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डॉ हरबर्ट क्लेबर पर आज का डूडल, जिन्होंने खोजा नशे की लत का इलाज

डॉ क्लेबर ने एडिक्शन को एक मेडिकल कंडिशन के तौर पर देखा.

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आखिर कैसे कोई नशे की लत का शिकार हो जाता है, उसे ड्रग एडिक्शन से कैसे छुटकारा दिलाया जा सकता है. इस दिशा में अमेरिकन साइकाइट्रिस्ट डॉ हरबर्ट क्लेबर ने काफी काम किया.

डॉ क्लेबर के नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन में चुने जाने की 23वीं सालगिरह (1 अक्टूबर, 2019) के मौके पर गूगल ने अपना डूडल डॉ क्लेबर को ही समर्पित किया है.

डॉ क्लेबर ने एडिक्शन को एक मेडिकल कंडिशन के तौर पर देखा और इसके इलाज के रिसर्च पर फोकस किया.

बेशक मैं एक आशावादी हूं...नहीं तो मैं 40 साल तक एडिक्ट लोगों के साथ कैसे काम कर पाता?
डॉ हरबर्ट क्लेबर
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डॉ क्लेबर का जन्म 19 जून 1934 को पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्घ में हुआ था. साल 1964 में उन्होंने यूनाइटेड पब्लिक हेल्थ सर्विस के साथ काम किया.

यहां उनकी ड्यूटी केन्टकी के लेग्जिंग्टन के एक कैदियों के अस्पताल में लगी थी, जहां कैदियों को नशे की लत से बाहर निकाला जाता था. इलाज के साथ ही क्लेबर ये जानने की भी कोशिश करते थे कि आखिर किसी व्यक्ति को नशे की लत क्यों लग जाती है और इससे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है.

डॉ क्लेबर येल यूनिवर्सिटी में ड्रग डिपेंडेंस यूनिट के संस्थापक और प्रमुख थे. उनका निधन 84 वर्ष की उम्र में 5 अक्टूबर, 2018 को हुआ.

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