ADVERTISEMENT

नाश्ता करना जरूरी है या नहीं? जानें आपके शरीर के लिए बेहतर क्या है

जानिए नाश्ता करने की अनिवार्यता कहां तक सही है. 

Updated
फिट
4 min read
नाश्ता करना जरूरी है या नहीं? जानें आपके शरीर के लिए बेहतर क्या है
i
Like
Hindi Female
listen

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

न्यूट्रीशन और वेलनेस के क्षेत्र में बहुत से ऐसे सिद्धांत हैं, जिन्हें भुला दिए जाने की जरूरत है. काफी अरसे से हम यह मानते रहे हैं कि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है और लोग ‘नाश्ता बादशाह की तरह करना चाहिए’, ‘किंग साइज ब्रेकफास्ट’ जैसे उद्धरणों के साथ जीने के आदी रहे हैं और इसी पर अमल करते हुए अपना दिन शुरू करने से पहले भारी-भरकम नाश्ते से खुद का और अपने बच्चों का पेट भर लेते हैं, भले ही भूख लगी हो या नहीं.

खैर, मुझे लगता है कि यह भयानक रूप से गलत सलाह है. सभी के लिए नहीं, लेकिन हममें से ज्यादातर लोगों के लिए.

कल्पना कीजिए कि आपने देर रात तक पार्टी की है या किसी दिन रात में देर से भोजन किया है. अगली सुबह जागने पर आपको भूख नहीं लगने की संभावना है. क्यों? क्योंकि आपका शरीर अभी भी ‘एलिमिनेशन फेज’ में है.

ADVERTISEMENT

स्किप किया जा सकता है ब्रेकफास्ट?

नाश्ता- खाएं या ना खाएं?
(फोटो: iStockphoto)
हमारे शरीर में दो चरण होते हैं- बिल्डिंग फेज (निर्माण का चरण) और एलिमिनेशन फेज (उन्मूलन का चरण). बिल्डिंग फेज में आपका शरीर न्यूट्रीशन की मांग करता है और इसी लिए आपको भूख लगती है, एलिमिनेशन फेज में आपका शरीर डिटॉक्सिफाइंग और उन्मूलन में व्यस्त रहता है, इसलिए इसमें आपको खाने की जरूरत नहीं होती है.

इसलिए, सुबह जब आप जागते हैं, तब भी इससे पहले कि आप इसे नया खाना खिलाना चाहें, यह पचाने और आपके पिछली रात के खाने को खत्म करने में जुटा होता है.

ऐसे मामले में हमें खाने से बचना चाहिए. जब सचमुच भूख लगती है, हमें केवल तभी खाना चाहिए क्योंकि यह बताता है कि शरीर बिल्डिंग फेज में दाखिल हो चुका है और अब न्यूट्रीशन की मांग कर रहा है. इस तरह दोनों का ख्याल रखना जरूरी है: एलिमिनेशन और बिल्डिंग फेज. इन दोनों फेज की अवधि हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है. कुछ लोग जागने के तुरंत बाद भूख महसूस करते हैं, जबकि कुछ दोपहर तक नहीं करते और यह तब तक ठीक है, जब तक कि यह स्वाभाविक रूप से और असली भूख नहीं है.

वो दिन गए जब नाश्ता एक भोजन था और जिसे छोड़ा नहीं जा सकता था.

ADVERTISEMENT

अगर सुबह भूख नहीं है, तो जबरदस्ती ना करें

जी हां, कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें हर 2-3 घंटे में कुछ खाने की जरूरत पड़ सकती है, खासकर डायबिटीज जैसी मेडिकल कंडीशन में, या जो बच्चे अपनी गतिविधियों के कारण सचमुच काफी भूखे रहते हैं, हाजमा या फिर ऐसा जॉब जिसमें शारीरिक श्रम की जरूरत होती है या ऐसे ही कई अन्य कारण.

अगर आप सुबह सही मायने में शारीरिक रूप से भूखे हैं, तभी खाएं. लेकिन बाकी लोगों के लिए, खासतौर से बच्चे जिन्हें उनके माता-पिता द्वारा नाश्ते के प्रति अपनी सोच के कारण कि यह दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है, जबरन खिलाया जाता है, एकदम गलत है.

इसके अलावा, अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं और सोचते हैं कि हर 2-3 घंटे में खाने से आपका हाजमा बढ़ेगा और आपको फैट बर्न करने में मदद मिलेगी, तो आप यह गलत कर रहे हैं और हकीकत में इसका नतीजा उल्टा हो सकता है.

अगर आपको भूख नहीं है, तो मत खाएं क्योंकि आपका शरीर अभी भी एलिमिनेशन कर रहा है और जब आप भूखे हों, तो यह आपके बिल्डिंग फेज की शुरुआत है और आपके खाने का यही सही समय है.
ADVERTISEMENT

कंपनियों की बातों में ना आएं

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि हमारे न्यूट्रीशनल चार्ट को बड़े पैमाने पर दिग्गज सीरीएल कंपनियों और फूड लॉबी द्वारा फाइनेंस किया जाता है.

एक सीरीएल कंपनी अपने प्रोडक्ट को कैसे बेचेगी? यह बताते हुए कि नाश्ता दिन का सबसे जरूरी भोजन है और अगर हम इसे छोड़ देते हैं, तो ये हमारी सेहत के लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है. यह हमारे अंदर डर पैदा करता है और हमारे शरीर को नाश्ते की जरूरत हो या नहीं, हम इसको प्राथमिकता देना शुरू कर देते हैं.

यह एक तथ्य है कि हमारे न्यूट्रीशनल चार्ट को बड़े पैमाने पर दिग्गज सीरीएल कंपनियों और फूड लॉबी द्वारा फाइनेंस किया जाता है.
(Photo: iStockphoto)
ADVERTISEMENT

शरीर की मांग के साथ तालमेल जरूरी

एक बार जब आप अपने खाने की आदतों का अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से तालमेल बिठाना शुरू कर देते हैं, तो आप यह महसूस करेंगे कि नियमित अंतराल पर किया जाना वाला उपवास (जो कि बदकिस्मती से वजन कम करने वाला डाइट प्लान बन कर रह गया है) हमारे लिए कितना स्वाभाविक रूप से आता है.

नियमित अंतराल पर उपवास (इंटरमिटेंट फास्टिंग) खाने का सबसे प्राकृतिक तरीका है, क्योंकि यह हमारे शरीर में दो चरणों को मौका देता है. आप दिन का पहला भोजन सिर्फ तभी खाएं जब आप सचमुच में भूखे हों.

नाश्ते के बारे में सलाह हर शख्स के हर दिन के लिए अलग-अलग हो सकती है. अपने शरीर के साथ तालमेल बिठाना बहुत जरूरी है क्योंकि एक बार जब आप इसे सीख लेते हैं, तो यह आपकी जिंदगी का ढर्रा बन जाता है.

ये जानना जरूरी है कि यह एकदम आसान प्राकृतिक प्रक्रिया आपकी लाइफस्टाइल, हेल्थ, वजन, एसिडिटी, इम्यूनिटी और आपकी पूरी सेहत से जुड़ी हर चीज के लिए फायदेमंद हो सकती है.

ADVERTISEMENT

(ल्यूक कोटिन्हो इंटीग्रेटिव मेडिसिन- होलिस्टिक लाइफस्टाइल कोच हैं. वह मरीजों का इलाज करते हैं और दुनिया भर में होलिस्टिक और इंटीग्रेटिव पद्धति से कैंसर के ट्रीटमेंट में माहिर हैं.

(FIT अब टेलीग्राम और वाट्सएप पर भी उपलब्ध है. जिन विषयों की आप परवाह करते हैं, उन पर चुनिंदा स्टोरी पाने के लिए, हमारे Telegram और WhatsApp चैनल को सब्सक्राइब करें.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
और खबरें
×
×