सोच रही हूं कि हमेशा से रोजाना बादाम खाने की सलाह के पीछे बताए जाने वाले फायदे की कोई सच्चाई है? क्या सर्दियों की हर सुबह हमें बादाम खाने के लिए कहने वाले हमारे दादा-दादी सही कहते थे?
जी हां, एक स्टडी इसकी पुष्टि करती है. Nutrition जर्नल में प्रकाशित, एक अध्ययन में कहा गया है कि आपकी डेली डाइट में बादाम को शामिल करना कार्डियोवैस्कुलर (दिल और रक्तवाहिकाओं से जुड़ी) बीमारियों से बचाव का एक अच्छा उपाय है.
आसान शब्दों में कहें तो, शरीर में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के फैट (वसा) होते हैं. रोजाना बादाम खाने से डिसलिपिडेमिया कम हो जाता है, जिसे मोटे तौर पर खराब किस्म का कोलेस्ट्रॉल या फैट कहा जा सकता है.
इस अध्ययन के मुताबिक, बादाम भारतीयों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं. भारत में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से मौत का हिस्सा, सभी मौतों का 28 प्रतिशत है.
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ सौमिक कालिता FIT के साथ बातचीत में कहते हैं:
जेनेटिक स्ट्रक्चर के कारण भारतीयों में दिल की बीमारियों का शिकार होने की ज्यादा आशंका होती है. भारतीयों लोगों के शरीर में फैट ज्यादा स्टोर होने की आशंका रहती है, जो कई कार्डियवैस्कुलर दिक्कतों का कारण बनता है.
सभी कोलेस्ट्रॉल खराब नहीं होते
डॉ कालिता बताते हैं कि सभी प्रकार के कोलेस्ट्रॉल खराब नहीं होते. HDL ऐसा ही फैट है, जिसमें सुरक्षात्मक गुण हैं.
इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक HDL, विशेष रूप से HDL-C में 10 प्वाइंट की बढ़ोतरी होने पर दिल की बीमारी के खतरे में आधी गिरावट आती है.
दूसरी तरफ LDL खराब किस्म के कोलेस्ट्रॉल में शामिल है.
अगर एक किस्म के कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए दवा ली जाती है, तो यह दूसरी किस्म को भी प्रभावित कर सकती है. दवा अपने साइड इफेक्ट और सीमाओं के साथ आती है. वैसे, इस अध्ययन का यह निष्कर्ष है कि बादाम न केवल शरीर में LDL के स्तर को कम करते हैं, बल्कि HDL-C के स्तर को भी बनाए रखते हैं या बढ़ाते हैं.
दिल की समस्याएं कई कारकों का परिणाम हैं और उनमें से एक है डिसलिपिडेमिया. डिसलिपिडेमिया में बैड कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर और गुड कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर होता है.
डिसलिपिडेमिया पर टिप्पणी करते हुए, डॉ कालिता कहते हैं:
रोजाना 45 ग्राम बादाम खाने से, भारतीय लोगों में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में से एक डिसलिपिडेमिया को कम करने में मदद मिल सकती है... हाल ही में एक व्यवस्थित अध्ययन... से पता चला है कि बादाम खाने से कुल कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक LDLकोलेस्ट्रॉल में काफी कमी आती है, जबकि लाभकारी HDL- कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
अध्ययन में कमर की वसा व कमर के मोटापे और बादाम इसे कैसे ठीक करने में मददगार होता है, इस बारे में भी बताया गया है. कमर के चारों ओर वसा कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं के कारणों में से एक है.
लेकिन बादाम वास्तव में कितना फायदेमंद है?
इस सवाल का जवाब पाने के लिए हमने कुछ और डॉक्टरों से बात की. क्या बादाम वास्तव में सेहत के लिए उतने फायदेमंद हैं, जितना हम इसका बखान करते हैं? फोर्टिस अस्पताल नोएडा के कार्डियक सर्जरी विभाग के सीनियर कंसलटेंट, डॉ वैभव मिश्रा अध्ययन के नतीजों पर सहमति जताते हैं.
बादाम मोनोअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं (मोनो-और पॉली-अनसैचुरेटड फैट अच्छे फैट हैं). इसलिए ये गुड कोलेस्ट्रॉल और फाइबर में वृद्धि करते हैं, और LDL या बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं. इसके अलावा, इसमें विटामिन E है, जो त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है. तो, अगली बार जब आपको खाने के समय से पहले भूख लगी हो, तो जंक फूड की बजाए मुट्ठी भर (15-20) बादाम खा लीजिएगा.डॉ वैभव मिश्रा, फोर्टिस अस्पताल
न्यूट्रिशनिस्ट और क्लीनिकल डाइटीशियन डॉ हुदा शेख के मुताबिक, बादाम मैग्नीशियम का एक समृद्ध स्रोत है- एक ऐसा खनिज जिसकी अधिकांश डायबिटीज मरीजों में कमी पाई जाती है- जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. बादाम में मौजूद मैग्नीशियम इंसुलिन की कार्यक्षमता में भी सुधार करता है.
तो अब जबकि जूरी का फैसला बादाम के पक्ष में है, तो इसे भी डाइट में शामिल करना अच्छा होगा.
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