पर मनाया जाता है. मेंस हेल्थ वीक अमेरीकी संसद का बनाया गया एक खास जागरुकता प्रोग्राम है.

इसलिए मेरे प्यारे पुरुष साथियों, अगर आप चाहते हैं कि किसी भी बीमारी का समय रहते पता चला जाए, तो इसके लिए जरूरी है कि आप रेगुलर अपना हेल्थ चेकअप कराते रहें. रेगुलर हेल्थ चेकअप तब और भी जरूरी हो जाती है, जब आपकी उम्र 30 साल हो जाए.

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अफसोस करने से बेहतर है सुरक्षित रहना

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
आप 30 के भी हों, तब भी रेगुलर मेडिकल चेक अप कराना बहुत जरूरी है
(फोटो: iStock)

रेगुलर मेडिकल चेकअप कराना बहुत जरूरी है ताकि आपको पता चल सके कि वक्त गुजरने के साथ आपका शरीर कितना मजबूत है.

शुरू में ही हेल्थ चेक अप कराने से न केवल आपका पैसा बचता है, बल्कि इससे आपका जीवन भी सुरक्षित रहता है. अगर शुरु में ही किसी बीमारी का पता चल जाता है तो उसका इलाज करना आसान होता है.
डॉ अनुराग शर्मा, हार्ट डिजीज एक्सपर्ट, पंचकुला

पुरुषों के हेल्थ चेकअप की जरूरत

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
दिल की बीमारियों का खतरा
(फोटो:iStock)
30 से अधिक उम्र के मर्द आमतौर पर मोटापे, दिल की बीमारी, जोड़ों के दर्द, थकावट शिकार होते हैं. इसकी मुख्य वजह उनकी अनहेल्दी लाइफ स्टाइल, गलत खानपान, व्यायाम नहीं करना वगैरह है. इसलिए यही वो उम्र होती है, जब आपको अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखना होता है. इसके लिए जरूरी है कि रेगुलर टेस्ट के जरिए ये पता करते रहा जाए कि शरीर के सारे अंग ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं. और फिर उसी हिसाब से लाइफ स्टाइल और खाने-पीने की आदत में बदलाव किया जाए.
डॉ प्रशांत शेट्टी, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, iGenetic Diagnostics

न्यूट्रिशनिस्ट और Nutri Activania की संस्थापक अवनी कौल के मुताबिक पुरुषों के हेल्थ चेकअप में हर महीने ब्लड प्रेशर चेक कराना भी शामिल है, जिसमें पांच मिनट से भी कम समय लगता है.

आप सिर्फ ब्लड प्रेशर का रेगुलर चेकअप करके बहुत सारी गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. अगर आपका बीपी नॉर्मल है, तो आपको महीने में एक बार बीपी चेक कराने की जरूरत है, लेकिन अगर आप हाई बीपी के शिकार हैं, तो हर हफ्ते बीपी चेक कराने की सलाह दी जाती है.
अवनी कौल
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पांच जरूरी टेस्ट

1. CBC यानी कंप्लीट ब्लड काउंट

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
सीबीसी से पता चलता है कि आपके शरीर में खून की कमी है या नहीं.
(फोटो: iStock)
खून की कमी के कारण थकावट होती है. हीमोग्लोबिन कम रहने वाले मर्दों को दूसरे टेस्ट करा लेने चाहिए ताकि उनका इलाज किया जा सके.
अवनी कौल

आपके खून में हेपाटाइटिस सी की जांच करना बहुत जरूरी है. इस वायरस से धीरे-धीरे लीवर कैंसर या लीवर पूरी तरह नष्ट हो सकता है. और सबसे खतरनाक बात ये है कि मर्दों को इस बीमारी का कोई लक्षण भी उस वक्त तक पता नहीं चलता है जब तक ये गंभीर रूप न ले ले और इलाज के लायक न बचे.

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2. ब्लड शुगर टेस्ट

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
अगर डायबिटीज कंट्रोल ना किया जाए तो इसकी वजह से कई ऑर्गन भी काम करना बंद कर सकते हैं.
(फोटो: iStock)

ब्लड शुगर टेस्ट की मदद से डायबिटीज के बारे में पता चलता है. अगर डायबिटीज कंट्रोल नहीं किया जाए तो इससे बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैं.

अगर किसी का अचानक वजन कम होने लगता है या उसको ज्यादा प्यास लगने लगती है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है. इसका मतलब ये हुआ कि उनके पैंक्रियाज से कम मात्रा में इंसुलिन बनता है या फिर उनके शरीर पर अब इसका असर नहीं होता है.
डॉ प्रशांत शेट्टी
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3. लिपिड प्रोफाइल

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
सिंपल ब्लड टेस्ट से कोलेस्ट्रॉल लेवल का पता चलता है
(फोटो:iStock)

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से आपके दिल की हालत का पता चलता है. यह पुरुषों के लिए एक गाइड के रूप में काम करता है ताकि वो अपना फैट कंट्रोल कर सकें. इससे आपका दिल फिट रहता है. सिंपल ब्लड टेस्ट से ये पता चल जाएगा कि आपके खून में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में है या नहीं.

कोलेस्ट्रॉल एक फैटी यानी वसायुक्त पदार्थ है. अगर ये लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) या “खराब कोलेस्ट्रॉल” है तो आपकी धमनियों को ब्लॉक कर देता है. एक ही बल्ड सैंपल से एलडीएल और हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) या “अच्छे कोलेस्ट्रॉल” दोनों की जांच हो जाती है.
अगर आपकी उम्र 30 से थोड़ी ही ज्यादा है तो भी ये टेस्ट बहुत जरूरी है. खासकर तब जब युवाओं और कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में नहीं है, तो आपको दवा दी जाएगी या फिर कोलेस्ट्रॉल को कम करने का तरीका बताया जाएगा.
डॉ अनुराग शर्मा
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4. थाइरॉयड प्रोफाइल

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
इस टेस्ट से थाइरॉयड ग्लैंड की पूरी हालत का पता चलता है.
(फोटो:iStock)

मर्दों के लिए भी ये उतना ही जरूरी है.

इस टेस्ट से थाइरॉयड ग्लैंड की पूरी हालत का पता चलता है. टेस्ट में अगर आपको हाइपर या हाइपो थाइरॉयड निकलता है, तो आपको फौरन दवा शुरू करनी होगी ताकि इस पर काबू पाया जा सके.
डॉ प्रशांत शेट्टी

5. विटामिन D टेस्ट

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए भी विटामिन डी की जरूरत होती है.
(फोटो:iStock)

विटामिन डी का टेस्ट हड्डियों को मजबूत रखने के लिए बहुत जरूरी है, चाहे आपकी उम्र 40 से ज्यादा हो या 50 से ज्यादा हो.

ज्यादातर भारतीयों में विटामिन डी की कमी होती है. इसका मुख्य कारण बैठी रहने वाली लाइफस्टाइल है. हाल के रिसर्च बताते हैं कि हड्डियों के ठीक से काम करने में विटामिन डी की बहुत अहम भूमिका होती है. शरीर के कई सारी क्रियाओं और एंजाइम के ठीक तरह से काम करने में भी विटामिन अहम रोल निभाता है. शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए भी विटामिन डी की जरूरत होती है. अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो दवाओं और खानपान से इसे ठीक किया जा सकता है.
अवनी कौल
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हेल्थ चेकअप की तैयारी

इस साल 10 जून-16 जून तक इंटरनेशनल मेन्स हेल्थ वीक मनाया जा रहा है.
हेल्थ चेकअप और डॉक्टर के पास जाने से पहले सभी को कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए.
(फोटो: iStock)

हेल्थ चेकअप और डॉक्टर के पास जाने से पहले सभी को कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए. इनसे आपको उन मेडिकल टेस्ट का पता लगाने में मदद मिलेगी, जो आपको कराने की जरूरत हो सकती है.

  1. परिवार की मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी होना बहुत जरूरी है. खासकर अगर परिवार में कोई कैंसर, दिल की बीमारी, ऑस्टियोपोरोसिस, प्रोस्टेट कैंसर या डायबिटीज का शिकार है.
  2. डॉक्टर से मिलने से पहले इस बात की लिस्ट बना लेनी चाहिए कि आपको क्या-क्या तकलीफ है और आप उनसे से क्या पूछना चाहते हैं. इससे आप अपनी सारी परेशानी डॉक्टर को बता सकते हैं.
  3. आपके स्वास्थ से जुड़ी कोई भी बात जो भविष्य में आपको परेशान कर सकती है, वो डॉक्टर से हमेशा पूछना चाहिए. ऐसा करने से डॉक्टर जरूरत पड़ने पर आपको लाइफस्टाइल बदलने के लिए सही सलाह दे सकते हैं.

आपको ये बात याद रखनी चाहिए कि डॉक्टर कोई भी टेस्ट इसी आधार पर करवाता है कि आप उसे अपनी सेहत, उम्र, अपनी लाइफस्टाइल, अपनी आदतों और परिवार की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में क्या जानकारी देते हैं.

(आरती के सिंह एक स्वतंत्र लेखिका है और पिछले दो दशकों से लिख रही हैं. उन्होंने रेडियो, टीवी और प्रिंट मीडिया सभी में काम किया है. अपने बेटे को पालने के साथ-साथ वो पीएचडी भी कर रही है.)

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