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मॉर्निंग-आफ्टर पिल के बारे में 5 बातें, जो हर महिला को जाननी चाहिए

भले ही आप इस ‘प्लान बी’ का इस्तेमाल न करें, पर इसके बारे में ये जानकारी जरूरी है...

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बेडरूम में हो जाने वाले एक्सिडेंट्स के लिए, खुदा का शुक्र है कि ‘प्लान बी’ यानी आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां मौजूद हैं. एक अनचाहा गर्भ किसी बुरे सपने से कम नहीं और ऐसी किसी स्थिति से आपको बचा लेती हैं ये जादू की गोलियां.

हालांकि आई-पिल और इस तरह की बाकी गोलियां भारत में बहुत ज्यादा बिकती हैं, पर ये गोलियां कैसे काम करती हैं और किन स्थितियों में बेहतर काम करती हैं, आज भी साफ नहीं है. इसलिए चाहे आपने कभी ‘प्लान बी’ का इस्तेमाल किया हो या नहीं, अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं, तो यह आर्टिकल जरूर पढ़ें.

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मॉर्निंग-आफ्टर पिल कोई अबॉर्शन पिल नहीं है

यह पिल अंडे (ओवम) के बाहर आने में देर कर सकती है या फिर एक फर्टिलाइज्ड अंडे को गर्भाशय की दीवार पर आरोपित होने से रोक सकती है. पर अगर पिल लेने से पहले ही गर्भ हो चुका है, तो एक क्या, कई ऐसी गोलियां उसे खत्म नहीं कर सकतीं.

ये एक आम गर्भनिरोधक गोली भी नहीं है

इस गोली को ‘प्लान बी’ कहा ही इसीलिए जाता है, क्योंकि यह आपातकालीन स्थितियों के लिए है. इन गोलियों को असुरक्षित यौन संबंध बनाने के एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल करना गलत है. इन्हें बनाने वाली कंपनियां भी साफ लिखती हैं कि एक मासिक चक्र में एक बार से अधिक इस गोली का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

अगर आपको लगता है कि 6 महीने में आप 2 बार से ज्यादा आपातकालीन गर्भनिरोधक का इस्तेमाल कर सकती हैं, तो आप गलत सोचती हैं. इन्हें आपातकालीन प्रयोग के हिसाब से ही बनाया गया है. हार्मोन की अधिक मात्रा वाली दवाइयों के लंबे समय के दुष्प्रभावों के बारे में अभी ज्यादा नहीं पता, पर ये साफ है कि वे एक महिला की फर्टिलिटी के लिए कोई बहुत अच्छी चीज नहीं हैं.
डॉ रेखा डावर, स्त्री रोग विशेषज्ञ

मैं साफ करना चाहूंगी कि महिलाओं, खासतौर पर किशोरियों पर इन हाई डोज हार्मोन वाली गोलियों के असर पर अभी स्टडी नहीं की गई है. इन गोलियों में सबसे ज्यादा जिस केमिकल की मात्रा होती है, वह है लेवोनोर्जेस्ट्रेल, हार्मोन प्रोजेस्टिन का सिंथेटिक रूप.

आम गर्भ निरोधक गोलियों में भी इसी केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. पर आपातकालीन निरोधकों में इसकी मात्रा काफी बढ़ा दी जाती है, ताकि ये गोलियां गर्भ धारण को पूरी तरह रोक सकें.

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पिल लेने के लिए अगली सुबह का इंतजार न करें

आपने विज्ञापनों में देखा होगा कि असुरक्षित यौन संबंध के 72 घंटों के भीतर लेने पर ही एक इमरजेंसी पिल प्रभावी हो सकती है, पर जितना जल्दी लें, उतनी जल्दी बेहतर है. इसे शुरुआती 12 घंटों के भीतर ले लेना सबसे प्रभावी होता है. उसके बाद इसके प्रभाव में कमी आनी शुरू हो जाती है. तो इसे लेने में देर न करें.

अगर आपको लगता है कि ज्यादा देर हो गई है, तो अपने डॉक्टर से बात करें, क्या पता आपके पास अब भी कुछ वक्त बाकी हो.

अधिक प्रयोग आपका मासिक चक्र खराब कर देगा

इन गोलियों के नॉजिया, अगले 2-3 घंटे तक मुंह का स्वाद कसैला होना और अगले पीरियड्स के दौरान अधिक खून बहने जैसे छोटे दुष्प्रभाव तो हैं ही, पर एक साल में 3-4 बार से ज्यादा इस्तेमाल करने पर ये आपके मासिक चक्र को पूरी तरह बदल सकती हैं. इन गोलियोंं के ज्यादा इस्तेमाल करने से मासिक चक्र अनियमित होने की पूरी आशंका होती है.

आप गर्भवती हो भी सकती हैं

चेतावनी: इन गोलियों की असफलता दर 10 फीसदी होती है, यानी 10 में से 1 महिला इस तरह की गोली लेने के बाद भी गर्भवती हो सकती है. सब कुछ गोली लेने के समय पर निर्भर करता है. अगर आपने तुरंत ही इसे लिया है या फिर आप अपने मासिक चक्र के सुरक्षित दिनों में हैं, तो इसकी सफलता के आसार बढ़ जाते हैं.

आपातकालीन गर्भनिरोध का कोई भी तरीका 100 फीसदी कारगर नहीं हो सकता. तो अगर आपके पीरियड समय पर नहीं हुए हैं, तो फिर प्रेग्नेंसी की जांच करा ही लेें.

और हां, कॉन्डम का इस्तेमाल करें क्योंकि गर्भनिरोधक गोलियां सेक्सुअली ट्रांसमीटेड बीमारियों से नहीं बचा सकतीं.

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