Brain Hemorrhage Due Heat: देश के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. गर्मी से जुड़ी बीमारियों के साथ-साथ हीट स्ट्रोक के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर में लोग हीट स्ट्रोक, डायरिया, स्किन से जुड़ी समस्या जैसी कई दूसरी प्रॉब्लम्स को लेकर अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं और इसके साथ ही कई जगहों पर ब्रेन हेमरेज के मामलों के बढ़ने की भी बात कही जा रही है. इससे भी ज्यादा चिंता इसके पीछे बताए जा रहे कारणों ने बढ़ा दी है.
ऐसा कहा जा रहा कि ये ब्रेन हेमरेज तब हो रहा है जब व्यक्ति एसी (AC) कमरे से निकल कर सीधे धूप में जाता है.
आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि क्या एसी से निकल कर धूप में बाहर जाने पर ब्रेन हेमरेज हो सकता है? ब्रेन हेमरेज के लक्षण क्या हैं? हेमरेज का रिस्क किसे है? और गर्मी में बाहर निकालने से पहले और बाद में क्या सावधानियां बरतें?
क्या एसी से निकल कर धूप में बाहर जाने पर ब्रेन हेमरेज हो सकता है?
आजकल गर्मी के मौसम में एसी से निकलकर धूप में जाने से बॉडी पर इसका साइड इफेक्ट होता है लेकिन क्या इससे ब्रेन हेमरेज के चांस बढ़ जाते हैं? फिट हिंदी इस बात की सच्चाई जानने के लिए एक्सपर्ट्स से बात की.
इस सवाल पर सर गंगा राम हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंशु रोहतगी कहते हैं,
"अगर मैं साइंटिफीकली देखूं तो ऐसा नहीं हो सकता है. ब्लड प्रेशर के अचानक बढ़ने से ब्रेन हेमरेज होता है. मुझे नहीं लगता है कि अचानक तापमान में बदलाव होने से बीपी इतना बढ़ जाएगा कि उससे ब्रेन हेमरेज हो जाए. मुझे ये बात पूरी तरह से सही नहीं लग रही है."डॉ. अंशु रोहतगी, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट, सर गंगा राम हॉस्पिटल
डॉ. अंशु रोहतगी बात को समझाते हुए आगे कहते हैं, "हो सकता है कि जिनमें ब्रेन हेमरेज की शिकायत सामने आई है वो पहले से हाइपरटेंशन के शिकार हों या अपनी दवा नहीं खा रहे होंगे. जो कि आम बात है. हमारे भारत में एक कॉन्सेप्ट है कि अभी बीपी ठीक है तो दवा बंद कर दो".
वहीं गुरुग्राम आर्टेमिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर- न्यूरोइंटरवेंशन और को-चीफ स्ट्रोक यूनिट डॉ. विपुल गुप्ता कहते हैं कि बहुत देर तक गर्मी और कड़ी धूप में रहने से डिहाइड्रेशन हो जाता है और अगर पानी न मिले और बॉडी का टेंपरेचर बढ़ जाए तो बॉडी पर एक गहरा असर पड़ता है. बेहोशी छाना, हार्ट रेट बढ़ने की प्रॉब्लम भी हो सकती है. इसे हीट स्ट्रोक कहते हैं.
"इसका मतलब है स्ट्रोक होना पर यह जो स्ट्रोक होता है यह ब्रेन स्ट्रोक नहीं है."डॉ. विपुल गुप्ता, डायरेक्टर- न्यूरोइंटरवेंशन और को-चीफ स्ट्रोक यूनिट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम
ये हैं ब्रेन हेमरेज के लक्षण
हीट स्ट्रोक और ब्रेक स्ट्रोक दो अलग समस्या है.
डॉ. अंशु रोहतगी बताते हैं कि ब्रेन हेमरेज एक तरह का स्ट्रोक होता है और इसमें 2 अलग तरह के स्ट्रोक होते हैं.
"जो ब्रेन हेमरेज वाला ब्रेन स्ट्रोक बिल्कुल अलग होता है क्योंकि उसमें जोर से सिर दर्द होगा और मरीज को एक तरफ का पैरालिटिक अटैक आता है या लकवा का अटैक वाले लक्षण आते हैं."डॉ. विपुल गुप्ता, डायरेक्टर- न्यूरोइंटरवेंशन और को-चीफ स्ट्रोक यूनिट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम
ब्रेन हेमरेज के संभावित लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:
भयंकर सिरदर्द
मतली या उलटी
चक्कर आना
सुस्ती
अचानक मांसपेशियों में कमजोरी या पक्षाघात, खासकर एक तरफ
चेहरे, हाथ या पैरों में सुन्नता या झुनझुनी महसूस करना, खासकर एक तरफ
दृष्टि में परिवर्तन, जैसे दोहरी दृष्टि, धुंधली दृष्टि या दृष्टि हानि
बैलेंस या मूवमेंट को ऑर्डिनेशन में दिक्कत आना
स्पीच में परेशानी
भ्रम
सीजर्स
बेहोशी
ब्रेन हेमरेज से बचने के लिए क्या करें?
ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना और दिल की सेहत को दुरुस्त रखना.
जिन लोगों का लॉन्ग टर्म में ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है उनको ब्रेन हेमरेज वाला स्ट्रोक होने की आशंका ज्यादा होती है.
ब्रेन स्ट्रोक आने पर क्या करें?
समय पर इलाज से ब्रेन हेमरेज से बचना संभव है लेकिन मृत्यु दर तब भी अधिक हो सकती है.
ब्रेन हेमरेज वाला स्ट्रोक आने पर मरीज को जल्द से जल्द पास के हॉस्पिटल जहां पर न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी का डिपार्टमेंट हो ले जाना चाहिए ताकि वहां ट्रीटमेंट हो सके.
"सबसे जरूरी है कि जब ब्रेन हेमरेज हो तो इसके अपने आप ठीक होने का इंतजार न करें और जल्द से जल्द इमरजेंसी में अस्पताल में लेकर जाएं."डॉ. विपुल गुप्ता, डायरेक्टर- न्यूरोइंटरवेंशन और को-चीफ स्ट्रोक यूनिट, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम
ब्रेन हेमरेज का खतरा ज्यादा किसे है?
ब्रेन हेमरेज का रिस्क अधिक हाइपरटेंशन वाले लोगों में होता है.
"रिस्क उनको अधिक है, जिनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल्ड नहीं है, जिनको हार्ट की प्रॉब्लम है, डायबिटीज सही तरह से कंट्रोल में नहीं है जो मोटापे के शिकार हैं, ब्लड थिनर ले रहे हैं या लिवर की बीमारी है."डॉ. अंशु रोहतगी, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट, सर गंगा राम हॉस्पिटल
गर्मी में बाहर निकल रहे हैं तो बरते ये सावधानियां
इस चिलचिलाती धूप में बाहर निकलने से पहले और बाद में बरतने वाली सावधानियों पर डॉ. अंशु रोहतगी ये सलाह देते हैं:
अगर आपको बाहर निकालना है तो तभी निकलें जब बहुत जरूरी हो
बाहर निकलने से पहले पानी पियें
हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें
सूर्य के सीधे संपर्क से बचें, छाया में रहें
निकलने पर धूप चश्मा पहनें
शरीर को हाइड्रेटेड रखें
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