वे लोग जो नशा करके ऑफिस आते हैं, उन्हें अब ब्रेथ एनालाइजर (श्वास विश्लेषक) टेस्ट के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उपस्थिति दर्ज करने वाली पंचिंग मशीन अब आपसे उसमें फूंकने के लिए कहेगी और अगर आप नशे में पाए जाते हैं तो एक ऐप एचआर को इसकी सूचना भेजेगा.
चेन्नई की रैम्को सिस्टम्स ने चेहरे के पहचान के आधार पर समय और उपस्थिति दर्ज करने वाले सिस्टम को फिर से डिजाइन किया है, जिसमें ब्रेथ एनालाइजर भी रहेगा.
कंपनी के मुताबिक इस सिस्टम का मकसद एल्कोहल पीने के कारण किसी भी दुर्घटना को रोकने में उद्यमों को सक्षम करना है.
रैम्को सिस्टम्स के सीईओ वीरेंद्र अग्रवाल ने बताया, "शराब का पता लगाने के अलावा, हम ड्रग्स (नशीली चीजों) के उपयोग का पता लगाने पर भी काम कर रहे हैं. कुछ कंपनियों के लिए काम पर ड्रग लेकर आने वाले कर्मचारी चिंता का विषय रहे हैं. इसलिए हम नशीली चीजों के दुरुपयोग का भी अध्ययन करने की क्षमता वाले सिस्टम को जल्द ला रहे हैं."
इसका समाधान ऐसे समय में आया है, जब जर्मनी स्थित सार्वजनिक अनुसंधान विश्वविद्यालय टीयू ड्रेसडेन की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में 2010 से 2017 के बीच शराब की खपत प्रतिवर्ष 4.3 से 5.9 लीटर प्रति वयस्क, 38 प्रतिशत बढ़ी है.
जनवरी में सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में नागरिक विमानन मंत्रालय के तहत नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने खुलासा किया था कि 2015 से 171 भारतीय पायलटों को उड़ान भरने से पहले नशे में पकड़ा गया है, इनमें से कुछ अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के पायलट भी शामिल हैं.
वहीं जून में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने अपने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. दरअसल एक वीडियो में ये अधिकारी शराब का सेवन करते और डीजेबी कार्यालय के अंदर ताश खेलते हुए नजर आए थे.
इस खास सिस्टम के जरिए उद्यम, शराब के सेवन से होने वाले किसी भी बड़े हादसे को रोकने में सक्षम होंगे.
रैम्को सिस्टम्स का दावा है कि उपस्थिति दर्ज करने वाली पंचिंग मशीन में शामिल ब्रेथ एनालाइजर पर किए गए आंतरिक परीक्षणों में 100 प्रतिशत के करीब सटीकता पाई गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)