नवरात्रि खत्म होते ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है. अब दिवाली बिल्कुल करीब है. दिवाली मेला, दिवाली के गिफ्ट, मिठाइयां और भी कई तरह के पकवान.
इसलिए, इसमें कोई शक नहीं है कि त्योहारों के इस मौसम का आनंद लेने के साथ वजन बढ़ने से हम परेशान हो जाएं. लेकिन आप कुछ नियंत्रण और संतुलन के जरिए इसका ध्यान रख सकते हैं.
बहुत अधिक मिठाई खाना हम में से ज्यादातर के लिए अधिक खतरनाक साबित होती है. खासकर जो डायबिटीज या मधुमेह के रोगी हैं. इससे भी अधिक यह उन लोगों के लिए खतरा है जो बिल्कुल बॉर्डर लाइन पर हैं- जैसे प्री-डायबिटिक (ऐसे लोग जिनमें शुगर की मात्रा बिल्कुल खतरे के निशान के आसपास होती है).
हालांकि कुछ ऐसी चीजें हैं, जो आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से बचाव कर सकती हैं. इन्हें ब्लड शुगर बैलेंस करने वाली चीजें कह सकते हैं.
दालचीनी
इसमें एक हाइड्रॉक्सीकैलकोन कंपोनेंट होता है, जो फास्टिंग ग्लूकोज को कंट्रोल में रखने में मदद करता है. आप सभी लोगों को एक चुटकी हर रोज (अपने चाय के कप में या अपने अनाज पर छिड़का हुआ) इसकी जरूरत है.
फैटी फिश
डीएचए, एक प्रकार का ओमेगा-3 है, जो मैकेरल, सैमन और टूना मछली में पाया जाता है. ये शरीर में इंफ्लेमेशन को कम रखने में मदद करता है. परिणामस्वरूप, इससे डायबिटीज दूर रहती है.
समुद्री शैवाल
अगर आप चाहते हैं है कि आपके खाने की थाली में कुछ रोमांचक हो, तो कुछ समुद्री शैवाल को आजमाएं क्योंकि ये प्री-डायबिटिक लोगों में शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मददगार होते हैं. इसके साथ ही इनमें सही न्यूट्रिएंट्स होते हैं.
हल्दी
हल्दी को ऐसे ही गोल्डन मसाला नहीं कहा जाता है! ये इंफ्लेमेशन को कम रखने में मदद करती है, और इस तरह, आपका शुगर कंट्रोल रहता है. इसे खुलकर अपनी करी में प्रयोग करें.
करेला
करेला में हाइपोग्लाइसेमिक या इंसुलिन जैसा गुण होता है, जिसे प्लांट इंसुलिन के रूप में भी जाना जाता है. ये ब्लड और यूरिन शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है. इसे हफ्ते में कम से कम दो बार खाएं.
आंवला
आंवला में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है. ये लैंगरहैंस के आइलेट्स को स्टिमुलेट करने में मदद करने के लिए जाना जाता है. लैंगरहैंस सेल्स का एक अलग ग्रुप जो पैंक्रियाज में हार्मोन इंसुलिन का स्राव करता है. हर दिन एक आंवला खाएं या इसे चटनी के रूप में भी खाने में शामिल कर सकते हैं.
मेथी दाना
रोजाना मेथी का प्रयोग करने से ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है. इसका अपनी दाल में तड़का लगा सकते हैं. इसके स्वाद के साथ ही फायदे का भी आनंद लें.
काली मिर्च
ये मसाला वैनेडियम का एक रिच सोर्स है, एक खनिज जो शरीर में एंजाइमों के एक्शन को बढ़ावा देने या रोकने में मदद करता है. इससे ब्लड शुगर का लेवल स्टेबल रखने में मदद मिलती है. हमेशा फ्रेश और फ्राइड अंडे के ऊपर कुछ काली मिर्च पाउडर डालें. अपने सूप और सब्जियों में भी इसका प्रयोग कर सकते हैं.
मशरूम
ये फंगी वैनेडियम का एक और रिच सोर्स हैं. इसलिए सूप, सलाद, पुलाव में इसका प्रयोग कर सकते हैं.
जौ
ये अनाज घुलनशील फाइबर से भरपूर होने के कारण ब्लड शुगल के लेवल में किसी भी तरह से बढ़ोतरी नहीं होने देता है. घुलनशील फाइबर पेट में लिक्विड के साथ मिलकर जैल बनाने की क्षमता रखता है. यह पेट के खाली होने की गति को धीमा करता है, जो कार्बोहाइड्रेट को बहुत जल्दी अवशोषित होने और ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ने से रोकता है.
सेब
वे क्वरसेटिन से भरपूर होता है. क्वरसेटिन एक प्लांट पिगमेंट है, जो बॉडी में इंसुलिन को अधिक कुशलता से स्रावित करने में मदद करता है. साथ ही इंसुलिन रेजिस्टेंस को रोकता है. सेब को छिलके के साथ खाएं. इस तरह खाने से आपको छह गुना अधिक क्वरेसेटिन मिलेगा.
कद्दू के बीज
ये बीज प्लांट केमिकल से भरपूर होते हैं, जिन्हें लिग्नेन के साथ-साथ मैग्नीशियम के रूप में जाना जाता है. ये दोनों शरीर को अधिक कुशलता से इंसुलिन का उपयोग करने में मदद करते हैं. इनमें ग्लोब्युलिन या प्रोटीन भी होता है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं.
(कविता देवगन एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो बुक ‘Don't Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico)’ और ‘Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी है.)
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