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नहीं, गोमूत्र पीने से कैंसर ठीक नहीं हो सकता, साध्वी प्रज्ञा

साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि गौमूत्र और पंचगव्य से उनका कैंसर ठीक हो गया.

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भारत में हर साल करीब एक लाख महिलाओं की मौत ब्रेस्ट कैंसर के कारण होती है, जो किसी भी एशियाई देश में सबसे ज्यादा है और अमेरिका की तुलना में दोगुना है. भारत में हर आठ में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में है. भारत में ब्रेस्ट कैंसर के हर दो नए मामलों में एक महिला की मौत हो जाती है.

अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतना, बीमारी का देर से पता चलना और बेहतर हेल्थकेयर सुविधाओं की कमी के कारण महिलाएं जब तक इलाज के लिए पहुंचती हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है.

इसके अलावा मिथ, फेक न्यूज और इलाज के तौर पर गलत दावे, यहां तक की किसी बीमारी को लेकर हमारे नेताओं के बयान भी हालात को और बिगाड़ देते हैं. अब भारतीय जनता पार्टी की ओर से भोपाल में चुनाव लड़ने जा रही और मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी ‘साध्वी’ प्रज्ञा ठाकुर ने ब्रेस्ट कैंसर और बीपी का इलाज बताया है.

साध्वी प्रज्ञा के इंटरव्यू का प्रमोशन करते हुए इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने बीजेपी प्रत्याशी के खास इलाज का तरीका ट्वीट किया.

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इंटरव्यू के पहले हिस्से में प्रज्ञा ठाकुर बताती हैं कि जब जांच में आया कि कैंसर हो सकता है, तब कैंसर का ऑपरेशन हुआ, रिपोर्ट के आधार पर इलाज हुआ. फिर इंटरव्यू के अगले हिस्से में वो दावा करती हैं कि उन्होंने गोमूत्र और पंचगव्य के जरिए कैंसर ठीक किया.

उन्होंने कहा, 'मैं कैंसर की पेशेंट, मैंने गोमूत्र से और पंचगव्य से बनी औषधियों से अपने को ठीक किया, अपना कैंसर ठीक किया.' उन्होंने बताया गाय का घी, गाय का दूध, गोमूत्र, गोबर, दही ऐसे पांच चीजों को मिलाकर हम पंचगव्य बनाते हैं.

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गोमूत्र, एंटीमाइक्रोबियल गुण और इलाज

गोमूत्र के सूक्ष्मजीवरोधी गुणों को लेकर काफी बातें होती रहती हैं. हाल ही में जूनागढ़ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में रिसर्चर्स ने चार तरह के कैंसर (जिसमें ब्रेस्ट कैंसर शामिल नहीं था) पर कुछ टेस्ट किए. इसमें दावा किया गया कि गोमूत्र (गिर गाय, जिसे देसी गाय भी कहते हैं) कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. वहीं जाफराबादी भैंस, जर्सी गाय और होलस्टीन फ्रेशियन के पेशाब के अर्क में ऐसे परिणाम नहीं देखे गए.

लेकिन ऑन्कोलॉजिस्ट और वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दावे पर कोई साइंटिफिक स्टडी नहीं हुई है.

हमने लीडिंग डॉक्टर्स से इस दावे पर बात की:

ये ‘पंतजलि आयुर्वेद’ के लिए रिसर्च का आदर्श मामला हो सकता है. विज्ञान पर भरोसा करते हुए मैंने चीजों को सिरे से खारिज करना नहीं सीखा है, लेकिन प्रामाणिक साक्ष्य की तलाश करना जरूरी है. 
डॉ समीर कौल, ऑन्कोलॉजिस्ट
आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों में शोध करने के तौर-तरीके अलग-अलग हैं. पंचगव्य की भूमिका हो सकती है, लेकिन हमें इन दावों का समर्थन करने के लिए विश्वसनीय साक्ष्य चाहिए. अगर पेशेंट लास्ट स्टेज में है, तो डॉक्टर अक्सर रोगियों को बताते हैं कि वे कोई नुकसान नहीं होने पर उपचार के दूसरे तरीकों का पता लगाने के लिए स्वतंत्र हैं.
डॉ अश्विनी सेतिया, गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट
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गाय और ब्लड प्रेशर

जर्नलिस्ट के साथ गोशाला पहुंची प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गाय पर हाथ फेरते हुए कहा कि गाय के पिछले हिस्से से आगे की तरफ हाथ फेरने से हमारा बीपी ठीक होता है.

फिट ने इस सिलसिले में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट और हेड डॉ अशोक सेठ से बात की.

हम विज्ञान पर आधारित आयुर्वेद और दूसरी पारंपरिक दवाइयों पर यकीन रखते हैं. लेकिन किसी को भी लोगों की कही बातों, मिथ और घरेलू नुस्खों पर आश्रित नहीं होना चाहिए, खासकर तब जब इलाज न मिलने से आपकी बीमारी बढ़ रही हो. 

उन्होंने कहा, 'हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियां काफी गंभीर होती हैं और इन मामलों में बेहतर इलाज की जरूरत होती है.'

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